‘तुम किसी और को चाहोगी तो मुश्किल होगी’

Edited By ,Updated: 30 Nov, 2021 04:38 AM

if you want someone else it will be difficult

एक लड़की के शादी से मना करने पर लड़के ने उसे ताबड़-तोड़ कई बार चाकू मारे। एक अन्य मामले में लड़के ने पहले लड़की को गोली मारी, फिर दूसरे कमरे में जाकर खुद को गोली मार कर खुदकुशी कर ली। लड़का लड़की

एक लड़की के शादी से मना करने पर लड़के ने उसे ताबड़-तोड़ कई बार चाकू मारे। एक अन्य मामले में लड़के ने पहले लड़की को गोली मारी, फिर दूसरे कमरे में जाकर खुद को गोली मार कर खुदकुशी कर ली। लड़का लड़की की शादी कहीं और तय हो जाने से नाराज था। एक अन्य जोड़े का कुछ दिन पूर्व ही विवाह हुआ था। 

लड़की का प्रेमी उसका भाई बनकर ससुराल आने लगा। पति को कुछ शक हुआ तो उसने पत्नी से उससे मिलने-जुलने को मना किया। बस पत्नी ने एक रात पति को बहुत शराब पिलाई। फिर फोन करके प्रेमी को बुलाया। दोनों ने मिलकर पति को गला घोंटकर मार दिया। फिर रातों-रात लाश को कच्चे आंगन में गाड़ दिया और दोनों घर से भाग गए। जब वह कई दिनों तक नहीं दिखा तो पड़ोसियों को कुछ शक हुआ। किसी ने पुलिस में शिकायत कर दी। पुलिस ने खोजबीन की तो ताजा लिपा आंगन देखकर शक उधर ही गया। आंगन खोदकर पति की लाश को बाहर निकाला गया। पत्नी और उसका प्रेमी भी पकड़े गए। 

दिल्ली में एक घटना में दहेज का चैक बाऊंस हो जाने पर पति ने पत्नी को बिजली की तार से गला घोंट कर मार दिया। हालांकि पति महोदय दिल्ली के एक कालेज में पढ़ाते हैं। हाल ही में शादी हुई थी। पत्नी के घर वालों ने पहले ही उसकी हत्या की आशंका जताई थी। 

पुलिस में शिकायत भी की थी लेकिन लालची पति से लड़की की जान नहीं बचाई जा सकी। एक दूसरी घटना में घर वालों ने प्रेमी से मिलने से मना किया तो लड़की ने सारे घर वालों को दूध में मिला कर जहर दे दिया। लड़की आज जेल में है और वर्षों से फांसी का इंतजार कर रही है। आजकल ऐसी खबरें हर रोज ही पढऩे-सुनने को मिलती हैं और ये किसी धर्म, सम्प्रदाय, जाति, लिंग तक सीमित नहीं हैं। 

क्या यह देखकर आश्चर्य नहीं होता कि हमारे युवाओं में इतना अधैर्य कहां से आ गया? जीवन इतना सस्ता क्यों हो चला है कि मामूली बात पर या तो जान ले लेंगे या जान दे देंगे। जीवन 21वीं सदी में है। दिलचस्प है कि तमाम तरह की तकनीकी सुविधाएं हैं। पहले के मुकाबले मिलने-जुलने, बातचीत करने के हजार मौके हैं। नए से नए गैजेट्स हैं। उनके होने का अहंकार भी है। उडऩे की चाहत है, अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत भी है लेकिन मामूली बातों पर इतना गुस्सा भी है। 

इसके अलावा पजैसिवनैस की वह भावना अभी तक खत्म नहीं हुई कि जिस लड़की को चाहते हैं, उससे शादी नहीं हुई या उसने शादी से मना कर दिया तो उसकी जान ले लो। बहुत-से लड़कों के मन में अभी तक उस गाने ने जगह बनाई हुई है कि ‘तुम किसी और को चाहोगी तो मुश्किल होगी’। ऐसे लोगों को कई बार सिरफिरा आशिक या मनचला कहकर जाने-अनजाने अपराध की इन्टैसिटी यानी तीव्रता कम करने की कोशिश की जाती है। 

देखने वाली बात यह भी है कि सिर्फ लड़के ही नहीं, लड़कियां भी अब ऐसा करने लगी हैं। माता-पिता के दबाव में किसी और से शादी हो भी जाए तो कई बार विदा होने के बाद रास्ते से ही फुर्र हो जाती हैं। या मोबाइल के जरिए प्रेमी से सांठ-गांठ करके पति को ठिकाने लगा देती हैं। समय बदला है, हम अपने निजी मामलों में अपनी इच्छा के मालिक भी होना चाहते हैं, लेकिन इच्छा पूरी करने के लिए ऐसे अपराध करने लगे कि इच्छा तो पूरी हुई नहीं, जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए। 

कोई भी रिश्ता फास्ट फूड की तरह नहीं होता कि इधर रिश्ता बना और उधर हमारी मनचाही स्थिति की तरफ पहुंचा। कहा जाता है न कि रिश्ते बनाना बहुत आसान है, उन्हें निभाना मुश्किल है। उन्हें हमेशा सहेजना पड़ता है। सिर्फ अपनी ही नहीं, दूसरे की इच्छाओं को भी समझना पड़ता है। हर रिश्ते को समय-समय पर रिन्यू करना पड़ता है। प्रेम, शादी-ब्याह, दहेज के मसले अपराधों के लिए उकसाएं, क्या हमें यह बिल्कुल भी  निंदनीय नहीं लगता? कैसी 21वीं सदी और कैसी अधिकार चेतना। 

अपराध को अंजाम देते हुए कभी यह अहसास नहीं होता कि बच नहीं पाएंगे, पकड़े भी जा सकते हैं या यह लगता है कि जैसे और बच निकले हम भी बच निकलेंगे। अथवा जिंदगी के प्रति कोई मोह ही नहीं। एक बात मन के खिलाफ हो तो लगे दुनिया का अंत हो गया। दुनिया का अंत तो क्या होता है, अपनी जिंदगी जरूर खत्म हो जाती है या तरह-तरह की मुसीबतों में फंस जाते हैं।-क्षमा शर्मा
 

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