पंजाब के युवाओं का पलायन रोकने को रणनीति बनाए सरकार

Edited By ,Updated: 22 May, 2019 04:21 AM

punjab government s strategy to stop the migrating of youth

पंजाब के युवाओं में विदेशों में जाकर पढ़ाई करने और कैनेडा, अमरीका, आस्ट्रेलिया आदि देशों में सैटल होने की दौड़ बढ़ रही है और बड़ी तेजी के साथ पंजाब खाली हो रहा है। विदेशों में शिफ्ट होने की इस दौड़ को रोकने के लिए कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की सरकार को...

पंजाब के युवाओं में विदेशों में जाकर पढ़ाई करने और कैनेडा, अमरीका, आस्ट्रेलिया आदि देशों में सैटल होने की दौड़ बढ़ रही है और बड़ी तेजी के साथ पंजाब खाली हो रहा है। 

विदेशों में शिफ्ट होने की इस दौड़ को रोकने के लिए कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की सरकार को गम्भीरता से सोचना होगा। अगर ऐसे ही पंजाब के युवक व युवतियां विदेशों की ओर जाते रहे तो एक दिन ऐसा आएगा कि पंजाब की जनसंख्या बहुत कम हो जाएगी क्योंकि बच्चों के विदेशों में पी.आर. व सैटल होने के बाद उनके पंजाब में रहते भाई, बहन और माता-पिता भी एक दिन उन्हीं के पास चले जाते हैं तथा वहीं पर सैटल हो जाते हैं। पंजाब में एक ऐसा समय भी होता था जब सभी कालेज भरे होते थे और अच्छे कालेजों में अपने बच्चों का दाखिला करवाने के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ता था और सिफारिशें ढूंढनी पड़ती थीं मगर आज ऐसे कालेजों में 50 से लेकर 70 प्रतिशत नए दाखिले कम हो गए हैं जिस कारण कालेजों के लिए अपने खर्चे निकालने मुश्किल हो गए हैं। 

दूसरी तरफ अपने भविष्य को संवारने का सपना लिए विदेश जाने वाले युवक व युवतियों से पंजाब भर के आईलैट्स सैंटरों में भारी भीड़ रहती है। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि पंजाब की युवा पीढ़ी पंजाब और अपना घर-बार छोड़ कर विदेशों की ओर क्यों भाग रही है? जब भी कोई बच्चा 12वीं पास करके अपने माता-पिता के पास विदेश में जाकर पढ़ाई करने की इच्छा प्रकट करता है तो उसके माता-पिता की इस बात को लेकर ङ्क्षचताएं बढ़ जाती हैं कि आखिर अपने बच्चों की फीसें और विदेश भेजने के लिए जहाज आदि की टिकटें खरीदने के लिए वे लाखों रुपए कहां से लेकर आएं। बच्चों की जिद के आगे झुकते हुए कई मां-बाप अपनी जमीनें और कई अपने घर बेच देते हैं तथा कई मां-बाप बैंक से कर्ज लेकर अपने बच्चों को विदेश भेज देते हैं। सूत्रों के अनुसार हर साल पंजाब के करीब एक से डेढ़ लाख बच्चे विदेशों में जा रहे हैं। 

विदेशों में मेहनत का मूल्य
विदेशों में पढऩे गए और वहीं पर सैटल हुए कुछ युवाओं से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि वहां उन्हें झूठे पुलिस मुकद्दमे दर्ज होने का डर नहीं है और वहां वे कानून की पालना व दिन-रात मेहनत करते हैं। युवाओं का मानना है कि कानून की पालना करने वालों को वहां कोई परेशान नहीं करता और जी-जान से मेहनत करके वे अच्छी जिंदगी जीते हैं। जितना काम करते हैं, उन्हें वहां उतने पैसे मिलते हैं। विदेशों में इंसान और उसके काम की कद्र है और वहां उन्हें रिश्वतखोरी या राजनीति का शिकार नहीं होना पड़ता। वहां योग्यता के अनुसार बिना किसी सिफारिश के काम मिलता है। युवाओं ने बताया कि वहां साफ-सुथरा पानी, शुद्ध वातावरण है और लोग सच बोलना व सुनना पसंद करते हैं, वहां पशु, पक्षियों और जीव-जंतुओं की संभाल होती है तथा लोग हरियाली को पसंद करते हैं, वहां पेड़-पौधों की संभाल होती है। 

हर मनुष्य अमीर हो सकता है
विदेशों में रहते युवाओं के अनुसार वहां मेहनत करके हर मनुष्य अमीर हो सकता है और अपने सपने पूरे कर सकता है। उन्होंने कहा कि वहां पुलिस का कोई दुरुपयोग नहीं है और लोगों के टैक्सों का एक-एक पैसा उधर की सरकारें अपने देश और देश में रहते नागरिकों की भलाई पर खर्च करती हैं तथा वहां देश का प्रधानमंत्री भी आम नागरिक की तरह काम करता है तथा लाइन में लगता है। विदेशों में बस रहे इन युवाओं का मानना है कि वहां ट्रैफिक नियमों की पालना और सड़कें साफ-सुथरी होने के कारण एक्सीडैंट बहुत कम होते हैं तथा हादसों में बहुत कम मौतें होती हैं। 

युवाओं को पसंद नहीं प्रदेश का माहौल
विदेशों में सैटल हुए युवा पंजाब की राजनीति, बढ़ते नशे, झूठे पुलिस मुकद्दमों, भ्रष्टाचार, सरकारी पैसे के किए जा रहे दुरुपयोग, रेत माफिया, भू-माफिया से नफरत करते हैं। उनका मानना है कि पंजाब का पानी, हवा प्रदूषित हो गए हैं। बदले की राजनीति ने पंजाब को बर्बाद कर दिया है। विदेशों में रहते युवाओं का मानना है कि अगर पंजाब की सरकारों, सियासतदानों और बुद्धिजीवियों ने जल्द पंजाब के माहौल को ठीक नहीं किया और युवा वर्ग के भविष्य के लिए कोई नीति नहीं बनाई तो आने वाले 10 वर्षों में पंजाब के लाखों परिवार और बुजुर्ग माता-पिता अपने बच्चों के पास विदेशों में शिफ्ट हो जाएंगे और हर क्षेत्र में पंजाब बुरी तरह से पिछड़ जाएगा। 

युवाओं ने बताया कि वे 12-12 घंटे मेहनत करते हैं और अपने वेतन का बड़ा हिस्सा उधर की सरकार को टैक्स के रूप में देते हैं और सरकारें उस पैसे को ईमानदारी के साथ खर्च करती हैं तथा अपने देश के नागरिकों को स्वास्थ्य, शिक्षा व अन्य सभी तरह की सुविधाएं प्रदान करती हैं। उनका मानना है कि अगर हमारे पंजाब में यह सब कुछ हो तो पंजाब सचमुच में सोने की चिडिय़ा बन जाए। पंजाबी युवाओं ने कहा कि वे अमरीका, कैनेडा, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड आदि देशों में बसे हुए जरूर हैं मगर उनकी रूह पंजाब में रहती है और हर समय उन्हें अपनों की और पंजाब की ङ्क्षचता रहती है। 

पंजाब सरकार युवाओं पर ध्यान दे
हमारी पंजाब की कैप्टन सरकार और सभी सियासी पाॢटयों से अपील है कि पंजाब की युवा पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य के लिए वे कुछ ऐसा करें कि युवाओं को अपना घर और अपना पंजाब छोड़ कर विदेशों में जाने व बसने की आवश्यकता ही न पड़े। सभी सियासी पाॢटयों के लीडर एक प्लेटफार्म पर आएं और ईमानदारी के साथ पंजाब की युवा पीढ़ी व पंजाब को बचाने के लिए अहम और जरूरी फैसले लें। लोग पानी व हवा में बढ़ रहे प्रदूषण और पानी के हो रहे दुरुपयोग को रोकें।-जे.एस. कुमार
 

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