रोजगार पैदा करने के मामले में कृषि क्षेत्र के बाद खनन क्षेत्र

Edited By ,Updated: 10 Apr, 2021 04:25 AM

mining sector after agriculture sector in terms of employment generation

कोविड के बाद की दुनिया के निर्माण के लिए आवश्यक है - धैर्य, दृढ़ता और विजन; ठीक वही सब कुछ जो प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तित्व की खास बातें हैं। वैश्विक महामारी ने पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया और जब सम्पूर्ण विश्व इससे निपटने के लिए सं

कोविड के बाद की दुनिया के निर्माण के लिए आवश्यक है - धैर्य, दृढ़ता और विजन; ठीक वही सब कुछ जो प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तित्व की खास बातें हैं। वैश्विक महामारी ने पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया और जब सम्पूर्ण विश्व इससे निपटने के लिए संघर्ष कर रहा था, तब हमारे प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत के रूप में एक शानदार विजन की घोषणा की। 

केंद्रीय खान और कोयला मंत्री के रूप में, मैं अक्सर इस शानदार पहल के लिए अपने मंत्रालय के योगदान की चर्चा करता हूं। हम प्रत्येक जिले से दैनिक रिपोर्ट का संग्रह कर रहे थे और किसी अन्य के साथ नहीं, बल्कि स्वयं प्रधानमंत्री के साथ विस्तृत विचार-विमर्श कर रहे थे। 18 जून, 2020 को कोयले के वाणिज्यिक खनन की नीलामी के लांच के दौरान, जब प्रधानमंत्री मोदी ने कोयले में दशकों से चल रहे लॉकडाऊन को खत्म करने की बात कही, तो यह क्षेत्र नए अवतार में आने के लिए पूरी तरह से तैयार था। आगामी महीनों में, खनिज खनन क्षेत्र को फिर से तैयार करने के लिए सरकार ने अपनी मशीनरी को चुस्त-दुरुस्त किया। 

रोजगार पैदा करने के मामले में कृषि क्षेत्र के बाद खनन क्षेत्र दूसरे नम्बर पर आता है। यह क्षेत्र, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 1.1 करोड़ लोगों को रोजगार देता है और देश में लगभग 5.5 करोड़ लोगों की आजीविका का निर्वाह करता है। इस क्षेत्र में 1 प्रत्यक्ष नौकरी, रोजगार के 10 अप्रत्यक्ष अवसरों का सृजन करती है। इसी तरह, खनन में 1 प्रतिशत की वृद्धि से औद्योगिक उत्पादन में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जाती है। इस क्षेत्र का महत्व कई गुणा बढ़ जाता है, जब हम अन्य संबद्ध क्षेत्रों पर विचार करते हैं, जो अपने अस्तित्व के लिए खनन क्षेत्र पर निर्भर हैं। 

इस्पात, एल्यूमीनियम, वाणिज्यिक वाहन, रेल परिवहन, बंदरगाह, पोत परिवहन, बिजली उत्पादन आदि क्षेत्र खनन क्षेत्र से निकटता से जुड़े हुए हैं। इसलिए, खनन क्षेत्र को बढ़ावा देने से इन क्षेत्रों को भी प्रोत्साहन मिलेगा, जो साथ मिलकर राष्ट्र के आर्थिक क्षितिज को उज्ज्वल करेंगे। रोजगार के अवसर पैदा करने में खनन क्षेत्र के दूरगामी महत्व को देखते हुए, मोदी सरकार ने इस क्षेत्र के वर्तमान में जी.डी.पी. में 1.75 प्रतिशत योगदान को बढ़ाकर जी.डी.पी. का 2.5 प्रतिशत करने तथा अगले 7 वर्षों में खनिज उत्पादन में 200 प्रतिशत की वृद्धि करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। 

हमने देखा है कि संसाधनों की उच्च गुणवत्ता से युक्त खनन ब्लॉकों को कई वर्षों तक उत्पादन में नहीं लाया गया, जिसके परिणामस्वरूप मूल्यवान राष्ट्रीय खनिज संसाधनों का क्षमता के अनुरूप उपयोग नहीं हो पाया। इनमें से ज्यादातर ब्लॉक, विरासत के मुकद्दमों के कारण बंद पड़े हैं। खनन से संबंधित विरासत के मुकद्दमे एक बाधा बन गए  हैं, क्योंकि अनुदान  देने की समय-अवधि के पहले ही खत्म होने की वजह से ऐसे मामलों को न तो पट्टे पर दिया जा सकता है और कानूनी गतिरोध के कारण न ही उन्हें नीलामी प्रक्रिया में लाया जा सकता है। हमने पारदर्शी नीलामी तंत्र के माध्यम से ऐसे खनिज ब्लॉकों के पुन: आबंटन के मौजूदा प्रावधान में संशोधन किया है। 

2015 से, 143 खनिज ब्लॉकों की भू-वैज्ञानिक रिपोर्ट विभिन्न राज्यों को सौंप दी गई है। ये ब्लॉक नीलामी के लिए तैयार हैं, लेकिन अभी तक राज्यों द्वारा केवल 7 ब्लॉकों की नीलामी की जा सकी है। राष्ट्र के विकास के लिए राष्ट्रीय खनिज संपदा के सर्वोत्तम उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं, जिसके तहत केंद्र सरकार राज्य सरकार के परामर्श से  नीलामी का संचालन कर सकती है, जहां राज्य सरकारें चुनौतियों का सामना कर रही हैं या नीलामी करने में असफल रहती हैं। लंबे समय से आरक्षित और गैर- आरक्षित खानों के बीच के अंतर को दूर करने की मांग चली आ रही थी। हमें पता था कि यह वैसा ही है, जैसे दौड़ में भाग लेना हो और आपका एक पैर बंधा हुआ हो। अब इस तरह का कोई विभेद नहीं है, इसलिए खनिज ब्लॉक की नीलामी में सभी के लिए समान अवसर होंगे। 

प्रधानमंत्री मोदी ने यह सुनिश्चित किया है कि खनिज खनन क्षेत्र, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख स्तम्भ होने की अपनी वास्तविक भूमिका निभाने में सफल हो। कई बैठकों में उन्होंने योजना की दृष्टि को सामने रखा है, जिसमें इस तथ्य को रेखांकित किया गया है कि खनन क्षेत्र, संबद्ध उद्योगों के साथ देश को 5 बिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए विकास-पथ पर निरंतर आगे बढ़ेगा।-प्रह्लाद जोशी (कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री)

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