अन्य ग्रहों पर ‘जीवन’ की संभावनाएं तलाशता मानव

Edited By ,Updated: 09 Sep, 2019 01:17 AM

human exploring the possibilities of  life  on other planets

यदि हम जीवन को विकासवादी दृष्टिकोण से देखें तो महत्वपूर्ण उपलब्धियां क्या हैं? वे हैं 350 करोड़ वर्ष पहले एक कोशिका में पृथ्वी पर जीवन का प्रारंभ। अगला कदम था बहु कोशिकीय जीवन, फिर स्तनधारियों का विकास और अन्य जटिल प्राणी। इसके बाद समुद्र से धरती पर...

यदि हम जीवन को विकासवादी दृष्टिकोण से देखें तो महत्वपूर्ण उपलब्धियां क्या हैं? वे हैं 350 करोड़ वर्ष पहले एक कोशिका में पृथ्वी पर जीवन का प्रारंभ। अगला कदम था बहु कोशिकीय जीवन, फिर स्तनधारियों का विकास और अन्य जटिल प्राणी। इसके बाद समुद्र से धरती पर जीवन का विकास और फिर विवेक का विकास। इसी कड़ी में हम वर्तमान समय तक पहुंचते हैं। 

इतने बड़े पैमाने पर अगला कदम क्या होगा? यह स्पष्ट हो जाता है कि जब हम इस ग्रह पर अपने जीवन को  विकासवादी दृष्टिकोण से देखते हैं तो  कला तथा संस्कृति और भाषा जैसी चीजें ज्यादा मायने नहीं रखतीं। मानव जाति ने जो युद्ध लड़े हैं और जिस तरह से हमें इतिहास पढ़ाया जाता है और समझा जाता है वह अधिक महत्वपूर्ण नहीं रह गया है। इतिहास के सभी महान पुरुष और महिलाएं भी अप्रासंगिक हो जाते हैं। इतने बड़े पैमाने पर अगला कदम होगा जीवन और चेतना को बहुग्रही बनाना अर्थात इसे धरती से बाहर ले जाना और हमारे सौर मंडल में अन्य ग्रहों पर मानव सभ्यता का विकास। जब हम इतिहास और विकास को इस दृष्टिकोण से देखते हैं देशों के संबंध में हमारे मतभेद और धर्म छोटी और अर्थहीन चीजें लगती हैं। 

हमें चंद्रयान की असफलता को इस दृष्टिकोण से देखना चाहिए। इसका मकसद चंद्रमा पर बर्फ की शक्ल में पानी की संभावना तलाशना था। चांद पर पानी का होना ही बहुग्रही जीवन की दिशा में पहला कदम होगा इसलिए वहां पर पानी की तलाश और उसका इस्तेमाल महत्वपूर्ण है। 

धरती का गरुत्वाकर्षण
अंतरिक्ष में हमारी यात्रा के दौरान वहां ले जाई जाने वाली चीजों के संबंध में धरती का गुरुत्वाकर्षण महत्वपूर्ण है। रॉकेट का 10 प्रतिशत से कम भार कक्षा में स्थापित किया जा सकता है। बाकी 90 प्रतिशत ईंधन और कंटेनर के तौर पर पहले कुछ मिनटों में खर्च हो जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कक्षा में जाने का मतलब है 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड हासिल करना। यदि अंतरिक्ष में कोई वस्तु इससे कम गति में चलती है तो धरती के गुरुत्वाकर्षण के कारण यह वापस धरती पर आ जाएगी। 

यदि हमें 4 वर्ष या उससे अधिक यात्रा पर जाना हो (मंगल पर जाने और वापस आने में कम से कम इतना समय लगेगा) तो हम उसके लिए जरूरी मात्रा में भोजन, पानी और ईंधन अपने साथ नहीं ले जा सकते। उन्हें वहां ले जाना अथवा कहीं और उगाना या बनाना पड़ेगा। हममें से बहुत लोग गरीब देशों में इस तरह के खर्च के प्रशंसक नहीं हैं लेकिन यहां कुछ अन्य बातों पर भी विचार करना जरूरी है। मैं पहले भी लिख चुका हूं कि कैसे अंतरिक्ष की खोजबीन हम सब के लिए अधिक खुले दिमाग का रास्ता हो सकती है। जीवन के विकास के बारे में और इसके पैमाने तथा यह कैसे अंतरिक्ष यात्रा में फिट बैठता है इसके बारे में सोचने से कई वर्तमान मुद्दों पर हमारी धारणा बदल जाएगी। 

सफलता और असफलता
कोई असफल प्रयास तभी असफलता या नुक्सान माना जाएगा यदि हम इससे कोई भी सबक न लें। अंतरिक्ष खतरनाक है और जब मानव  अगला विकासवादी कदम उठाता है तो कई प्रयास असफल भी होते हैं। विश्व की सबसे बड़ी अंतरिक्ष कम्पनी स्पेस एक्स दुनिया की पहली निजी कम्पनी थी जिसने 10 वर्ष पहले एक रॉकेट को कक्षा में स्थापित किया था। यह अपने पहले तीन प्रयासों में असफल रही और चौथे एवं अंतिम प्रयास में सफल हो सकी। उस समय इसके पास केवल चौथे प्रयास के लिए ही धन बचा था। आज, एक दशक बाद यह कम्पनी मानव को मंगल ग्रह पर ले जाने के लिए विशाल रॉकेटों का निर्माण कर रही है। 

आधुनिक समय में कम्प्यूटरों की शक्ति के कारण दुनिया में तकनीक असाधारण तेजी से विकसित हो रही है। हमारे जीवनकाल में ही, बल्कि कुछ ही वर्षों में हम ऐसी उपलब्धियां हासिल होते देखेंगे जिनकी आज हम कल्पना भी नहीं कर सकते। एक समय आने पर धरती जीवन धारण करने के योग्य नहीं रहेगी और यह एक वास्तविकता है। किसी ग्रह के टकराने अथवा किसी अन्य प्राकृतिक प्रलय से धरती पर जीवन समाप्त हो जाएगा। यदि और कुछ न हो तो कुछ करोड़ वर्षों में  सूर्य अपनी ऊर्जा खो देगा। 

मनुष्यों तथा चेतन प्राणियों के लिए अस्तित्व का एकमात्र तरीका ब्रह्मांड में अन्य स्थान पर जाना होगा। हमें इसरो, नासा, चीनी अंतरिक्ष एजैंसी तथा स्पेस एक्स सभी के प्रयासों को एक साथ संयुक्त तौर पर मानवता के प्रयासों के तौर पर देखना चाहिए।-आकार पटेल

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