कोविड-19 की चुनौती को रक्षा मंत्रालय का जवाब

Edited By ,Updated: 07 May, 2021 05:24 AM

ministry of defense responds to the challenge of covid 19

2-3 सप्ताह के दौरान कोविड -19 के मरीजों की संख्या अत्यधिक बढऩे से सदी का सबसे बड़ा संकट उत्पन्न हो गया है। आपातकालीन स्थिति को भांपते हुए हरसंभव संसाधनों को जुटाकर पूरे सरकारी तंत्र ने तुरंत कार्रवाई की। इस अदृश्य और घातक दुश्मन के खिलाफ इस संघर्ष...

2-3 सप्ताह के दौरान कोविड -19 के मरीजों की संख्या अत्यधिक बढऩे से सदी का सबसे बड़ा संकट उत्पन्न हो गया है। आपातकालीन स्थिति को भांपते हुए हरसंभव संसाधनों को जुटाकर पूरे सरकारी तंत्र ने तुरंत कार्रवाई की। इस अदृश्य और घातक दुश्मन के खिलाफ इस संघर्ष में वैज्ञानिक समुदाय, स्वास्थ्य पेशेवरों, नागरिक प्रशासन के साथ ही सशस्त्र बल भी तत्परता से खड़ा है। भारतीय सेना, वायु सेना, नौसेना और डी.जी. ए.एफ.एम.एस., डी.आर.डी.ओ., ओ.एफ.बी., डी.पी.एस.यू., एन.सी.सी., कैंटोनमैंट बोर्ड्स जैसे रक्षा मंत्रालय के अन्य संगठन भी लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए मदद में जुटे हुए हैं। 

आपातकालीन वित्तीय अधिकार : मैंने सशस्त्र बलों को संकट से निपटने के लिए नागरिक प्रशासन को हरसंभव सहायता देने का निर्देश दिया है। लोगों को सशस्त्र बलों की क्षमताओं पर अत्यधिक भरोसा और विश्वास है। सशस्त्र बलों को आपातकालीन वित्तीय शक्तियां प्रदान की गईं, ताकि फार्मेशन कमांडर्स क्वारंटीन सुविधाएं/ अस्पताल स्थापित और उन्हें संचालित कर सकें और महामारी के खिलाफ जंग में चल रहे प्रयासों में सहायता के लिए विभिन्न सेवाओं और आवश्यक कार्यों के प्रावधान करने के अलावा उपकरणों/ वस्तुओं / सामग्री/स्टोर्स की खरीद/ मुर मत का कार्य कर सकें। 

संबंधित राज्य सरकारों के अनुरोध के आधार पर अन्य शहरों में भी ये सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। विभिन्न सैन्य अस्पतालों में लगभग 750 बैड्स को नागरिकों के उपयोग के लिए अलग रखा गया है, जबकि ए.एफ.एम.एस. ने देश भर में 4,000 बैड्स और 585 आई.सी.यू. यूनिट वाले 19 अस्पतालों को नागरिकों के लिए रखा है। दिल्ली में बेस अस्पताल को कोविड अस्पताल में बदल दिया गया है, जिसकी क्षमता को लगभग 400 बैड्स से बढ़ाकर 1,000 बैड्स तक कर दिया गया है। 

डी.आर.डी.ओ. के अस्पताल : डी.आर.डी.ओ. ने नई दिल्ली और लखनऊ में 500-500 बैड्स की कोविड-19 सुविधा स्थापित की है, जबकि अहमदाबाद में 900 बैड्स का अस्पताल बनाया है और पटना के ई.एस.आई.सी. अस्पताल को 500 बैड्स का कोविड अस्पताल बनाया है। अतिरिक्त स्वास्थ्य पेशेवर जुटाए : ए.एफ.एम.एस. ने विभिन्न अस्पतालों में विशेषज्ञों, सुपर स्पैशलिस्ट्स और पैरामैडिक्स सहित अतिरिक्त डाक्टरों को तैनात किया है। मेरे मंत्रालय ने ए.एफ.एम.एस.के. शॉर्ट सर्विस कमीशन डाक्टर्स की सेवाओं को 31 दिस बर, 2021 तक बढ़ा दिया है, जिससे ए.एफ.एम.एस. में 238 और डॉक्टर बढ़ गए हैं। 

लॉजिस्टिक्स में सहायता : मैडीकल ऑक्सीजन की आपूॢर्ति बढ़ाने के लिए भारतीय वायु सेना (आई.ए.एफ.) देश के भीतर और विदेशों में उड़ान भर रही है। आई.ए.एफ. परिवहन विमानों ने 50 उड़ान भर कर विदेश से 1142 मीट्रिक टन क्षमता के 61 ऑक्सीजन कंटेनरों को एयरलि ट किया। देश के भीतर 5 मई,2021 तक 4527 मीट्रिक टन क्षमता के 230 कंटेनरों को 344 उड़ानों के जरिए एयरलि ट किया गया। 

भारतीय नौसेना ने ऑक्सीजन की आवश्यकता को पूरा करने के मिशन में तेजी लाने के लिए अपने जहाजों को तैनात किया है। पहली ऐसी खेप आई.एन.एस. तलवार द्वारा 5 मई को बहरीन से मैंगलोर में लाई गई थी। नौसेना के अन्य जहाज कोलकाता, कोच्चि, तबार, त्रिकंद, जलाश्व और ऐरावत मध्य पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के विभिन्न देशों से लिक्विड मैडीकल ऑक्सीजन से भरे क्रायोजेनिक कंटेनरों और संबंधित चिकित्सा उपकरणों के लदान के लिए तैनात किए गए हैं। 

ऑक्सीजन संयंत्र : डी.आर.डी.ओ. ने पी.एम. केयर्स फंड के तहत 500 मैडीकल ऑक्सीजन संयंत्रों का निर्माण शुरू किया है, जिसके लिए टाटा एडवांस्ड सिस्ट स लिमिटेड, बेंगलुरु को 332 और ट्राइडैंट न्यूमेटिक्स प्राइवेट लिमिटेड, कोयंबटूर को 48 के लिए आपूॢत करने के ऑर्डर मिले हैं। सी.एस.आई.आर. से संबंधित भारतीय पैट्रोलियम संस्थान, देहरादून के साथ काम करने वाले उद्योग 120 संयंत्र तैयार करेंगे। नई दिल्ली में एम्स और आर.एम.एल. अस्पतालों में ऐसे दो संयंत्र स्थापित किए गए हैं।

उम्मीद है कि शेष संयंत्र तीन महीने के भीतर स्थापित हो जाएंगे। इसके अलावा, डी.जी. ए.एफ.एम.एस. द्वारा जर्मनी की एक कंपनी को 23 मोबाइल ऑक्सीजन जैनरेटिंग प्लांट लगाने के ऑर्डर दिए गए हैं। उ मीद है कि एक सप्ताह में इन संयंत्रों की आपूर्ति होगी। इसके अलावा, 23 बड़े आकार (300लि./मि. से 750लि. / मि. क्षमता) के ऑक्सीजन संयंत्र के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। इससे पूरे देश के सैन्य अस्पतालों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिलेगी। 

रक्षा पी.एस.यू द्वारा सहायता : हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एच.ए.एल.)और ऑर्डीनैंस फैक्ट्री बोर्ड सहित विभिन्न डी.पी.एस.यू. अलग-अलग राज्य सरकारों के साथ समन्वय कर देश में कई स्थानों पर अपनी सुविधाओं पर ऑक्सीजन बैड सहित कोविड देखभाल सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। एच.ए.एल. द्वारा स्थापित आई.सी.यू., ऑक्सीजन और वैंटीलेटर सपोर्ट वाला 180 बैड का कोविड केयर सैंटर बेंगलुरु, कर्नाटक में चल रहा है। ओडिशा के कोरापुट में 70 बैड की सुविधा और महाराष्ट्र के नासिक में 40 बैड का अस्पताल भी चालू है। इस स्थिति से निपटने के लिए कैंटोनमैंट बोर्ड भी नागरिक प्रशासन को मदद कर रहे हैं। 

वर्तमान में, 39 कैंटोनमैंट बोर्ड देश के विभिन्न हिस्सों में 40 सामान्य अस्पतालों में 1,240 बैड का प्रबंधन कर रहे हैं। 37 कैंटोनमैंट बोर्ड में ऑक्सीजन सपोर्ट उपलब्ध है। जहां आज पूरा भारत महामारी की मौजूदा स्थिति के खिलाफ संघर्ष में एकजुट है, वहीं सशस्त्र बल भी राष्ट्र को इस आपदा से पार पाने में अतिरिक्त सहायता कर रहे हैं। कठिन समय में बाधाओं का मुकाबला करने का अद य साहस होना चाहिए और यही भावना इस समय देश में है।-राजनाथ सिंह(केंद्रीय रक्षा मंत्री)
 

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