‘खेलेगा इंडिया तभी तो खिलेगा इंडिया’

Edited By ,Updated: 24 Jan, 2021 05:28 AM

india will play only then india will blossom

देश के युवाओं के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का मंत्र ‘खेलेगा इंडिया तो खिलेगा इंडिया’ देश में पिछले कुछ सालों में खेल के प्रति समझ में बदलाव लाने का मुख्य कारक रहा है। खेलों को एक समय में ज्यादातर लोग पढ़ाई से अलग सिर्फ ए

देश के युवाओं के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का मंत्र ‘खेलेगा इंडिया तो खिलेगा इंडिया’ देश में पिछले कुछ सालों में खेल के प्रति समझ में बदलाव लाने का मुख्य कारक रहा है। खेलों को एक समय में ज्यादातर लोग पढ़ाई से अलग सिर्फ एक मनोरंजक गतिविधि मानते थे, लेकिन अब यह केन्द्र में आ गया है। 

युवा मामलों और खेल मंत्रालय द्वारा अपनाई गई योजनाओं-‘चाहे वह खेलो इंडिया हो, टारगेट ओलिम्पिक पोडियम स्कीम हो या फिट इंडिया मूवमैंट’ हो, ने खेलों में गंभीरतापूर्वक अपना करियर बनाने के लिए युवा मानस को प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है और अब इस दिशा में बढऩे वालों की संख्या दिनों-दिन बढ़ रही है। 

खासतौर से बालिका एथलीटों के लिए सहानुभूति और समावेश परिवर्तनकारी एवं महत्वपूर्ण साबित हुआ है। अब जब हम राष्ट्रीय बालिका दिवस मना रहे हैं तो यह देखना जरूरी है कि हमारी सरकार ने ‘‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’’ के लक्ष्य को लेकर क्या कार्यनीति अपनाई है जिसके परिणामस्वरूप बालिकाओं और महिलाओं से संबंधित मामलों, खासतौर से खेलों में किस तरह का परिवर्तन आया है। 

पिछले कई वर्षों से भारतीय खेल मंच पर हमारी महिला एथलीटों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि उन्होंने विश्व को दिखा दिया है कि ‘‘भारत की महिला’’ चुनौतियों का सामना करने और विश्व भर में ख्याति प्राप्त करने के लिए तैयार है। 

महिला खिलाडिय़ों के इन शानदार प्रदर्शनों और युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा हाल में किए गए सुधारों के फलस्वरूप खेलों में महिलाओं की समावेशिता और उनकी शिरकत के प्रति जागरूकता पैदा हुई है। इससे युवतियों की एक पूरी पीढ़ी को खेलों में सक्रिय तौर पर भाग लेने की प्रेरणा मिली है। मैं गर्व से कह सकता हूं कि आने वाले टोक्यो ओलिम्पिक्स के लिए योग्य घोषित कुल भारतीय एथलीट्स में से 43 प्रतिशत महिला एथलीट हैं। भारत को खेलों के मामले में महाशक्ति का दर्जा दिलाने के लिए महत्वपूर्ण है कि बिल्कुल शुरूआती स्तर से ही बच्चों की खेलों में प्रतिभागिता बढ़ाई जाए। 

एक विस्तृत प्रतिभागिता आधार बनाकर यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि बड़ी संख्या में बच्चे खेल को अपने करियर के तौर पर अपनाएं। यह महत्वपूर्ण है कि इस प्रतिभागिता आधार का 50 प्रतिशत हिस्सा युवतियों के नाम हो और किसी भी कीमत पर उन्हें पीछे नहीं छोड़ा जाए। मेरा हमेशा से ही यह सुदृढ़ विचार है कि खेल सामाजिक आॢथक विकास का एक प्रभावशाली हथियार हैं। युवा मामले एवं खेल मंत्रालय लैंगिक समानता को बेहद महत्वपूर्ण मानता है और इस दिशा में काम कर रहा है। 

खेलों में शिरकत करने से युवतियों और महिलाओं के न सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्यमें सुधार और उनका चारित्रिक निर्माण होगा बल्कि वे समाज में सुधार लाने और मानव मात्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकेंगी। भारत के विकास संबंधी दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के प्रयासों के तहत हमारा मंत्रालय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ रणनीतिक सहयोग करने की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है। हर वर्ष 24 जनवरी को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय बालिका दिवस हमारे राष्ट्रीय लोकाचार के लिए बेहद प्रासंगिक है।-किरन रिजिजू (केन्द्रीय युवा मामले एवं खेल राज्य  मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!