अपनी ही पार्टी की छवि खराब कर रही प्रज्ञा ठाकुर

Edited By ,Updated: 29 Apr, 2019 04:56 AM

pradnya thakur spoiling the image of his own party

भोपाल से दिग्विजय सिंह के खिलाफ भाजपा की उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर सिर दर्द बनती जा रही हैं लेकिन   वह ज्यादा समस्या महाराष्ट्र के भाजपा उम्मीदवारों के लिए पैदा कर रही हैं क्योंकि वह आतंक रोधी दस्ते के मुखिया हेमंत करकरे पर प्रताडऩा का आरोप  लगा रही...

भोपाल से दिग्विजय सिंह के खिलाफ भाजपा की उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर सिर दर्द बनती जा रही हैं लेकिन   वह ज्यादा समस्या महाराष्ट्र के भाजपा उम्मीदवारों के लिए पैदा कर रही हैं क्योंकि वह आतंक रोधी दस्ते के मुखिया हेमंत करकरे पर प्रताडऩा का आरोप  लगा रही हैं। मुम्बई में 26/11 हमले में हेमंत करकरे शहीद हो गए थे।

महाराष्ट्र के एक भाजपा नेता ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा कि उनकी शिकायत का सत्यापन करने का कोई माध्यम नहीं है क्योंकि करकरे अपना बचाव करने के लिए अब इस दुनिया में नहीं हैं। उनके तथा शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार प्रज्ञा ठाकुर की उम्मीदवारी मध्य प्रदेश में भाजपा उम्मीदवारों के लिए उतनी नुक्सानदायक नहीं है जितनी कि महाराष्ट्र से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के लिए। इन लोगों ने करकरे को शहीद बताया तथा प्रज्ञा की टिप्पणियों को उनका व्यक्तिगत मत करार दिया। श्रीमंत माणे का कहना है कि हेमंत करकरे महाराष्ट्र के लोगों के हीरो हैं। इस राजनीतिक विश्लेषण का मानना है कि प्रज्ञा का बयान पार्टी के लिए हितकर नहीं है। सैंकड़ों युवाओं ने ट्विटर पर साध्वी के बयानों पर नाराजगी जाहिर की है। आई.पी.एस. एसोसिएशन ने एक बयान जारी कर प्रज्ञा की टिप्पणी की ङ्क्षनदा की है और यह मांग की है कि शहीदों का सम्मान होना चाहिए। 

मोदी की विनम्रता
वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नामांकन भरने के दौरान काफी बड़ा रोड शो आयोजित किया गया लेकिन विरोधी खेमे में चर्चा रोड शो अथवा गंगा आरती की फोटो के लिए नहीं है और न ही भीड़ को लेकर चर्चा हो रही है बल्कि चर्चा इस बात की है कि इस दौरान नरेन्द्र मोदी ने  जनता के बीच शिरोमणि अकाली दल के वयोवृद्ध नेता प्रकाश सिंह बादल के पांव छुए। नरेन्द्र मोदी ने अपने नामांकन के समय समर्थन के लिए सभी एन.डी.ए. सहयोगियों को आमंत्रित किया था। इसके परिणामस्वरूप विरोधी पक्ष में यह चर्चा भी सामने आई कि भाजपा को शायद बहुमत न मिले और यह 160 सीटों के नीचे सिमट कर रह जाए।

फिर चमका मीनाक्षी लेखी का राजनीतिक भविष्य
दिल्ली में भाजपा उम्मीदवारों को टिकट देने की घोषणा से पहले भाजपा के गलियारों में इस बात की चर्चा थी कि नई दिल्ली सीट से पार्टी मीनाक्षी लेखी की जगह गौतम गंभीर को टिकट देगी क्योंकि अमित शाह और मोदी दोनों उसके कामकाज से खुश नहीं थे।  लेकिन राहुल गांधी द्वारा सुप्रीम कोर्ट के हवाले से ‘चौकीदार चोर है’ कहे जाने पर जब मीनाक्षी लेखी ने राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना का केस दायर किया तो  उनके सितारे फिर चमक उठे। मीनाक्षी द्वारा केस किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने उसका संज्ञान लेकर न केवल कांग्रेस अध्यक्ष को नोटिस जारी किया बल्कि  मीनाक्षी को नई दिल्ली से टिकट भी मिल गई। अरुण जेतली ने मीनाक्षी लेखी को बुलाकर राहुल गांधी के खिलाफ केस में कुछ प्वाइंट लिखवाए। परिणाम यह हुआ कि गंभीर को पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस के अरविंद्र सिंह लवली के खिलाफ टिकट दे दिया गया। 

ओडिशा में कांग्रेस कमजोर स्थिति में
ओडिशा में कांग्रेस कमजोर विकेट पर है जिसके लिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष निरंजन पटनायक को जिम्मेदार माना जा रहा है। दिल्ली हाईकमान की अति व्यस्तता के कारण निरंजन ने लोकसभा और विधानसभा के लिए खुद ही उम्मीदवारों का चयन किया है। स्थिति इतनी खराब है कि पी.सी.सी. के सभी संगठनात्मक मुखियाओं ने इस्तीफा दे दिया है और 15 में से पांच एम.एल.ए. पार्टी छोड़ कर भाजपा या बीजद में चले गए हैं। कुछेक मजबूत दावेदारों को, जैसे कि सुचित्र सेन मोहंती  जिन्होंने 2014 के चुनाव में पुरी से 2,60,000 वोट हासिल किए थे, को आखिरी समय में बदल कर उनकी जगह अंजान चेहरों को टिकट दे दिया गया। पार्टी के भीतर आलोचकों को शांत करने के लिए निरंजन पटनायक कुछ वरिष्ठ नेताओं के पुत्रों और पुत्रियों को टिकट दे रहे हैं।-राहिल नोरा चोपड़ा

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