Edited By ,Updated: 17 Mar, 2020 04:32 AM
कोरोना वायरस का प्रकोप दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। इस दौरान ऐसी बात सामने आई है कि महिलाओं के मुकाबले पुरुष कम हाथ धोते हैं। यू.एस. सैंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवैंशन के ऑनलाइन तथ्यों ने 2009 में किए गए एक शोध के खुलासे में बताया है कि मात्र...
कोरोना वायरस का प्रकोप दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है। इस दौरान ऐसी बात सामने आई है कि महिलाओं के मुकाबले पुरुष कम हाथ धोते हैं। यू.एस. सैंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवैंशन के ऑनलाइन तथ्यों ने 2009 में किए गए एक शोध के खुलासे में बताया है कि मात्र 31 प्रतिशत पुरुष तथा 65 प्रतिशत महिलाएं पब्लिक रैस्ट रूम का उपयोग करने के बाद अपने हाथ धोते हैं। ब्रिटिश लाइब्रेरी के शौचालयों में भी यह बात सामने उभर कर आई है। लेखक सतनाम संघेड़ा ने ट्विटर पर इसके प्रति चिंता जताई है।
हालांकि लाइब्रेरी में अपने हाथ धोने के प्रति प्रशासन ने पोस्टर लगा रखे हैं। यहां पर आगंतुकों को अच्छे हाईजीन की महत्ता के बारे में बार-बार याद दिलाया जाता है। कई सर्वे के दौरान यह बात सामने आई है कि ज्यादातर महिलाएं साबुन का इस्तेमाल कर अपने हाथ धोती हैं जोकि पुरुषों की तुलना में अधिक है। 2013 के मिशीगन स्टेट यूनिवॢसटी की फील्ड स्टडी के अनुसार, 4000 लोगों को इस शोध के अनुसार जोड़ा गया है जिसमें पाया गया कि 14.6 प्रतिशत पुरुषों ने बाथरूम का इस्तेमाल करने के बाद अपने हाथ धोए ही नहीं, वहीं 35.1 प्रतिशत लोगों ने बिना साबुन का इस्तेमाल किए अपने हाथ मात्र गीले किए। जबकि महिलाओं में यह प्रतिशत 7.1 तथा 15.1 प्रतिशत था।
यदि आप पुरुषों के बाथरूम में खड़े हो जाएं तथा उन पर ध्यान दें तो आपको पता चलेगा कि यूरीनल का इस्तेमाल करने के पश्चात ज्यादातर पुरुषों ने अपने हाथ धोए ही नहीं। इस बात का खुलासा न्यूयार्क सिटी के पब्लिक रिलेशन अधिकारी ने किया है। कोरोना वायरस बुरी तरह फैलने के उपरांत भी लोग सबक नहीं सीख रहे हैं। सरकार भी बार-बार हाथ धोने के लिए जागरूकता फैला रही है। उधर कई अस्पतालों में महिला मैडीकल स्टाफर्स पुरुष रोगियों के सम्पर्क आने के बाद निरंतर अपने हाथ धोती हैं। महिलाओं में सबसे ज्यादा हाथ धोने की आदत मध्यम आयु वर्ग की महिलाओं में है।