आई.एस.आई.एस. के आतंकियों की नर्सरी के रूप में उभर रहा है महाराष्ट्र

Edited By ,Updated: 31 Jan, 2017 12:47 AM

isis  nursery of terrorists is emerging as maharashtra

‘दाएष’ यानी आई.एस.आई.एस. से संबंध रखने के रूप में गिरफ्तार किए गए 52 लोगों में से 12 केवल महाराष्ट्र से संबंधित होने के कारण ऐसा लगता है कि यह ...

‘दाएष’ यानी आई.एस.आई.एस. से संबंध रखने के रूप में गिरफ्तार किए गए 52 लोगों में से 12 केवल महाराष्ट्र से संबंधित होने के कारण ऐसा लगता है कि यह राज्य आतंकवादियों की नर्सरी के रूप में उभर रहा है। गत 2 वर्षों दौरान राष्ट्रीय जांच एजैंसी (एन.आई.ए.) ने जो 64 संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार किए हैं उनमें से 52 का संबंध दाएष से है।

इनमें से 12 केवल महाराष्ट्र से संबंधित हैं जबकि  केरल और तेलंगाना से क्रमश: 11 और 10 आतंकी संबंधित हैं। अब तक  एन.आई.ए. द्वारा दाएष से संबंधित  12 मॉड्यूल्स  यानी आतंकी मंडलियों को नंगा किया गया है। इसके फलस्वरूप जहां 52 लोग गिरफ्तार किए गए हैं वहीं 35 अभी भी भगौड़े हैं।

एक अन्य ङ्क्षचताजनक आंकड़ा यह है कि इन गिरफ्तार व्यक्तियों में से 80 प्रतिशत ने औपचारिक शिक्षा ग्रहण की है, जबकि केवल 20 प्रतिशत  ने मदरसों में पढ़ाई की है।  गत 2 वर्षों दौरान दाएष का बढ़ता प्रभाव सुरक्षा एजैंसियों के लिए बहुत ङ्क्षचता का विषय बना हुआ है। 2014 तक भारतीय सुरक्षा एजैंसियां मुख्य तौर पर लश्कर-ए-तोयबा, हिजबुल मुजाहिदीन जैसे पाकिस्तान आधारित  या पाकिस्तान समॢथत संगठनों पर ही ध्यान केन्द्रित किए हुए थीं लेकिन महाराष्ट्र के कल्याण जिले के इंजीनियरिंग छात्र अरीब मजीद की 2014 में गिरफ्तारी ने अधिकारियों को दाएष की चुनौती को गंभीरता से लेने के लिए प्रेरित किया।

मजीद का ‘जेहादीकरण’ ऑनलाइन हुआ था और वह दाएष में शामिल होने के लिए ईराक गया था। बाद में वह भारत लौट आया। एन.आई.ए. के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘मजीद की गिरफ्तारी हमारी  पहली कामयाबी थी। इंटरनैट  और खासतौर पर सोशल मीडिया आतंकियों को युवाओं में से नए रंगरूट तलाश करने के लिए एक आसान मंच उपलब्ध करवाता है।

हमने जो 12 मामले पकड़े हैं उन सभी में संदिग्ध लोग सोशल मीडिया के माध्यम से ही दाएष सरगनाओं के सम्पर्क में आए थे। इस प्रकार की गतिविधियों की मॉनीटरिंग करना सुरक्षा एजैंसियों के लिए एक चुनौती है। लेकिन हमें कुछ प्रारंभिक सफलताएं मिली हैं और हम भविष्य में भी इन ऑनलाइन प्रचार तथा वार्तालापों पर नजर रखेंगे।’’इस अधिकारी ने ‘दाएष’ के जेहादीकरण से प्रभावित भारतीय युवकों की संख्या का खुलासा करने से इंकार कर दिया लेकिन एक अंदाजे के अनुसार यह संख्या 7000 से 8000 के बीच है। इन युवकों में से कुछ सैंकड़े तो ईराक और सीरिया जाने को तैयार बैठे हैं। ऐसी आशंका है कि 50 के लगभग लोग पहले ही वहां जा चुके हैं।

सुरक्षा एजैंसियों को डर है कि वहां से लौटने के बाद वे अकेले-अकेले रूप में देश के अंदर आतंकी हमले कर सकते हैं। एक अधिकारी ने बताया कि हाल ही में एन.आई.ए. ने कोलकाता से दाएष के एक कार्यकत्र्ता अबु मूसा को गिरफ्तार किया है जिसने श्रीनगर जाकर विदेशी पर्यटकों पर हमले करने की योजना बनाई हुई थी।बेशक आमतौर पर यह माना जाता है कि भारत में दाएष की गतिविधियां केवल किशोर रंगरूटों को भर्ती करने तक सीमित हैं, तो भी एन.आई.ए. ने कम से कम तीन मामलों में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया है। हरिद्वार (उत्तराखंड) और परभनी  (महाराष्ट्र)  में गिरफ्तार किए गए गिरोहों से खुलासा हुआ है कि वे देश के अंदर हमले करने की योजना बना रहे थे। ऐसे गिरोहों को नंगा करने में सबसे बड़ी सफलता एन.आई.ए. को तब मिली जब उसने एक साथ देश के विभिन्न भागों से 18 संदिग्धों को गिरफ्तार किया।

एन.आई.ए. के अनुसार देश में दाएष की गतिविधियों का संचालन सीरिया में बैठे शफी अरमार नामक व्यक्ति द्वारा किया जाता है। ऐसा संदेह है कि मालवानी का रहने वाला भारतीय नागरिक एजाज सुल्तान जो अभी-अभी देश से भागने में सफल हुआ है, उसकी सहायता करता था। शफी की आयु 30 वर्ष के आसपास है और वह कर्नाटक के भटकल शहर का रहने वाला है। वह दाएष की महाराष्ट्र में गतिविधियों का भी खासतौर पर संचालन करता है।     (टा.)
 

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