प्रियंका की चुनाव प्रचार यात्रा : प्रयागराज से वाराणसी

Edited By ,Updated: 18 Mar, 2019 05:13 AM

priyanka s election campaign varanasi from prayagraj

कांग्रेस महासचिव और पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा 18 मार्च से जवाहर लाल नेहरू के जन्म स्थान प्रयागराज से अपना 3 दिवसीय चुनाव प्रचार अभियान शुरू करेंगी। कांग्रेस नेताओं के अनुसार, अपने तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान वह 140 कि.मी....

कांग्रेस महासचिव और पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा 18 मार्च से जवाहर लाल नेहरू के जन्म स्थान प्रयागराज से अपना 3 दिवसीय चुनाव प्रचार अभियान शुरू करेंगी। कांग्रेस नेताओं के अनुसार, अपने तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान वह 140 कि.मी. की दूरी तय करेंगी और इस दौरान प्रदेश के 4 जिलों प्रयागराज, भदोही, मिर्जापुर तथा वाराणसी से स्टीमर और कार से गुजरेंगी।

प्रियंका की यात्रा सोमवार को प्रयागराज से शुरू होगी तथा बुधवार सायं वाराणसी के असी घाट तथा दशाश्वरमेध घाट पर सम्पन्न होगी। इस यात्रा के दौरान वह 14 फरवरी को पुलवामा में शहीद हुए महेश राज यादव के परिजनों से मिलेंगी। वह भदोही में मौलाना इस्माइल चिश्ती की दरगाह तथा चंद्रिकादेवी मंदिर, वाराणसी के शीतला मंदिर और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के रामनगर स्थित घर पर भी जाएंगी। इसके अलावा वह स्थानीय लोगों से मिलेंगी तथा विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगी। 

भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर वाराणसी से लड़ेंगे चुनाव
भीम आर्मी के प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे तथा बसपा के संस्थापक स्व. कांशी राम की बहन स्वर्ण कौर भी लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। भीम आर्मी के उपाध्यक्ष मंजीत नौटियाल ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी के उम्मीदवार उन स्थानों पर भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे जहां पर सपा-बसपा के उम्मीदवार कमजोर हैं। गत बुधवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मेरठ के एक अस्पताल में भीम आर्मी प्रमुख चन्द्रशेखर से मुलाकात की। पहले भीम आर्मी कहती रही है कि वह चुनावों में भाग नहीं लेगी परंतु अब उन्होंने घोषणा की है कि वह यह लोकसभा चुनाव मजबूती से लड़ेंगे। इसका परिणाम यह हुआ कि उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन असमंजस की स्थिति में है क्योंकि भीम आर्मी के उम्मीदवार बसपा के दलित वोटों में सेंध लगाएंगे। 

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस-अपना दल गठबंधन
कांग्रेस ने शनिवार को उत्तर प्रदेश में कृष्ण पटेल नीत अपना दल से गठबंधन को अंतिम रूप दे दिया तथा अपना दल 2 सीटों पर चुनाव लड़ेगा। यह घटनाक्रम अपना दल के दूसरे गुट (जिसका नेतृत्व पटेल की पुत्री अनुप्रिया पटेल कर रही है) के साथ भाजपा के समझौते के एक दिन बाद सामने आया। अपना दल राजग के साथ गठबंधन में रहा है। अपना दल (कृष्ण पटेल) दो लोकसभा क्षेत्रों पीलीभीत तथा गोंडा से चुनाव लड़ेगा। पटेल के दामाद पंकज निरंजन सिंह चंदेल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तथा महासचिवों प्रियंका गांधी वाड्रा और ज्योतिरादित्य सिंधिया की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हो गए। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के अनुसार अपना दल (एस) नेता तथा केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर से दोबारा चुनाव लड़ेंगी। 2014 में दो लोकसभा सीटों पर जीत के बाद पार्टी दोफाड़ हो गई थी। 

क्या प्रशांत किशोर जद (यू) छोड़ देंगे
किसी समय बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नजदीकी रहे चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर, जिन्हें नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया है, अब पार्टी छोडऩे की तैयारी में हैं तथा नए ठिकाने की तलाश में हैं अथवा अपना काम शुरू कर सकते हैं। जिस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में रैली में व्यस्त थे, प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया था कि यह काफी निराशाजनक है कि सरकार की ओर से कोई भी व्यक्ति पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सी.आर.पी.एफ. जवान की पार्थिव देह को लेने के लिए एयरपोर्ट नहीं पहुंचा। यह पहला मौका नहीं था जब प्रशांत ने नीतीश कुमार और उनकी पार्टी की आलोचना की हो। इससे पहले एक न्यूज पोर्टल को दिए गए इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को सलाह दी थी कि भाजपा से हाथ मिलाने से पहले नीतीश कुमार चुनाव करवाकर बिहार की जनता से जनादेश लें। इसके परिणामस्वरूप नीतीश कुमार ने पार्टी नेताओं और पार्टी कार्यकत्र्ताओं से प्रशांत के प्रति नाराजगी होने का इशारा किया था। 

गुजरात में चिंतित है कांग्रेस
अहमदाबाद में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक से पूर्व उसके विधायक जवाहर छावड़ा के भाजपा में शामिल होने से गुजरात कांग्रेस के नेता और कार्यकत्र्ता परेशान हैं। छावड़ा एक पुराने कांग्रेसी परिवार से संबंध रखते हैं तथा उनके पिता पेठलजी छावड़ा अहीर समुदाय के जाने-माने नेता थे। ऐसा लगता है कि 5 कांग्रेस विधायकों द्वारा पिछले 6 महीने से भाजपा में जाने की तैयारी थी। जब दिल्ली से जुड़े एक नेता को इस बारे में बताया गया तो इस सूची में छावड़ा का नाम होने के कारण उन्हें इस अफवाह पर विश्वास नहीं हुआ। हालांकि इन पांच में से केवल 3 विधायकों ने ही पाला बदला। ऐसे में हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हार्दिक पटेल जामनगर से चुनाव लड़ सकते हैं। जाहिर है कि भाजपा का मकसद पाटीदार नेता के लिए चुनाव में कठिनाई पैदा करना है।-राहिल नोरा चोपड़ा

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