पाकिस्तान में अत्याचार और उत्पीड़न झेल रहे दूसरे समुदायों के अल्पसंख्यक

Edited By ,Updated: 15 Sep, 2020 01:51 AM

minorities of other communities facing atrocities and oppression in pakistan

पाकिस्तान में हिन्दू, सिख और अन्य अल्पसंख्यक ईसाई, अहमदी, बौद्ध, जैन तथा पारसी आदि समुदायों के लोग जाति और धर्म के आधार पर भारी भेदभाव के शिकार हैं और इसी का परिणाम है कि बंटवारे के समय पाकिस्तान में 23 प्रतिशत अल्पसंख्यक

पाकिस्तान में हिन्दू, सिख और अन्य अल्पसंख्यक ईसाई, अहमदी, बौद्ध, जैन तथा पारसी आदि समुदायों के लोग जाति और धर्म के आधार पर भारी भेदभाव के शिकार हैं और इसी का परिणाम है कि बंटवारे के समय पाकिस्तान में 23 प्रतिशत अल्पसंख्यक थे जो अब मात्र 4 प्रतिशत ही रह गए हैं। आज पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय की कन्याओं का बड़े पैमाने पर अपहरण और धर्मांतरण करके उनका विवाह मुसलमान युवकों से करवाने के अलावा अल्पसंख्यकों पर तरह-तरह के अत्याचार किए जा रहे हैं। 

कोरोना संकट के दौरान ही पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों की 40 से अधिक युवतियों के अपहरण और जबरी धर्म परिवर्तन के बाद उनकी मुसलमान युवकों के साथ शादी करवाई गई है। सिंध प्रांत के जिला गोटकी में ‘बरचुन्डी शरीफ दरगाह’ के पीर अब्दुल हक उर्फ मियां मिट्ठू के सहायक द्वारा तथा ‘पीर जान आगा खान सरहंदी’ की दरगाह में अनेक हिन्दू युवतियों को इस्लाम धर्म ग्रहण करवाया गया है। दक्षिण कोरिया के सियोल में रह रहे पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकत्र्ता ‘राहत ऑस्टिन’ के अनुसार अल्पसंख्यक समुदायों की अपहृत बेबस और लाचार युवतियों से हल्फिया बयानों पर हस्ताक्षर करवा लिए जाते हैं ताकि बाद में कोई समस्या पैदा न हो। 

इन युवतियों का धर्म परिवर्तन करवाने वाले अनेक मौलवी भी उनका यौन शोषण करते हैं। धर्मांतरित युवतियों को उनके माता-पिता के साथ नहीं जाने दिया जाता और पुलिस उन्हें अपहरणकत्र्ताओं के हवाले कर देती है। जगजीत कौर जिसे जबरदस्ती इस्लाम कबूल करवाकर उसका नाम आयशा बीबी रख कर उसकी शादी मोहम्मद एहसान नामक युवक से करवाई गई थी, के पिता भगवान सिंह के अनुसार अब उनके परिवार का पाकिस्तान में रहना कठिन ही नहीं असंभव हो गया है।

भगवान सिंह का यह भी कहना है कि पाकिस्तान सरकार के उच्चाधिकारी उन्हें लगातार एक वर्ष तक अंधेरे में रख कर यह आश्वासन देते रहे कि  उनकी बेटी उन्हें सौंप दी जाएगी परंतु इसकी बजाय उनकी बेटी को उनके विरोधियों के साथ भेज दिया गया है जहां वह सुरक्षित नहीं है। भगवान सिंह ने डी.सी.ओ. ननकाना साहिब को लिखे पत्र में कहा है कि ‘‘यदि धर्मांतरण की परम्परा इसी तरह जारी रही तो वह दिन दूर नहीं जब पाकिस्तान में कोई अल्पसंख्यक नहीं रहेगा।’’ 

अब तो पाकिस्तान में हिन्दू, सिख और ईसाई, अहमदी, बौद्ध, जैन तथा पारसी अल्पसंख्यकों के साथ ही अन्य अल्पसंख्यक बलूचों और शिया मुसलमानों का शोषण भी हो रहा है तथा लगातार बलूच समुदाय के सदस्यों के लापता होने की घटनाएं सामने आ रही हैं। हाल ही में ईरान स्थित अपने धर्म स्थल से लौटे शिया लोगों की आलोचना करते हुए सुन्नी मुसलमानों ने कहा कि ‘‘सारे शिया अपने साथ कोरोना वायरस लेकर आए हैं। कोरोना महामारी के लिए चीन से ज्यादा शिया लोग जिम्मेदार हैं। इसलिए इस वायरस का नाम ‘शिया वायरस’ रख देना चाहिए।’’ 

और अब 11 सितम्बर को कराची में हजारों कट्टरपंथी सुन्नियों ने ऐतिहासिक इस्लामिक हस्तियों पर एक शिया नेता की टिप्पणी के विरुद्ध भारी प्रदर्शन किया। उन्होंने ‘काफिर-काफिर शिया काफिर’  के नारे लगाए, ‘इमाम बारगाह’ (शिया समुदाय के एकत्रित होने का स्थान) पर पत्थरबाजी की और शिया विरोधी नारे लगाए। इससे पूर्व सुन्नी मुसलमानों ने मोहर्रम के जलूस में भी शिया समुदाय के लोगों को निशाना बनाया था। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के उत्पीडऩ के मामले समय-समय पर अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उठते रहे हैं।

ब्लूचिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति पर ‘यूरोपीय संसद अनुसंधान सेवा’ (ई.पी.आर.एस.) ने जून की अपनी रिपोर्ट में बताया है कि ‘‘देश में हिन्दू और सिख समुदायों के अलावा ‘शिया हजारा समुदाय’, ‘जकिरी समुदाय’ भी प्रताडऩा का शिकार हो रहे हैं जिनमें शिया हजारा समूह सर्वाधिक प्रताडि़त हो रहा है।’’ इससे पूर्व मई महीने में भी धार्मिक स्वतंत्रता पर अमरीकी आयोग (यू.एस.सी.आई.आर.एफ.) ने कहा था कि ‘‘पाकिस्तान में अल्पसंख्यक धर्मों से संबंधित लोगों की सुरक्षा खतरे में है। उनका विभिन्न तरीकों से उत्पीडऩ और सामाजिक बहिष्कार किया जा रहा है।

उपरोक्त घटनाक्रम से स्पष्ट है कि पाकिस्तान में दूसरे धर्मों के अल्पसंख्यकों के साथ-साथ उनके अपने ही धर्म के लोगों का भी उत्पीडऩ किया जा रहा है अत: अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान में सभी धर्मों और मान्यताओं से जुड़े अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा और उनका उत्पीडऩ रोकने के लिए एकजुट होकर पाकिस्तान के शासकों पर दबाव बनाने की आवश्यकता है ताकि इस अन्याय पर रोक लगाई जा सके।—विजय कुमार 

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!