‘बिखरती अर्थव्यवस्था के लिए नया बाइडेन प्रशासन भारत की मदद करेगा’

Edited By ,Updated: 09 Feb, 2021 03:42 AM

new biden administration will help india for a shattered economy

अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने अभियान एजैंडे के वायदे के अनुसार अपनी उदारीकृत आव्रजन नीति लाए हैं जिससे भारतीय अमरीकियों के चेहरे खिल उठे हैं। कई भारतीयों, विशेष रूप से जो लोग सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित हैं उनके लिए अमरीका उनकी आकांक्षाओं

अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने अभियान एजैंडे के वायदे के अनुसार अपनी उदारीकृत आव्रजन नीति लाए हैं जिससे भारतीय अमरीकियों के चेहरे खिल उठे हैं। कई भारतीयों, विशेष रूप से जो लोग सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित हैं उनके लिए अमरीका उनकी आकांक्षाओं और विशेषता के लिए एक सपना होता है। 

बाइडेन प्रशासन के तहत भारत के लिए सबसे महत्वपूर्ण नीतिगत राहत आप्रवासियों का उदारीकृत कार्य वीजा है। जब भी भारतीय नेताओं ने अपने समकक्षों से मुलाकात की तब-तब आव्रजन नीति एक महत्वपूर्ण विषय रहा। उदारवादी नीति से भारतीय प्रवासियों को काफी हद तक लाभ पहुंचेगा। 

ट्रम्प प्रशासन के दौरान आव्रजन, व्यापार और मानवाधिकारों के मुद्दे बने रहे। ट्रम्प ने आप्रवासियों के लिए अमरीका में प्रवेश करना अधिक कठिन बना दिया और व्यापार के मुद्दों पर भी वह कोई बात स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं थे। हालांकि दोनों देशों के बीच संबंध अन्य स्तरों पर पनपे। 

अपने अभियान के वायदे को पूरा करते हुए जो बाइडेन ने अपने कार्यालय में पहले दिन अमरीकी कांग्रेस को एक व्यापक आव्रजन बिल भेजा। अमरीकी नागरिकता अधिनियम 2021 का बयान अन्य राहत उपायों के साथ नौकरी आधारित ग्रीन कार्ड के लिए प्रतिदेश कैप को समाप्त कर देता है। इस विधेयक में 1.7 मिलियन भारतीयों सहित लगभग 11 मिलियन अनिॢदष्ट आप्रवासियों के लिए लीगल स्टेटस तथा नागरिकता का रास्ता देने का प्रस्ताव है। वर्तमान व्यवस्था से सबसे अधिक पीड़ित भारतीय आई.टी. पेशेवर हैं क्योंकि ट्रम्प ने पेशेवरों या छात्रों के लिए अमरीका में प्रवेश करना बहुत चुनौतीपूर्ण बना दिया था। 

पेशेवर तथा छात्र अमरीका में मुख्य तौर पर एच-1 बी वर्क वीजा पर प्रवेश करते हैं। नया वीजा शासन अमरीकी तकनीकी कम्पनियों जैसे एप्पल, गूगल और माइक्रोसाफ्ट को भारत से आई.टी. पेशेवरों को भर्ती करने के लिए मदद करेगा। वर्तमान में करीब 8 लाख भारतीय एच-1 बी वीजा पर ग्रीन कार्ड की कतार में खड़े हैं। ओबामा द्वारा 2015 में जारी बिल एच-1 बी वीजाधारकों के आश्रितों को कार्य करने की अनुमति देता है। कोविड-19 के कारण अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 22 जून 2020 को एच-1 बी वीजा धारकों जैसे कुशल प्रवासी कर्मचारियों को प्रतिबंधित किया था और इसे बढ़ाकर मार्च 2021 तक कर दिया था। बाइडेन ने अपने चुनावी अभियान में इस कार्यकारी आदेश को रद्द करने का वायदा किया था। बाइडेन ने अपने कार्यालय के पहले सप्ताह में आव्रजन को लेकर ट्रम्प पर पलटवार करते हुए तीन कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए थे। 

1. परिवारों को फिर से संगठित करने के लिए होमलैंड सिक्योरिटी के सचिव की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स बनाई जाए।
2. सीमाओं के पार प्रवास के मूल कारणों का समाधान करने की रणनीति और एक मानवीय शरण प्रणाली का निर्माण किया जाए।
3. आप्रवासी एकीकरण और समावेश को प्रोत्साहित किया जाए।

साऊथ ब्लाक में संदेह के बावजूद बाइडेन भारत को समर्थन दे रहे हैं। यहां तक कि सीनेट की विदेश संबंधित समिति के अध्यक्ष और बाद में उपाध्यक्ष के रूप में बाइडेन ने भारत की मजबूत दोस्ती का समर्थन किया है। बाइडेन ने भारत-अमरीका परमाणु बिल (2008) पर भी अपनी मोहर लगाई है। किसी भी मामले में रिपब्लिकन और डैमोक्रेट दोनों के लिए भारत का द्विदलीय समर्थन प्राप्त है। विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड को ठीक करने तथा बिखरती अर्थव्यवस्था के निर्माण के लिए नया अमरीकी प्रशासन भारत की मदद करेगा। 

बाइडेन के लिए भारतीय-अमरीकियों के बारे में अधिक व्यापक दृष्टि है। राष्ट्रपति अभियान के दौरान भारतीय-अमरीकी वोटों को दरकिनार करते हुए बाइडेन ने कहा था कि, ‘‘हमारी सरकार संयुक्त राज्य अमरीका की विविधता को दर्शाएगी और भारतीय अमरीकी आवाजें उन नीतियों को आकार देने में शामिल होंगी जो उनके समुदायों को प्रभावित करती हैं।’’

नई दिल्ली अमरीका में शासन के बदलाव को करीब से देख रही है। नए प्रशासन ने पहले ही सकारात्मक संकेत भेज दिए हैं। पिछले 2 सप्ताहों में अमरीका के अधिकारियों ने अपने भारतीय समकक्षों से बातचीत करना शुरू कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपनी रणनीतिक सांझेदारी की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए अमरीकी विदेश मंत्री जे. ङ्क्षब्लकेन के साथ बात की। अमरीका ने चीन का मुकाबला करने के लिए भारत की महत्वपूर्ण भूमिका देखी है। 

वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नए अमरीकी रक्षा सचिव लायड आस्टिन को सैन्य संबंधों को मजबूत करने के बारे में आश्वासन दिया। दोनों पक्षों ने भारत/प्रशांत क्षेत्र में आतंकवाद, समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, शांति और स्थिरता जैसे अन्य क्षेत्रों पर करीब से काम करने का संकल्प लिया है इसीलिए नई दिल्ली और वाशिंगटन ने अच्छी शुरूआत की है। जबकि बाइडेन प्रशासन ने सकारात्मक तरंगें भेजी हैं, डैमोक्रेट्स मोदी सरकार के अल्पसंख्यकों, कश्मीर में तनाव और मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन से निपटने की बारीकी से जांच कर रहे हैं।-कल्याणी शंकर
 

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!