मोदी के संबोधन से पूर्व ‘परिकल्पनाएं’ मन में जागती हैं

Edited By ,Updated: 22 Oct, 2020 03:35 AM

hypotheses  arise in the mind before modi s address

कोविड के पिछले आठ महीनों के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र को सातवीं बार मीडिया के माध्यम से संबोधित किया है। जब-जब भी राष्ट्र को संबोधित करने की घोषणा का समय आता है तब-तब अटकलें और परिकल्पनाएं मन में जागती हैं क्योंकि पूर्व में मोदी ने...

कोविड के पिछले आठ महीनों के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र को सातवीं बार मीडिया के माध्यम से संबोधित किया है। जब-जब भी राष्ट्र को संबोधित करने की घोषणा का समय आता है तब-तब अटकलें और परिकल्पनाएं मन में जागती हैं क्योंकि पूर्व में मोदी ने कई अचरज प्रकट किए हैं। इसमें 2016 में उनके नोटबंदी से संबंधित 4 घंटे का संबोधन भी शामिल है तथा उसके बाद मार्च में अचानक ही लॉकडाऊन की घोषणा का नोटिस भी शामिल है। पिछले संबोधन जिसमें उन्होंने लोगों को बिजली बंद रखने तथा दीये और मोमबत्तियां जलाने के लिए आह्वान किया था अभी तक इस कहानी से पर्दा नहीं उठ पाया है कि आखिर उन्होंने ऐसा क्यों करवाया। 

मंगलवार को राष्ट्र को अपने संबोधन के दौरान जो कुछ उन्होंने कहा उसके साथ किसी को कोई सरोकार नहीं हो सकता। इस संबोधन में आश्चर्यों पर कोई रोशनी नहीं डाली तथा त्यौहारी मौसम के दौरान प्रत्येक को सचेत तथा ध्यानपूर्वक रहने के लिए समय से पूर्व याद दिलाया गया। 12 मिनटों के संबोधन में शायद यह उनका सबसे छोटा संबोधन रहा होगा, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि हालांकि नए कोविड पॉजिटिव मामलों की संख्या में महत्वपूर्ण गिरावट हुई है, इसका मतलब यह नहीं कि महामारी खत्म हो गई। उन्होंने विशेष तौर पर इस बात का उल्लेख किया कि त्यौहारी मौसम के दौरान बड़ी गिनती के इकट्ठा को लेकर खतरा बना रहता है। 2 गज की दूरी तथा सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनने का उन्होंने उपदेश दिया। यह बात उन लोगों के लिए कही गई जो ऐसे उपायों को ज्यादा तरजीह नहीं देते। हालांकि सभी लोग ऐसी बातों पर ध्यान दे रहे हैं। 

देश भर में मार्कीटें तथा अन्य स्थल सामान्य जीवन की पटरी पर लौट रहे हैं। न केवल अशिक्षित या गरीब बल्कि शिक्षित लोग जो अपनी खुशहाली का दम भरते हैं वह भी गैर-जिम्मेदाराना बर्ताव करते हैं। हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर भीड़ जमा हो रही है मानो कि कोविड खत्म हो गया है। बड़ी संख्या में परिवारों सहित लोग अपना ही नहीं बल्कि स्थानीय लोगों के जीवन को भी खतरे में डाल रहे हैं। ऐसे लोग यह नहीं समझ पा रहे कि वह दूसरों का जीवन भी खतरे में डाल रहे हैं बल्कि अपने परिवार, रिश्तेदारों, पड़ोसियों तथा सहयोगियों को भी खतरे में डाल रहे हंै। जिन्होंने कोविड के चलते अपनों  को खो दिया  उनको जरूर मिलना चाहिए और ऐसे लोगों को भी मिलना चाहिए जो कोविड को मात देकर लौटे हैं। ऐसी कामना करनी चाहिए कि जिस तरह से कोविड को लोगों ने झेला है वह दुश्मन भी कभी न झेले। कोविड से बचने वाले अभी भी स्वास्थ्य से जूझ रहे हैं और शोध ने यह दर्शाया है कि इनमें से कई लोग आगे भी निरंतर जूझेंगे। 

अभी भी ज्यादातर लोगों ने महामारी को लेकर अपनी आंखें मूंद रखी हैं तथा कान बंद रखे हुए हैं। इस संदर्भ में प्रधानमंत्री का समय पर सचेत रहने के भाषण को गंभीरतापूर्वक लेना चाहिए। उन्होंने लोगों को कहा कि बेशक लॉकडाऊन खत्म हो चुका है मगर वायरस अभी खत्म नहीं हुआ। उन्होंने लोगों को स्पष्ट रूप से कहा कि अपने गैर-जिम्मेदार बर्ताव से लोग अपने परिवार, बच्चों तथा बड़े बुजुर्गों का जीवन खतरे में डाल रहे हैं और ऐसा वह सावधानियां न बरत कर कर रहे हैं।

उन्होंने अपनी सरकार को भी थपथपाया तथा ऐसे आंकड़े दर्शाए जो ऊंची रिकवरी दर तथा कम मृत्युदर को प्रकट करते हैं। ये आंकड़े अन्य विकसित देशों की तुलना में बेहतर हैं। भविष्य के इतिहासकार तथा शोधकत्र्ता सरकार के कार्यों तथा उसकी निष्क्रियता पर बेहतर जज साबित होंगे। वह इस बात को परखेंगे कि क्या लॉकडाऊन के अचानक लग जाने से महामारी के फैलाव पर नियंत्रण लगा या फिर लाखों प्रवासियों की दुर्दशा सही हुई। वह इस बात को भी जांचेंगे कि क्या देश की अर्थव्यवस्था को हुई क्षति पर अंकुश लगाया जा सकता है। 

लोगों को मोदी की अपील पर ध्यान देना चाहिए जब तक कि कोई वैकसीन विकसित नहीं हो जाती। देशवासियों को पूरी ईमानदारी से नियमों की पालना करनी चाहिए। इसके अलावा डाक्टरों तथा मैडीकल स्टाफ ने अपनी सेवाएं देकर एक उत्कृष्ट कार्य किया है। ये सेवाएं संकट की घड़ी में दी गई हैं। स्वयं सेवकों ने भी बड़ी गिनती में लोगों की जरूरतों को देखते हुए उनकी मदद की है। इसके लिए राष्ट्र सदैव ही उनका ऋणी रहेगा।  हम सभी को एक जिम्मेदार नागरिक की तरह कार्य करने की जरूरत है। इस संदर्भ में प्रत्येक नागरिक एक कोविड वॉरियर है।-विपिन पब्बी 
 

Trending Topics

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!