‘ऑनलाइन’ दवाओं का बढ़ता बाजार

Edited By Pardeep,Updated: 17 Sep, 2018 05:01 AM

increasing market of  online  drugs

पिछले 5 वर्ष में सिर्फ 5 ऑनलाइन फार्मेसी कम्पनियों ने 1700 करोड़ का कारोबार किया। इस राशि का बड़ा हिस्सा इन कम्पनियों ने अपना व्यापार बढ़ाने तथा लोगों को कैमिस्टों की दुकानों की बजाय दवाओं की ऑनलाइन खरीदारी के लिए प्रोत्साहित करने हेतु इस्तेमाल...

पिछले 5 वर्ष में सिर्फ 5 ऑनलाइन फार्मेसी कम्पनियों ने 1700 करोड़ का कारोबार किया। इस राशि का बड़ा हिस्सा इन कम्पनियों ने अपना व्यापार बढ़ाने तथा लोगों को कैमिस्टों की दुकानों की बजाय दवाओं की ऑनलाइन खरीदारी के लिए प्रोत्साहित करने हेतु इस्तेमाल किया। 

यदि ऑनलाइन मैडीकल स्टोरों की कमाई का बड़ा हिस्सा जागरूकता फैलाने, मार्कीटिंग तथा ब्रांड वैल्यू और भारी डिस्काऊंट देने में खर्च किया जाएगा तो फिर ये ऑनलाइन मैडीकल स्टोर तरक्की कैसे करेंगे? इसके अलावा वह डिस्काऊंट देने में कैसे सक्षम हो जाते हैं। सभी ऑनलाइन मैडीकल स्टोर मालिकों का इस बारे में एक ही जवाब है कि दवा उत्पादों की बिक्री में अच्छा-खासा मुनाफा होता है और वे अपनी सप्लाई चेन को और ज्यादा बढ़ाकर लाभ कमाना चाहते हैं। एक फार्मेसी मालिक ने बताया कि किसी भी उत्पाद पर उन्हें 25-30 प्रतिशत लाभ मिलता है। इस कारण हम अपने नियमित ग्राहकों को 10 प्रतिशत तक डिस्काऊंट आसानी से दे सकते हैं। 

इस समय ऑनलाइन फार्मेसी का बाजार भारत के पूरे दवा कारोबार का एक प्रतिशत से भी कम हिस्सा है। परन्तु उपभोक्ताओं में जागरूकता की कमी के कारण यह बाजार ज्यादा विकसित नहीं हो पाया है क्योंकि लोग अभी भी घरों के समीप स्थित मैडीकल स्टोरों पर निर्भर हैं। यदि दवाएं बड़ी मात्रा में और सीधे उत्पादकों से मंगवाई जाती हैं लाभ और भी ज्यादा हो सकता है क्योंकि स्थानीय दुकानदार वितरकों पर निर्भर होते हैं। महाराष्ट्र रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश का कहना है कि ऑफलाइन मैडीकल स्टोर संचालक जानते हैं कि उन्हें अपने ऑनलाइन प्रतिद्वंद्वियों से खतरा है इसलिए उन्होंने भी दवाओं पर छूट देनी शुरू कर दी है। रिटेल दवा कारोबार के लिए यह एक चिंताजनक ट्रैंड है क्योंकि दोनों के लाभ में 20 प्रतिशत का अंतर है। डिस्काऊंट की अनुमति नहीं होनी चाहिए अथवा इसकी सीमा तय की जानी चाहिए।

उनका यह भी मानना है कि होलसेल लाइसैंस केवल रिटेलरों को जारी होने चाहिएं तथा दवाओं की सप्लाई भी केवल वर्तमान रिटेल आऊटलैट के माध्यम से होनी चाहिए। ऑनलाइन फार्मेसियां कई कम्पनियों में बंटी होती हैं। नैटमैड्स कम्पनी के संस्थापक प्रदीप ने बताया कि हम दवाएं उपलब्ध करवाने में सहायता करते हैं तथा अन्य विक्रेता और वेयरहाऊसिंग विशेषज्ञ बैकएंड को सम्भालते हैं। इसकी शुरूआत से लेकर पिछले 3 साल में नैटमैड्स ऑनलाइन दवा बाजार के क्षेत्र में एक बड़े खिलाड़ी के रूप में उभरा है तथा इसने 99 मिलियन डालर इक_े किए हैं। इसकी घोषणा 10 दिन पहले ही की गई। फार्म ईजी के सह-संस्थापक डा. धवल शाह का कहना है कि हमारा बिजनैस मॉडल लम्बे समय तक चलने वाला है और इसमें नुक्सान की कोई सम्भावना नहीं है।-ए. शेख

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