कुछ ‘बेतुकी’ चीजें जिन्हें किए बिना आप रह सकते हैं

Edited By ,Updated: 22 Jan, 2020 04:45 AM

some  bizarre  things you can live without doing

ऐसी कई चीजें हैं जो हम बिना सोचे-समझे करते हैं और इस प्रक्रिया में हम बहुत दर्द उत्पन्न करते हैं। मेरे ब्रह्मांड में, दस आज्ञाओं का कोई मतलब नहीं है : तुम झूठ नहीं बोलोगे, तुम अपने माता-पिता का सम्मान करोगे आदि। मेरे ब्रह्मांड में सिर्फ एक आज्ञा है...

ऐसी कई चीजें हैं जो हम बिना सोचे-समझे करते हैं और इस प्रक्रिया में हम बहुत दर्द उत्पन्न करते हैं। मेरे ब्रह्मांड में, दस आज्ञाओं का कोई मतलब नहीं है : तुम झूठ नहीं बोलोगे, तुम अपने माता-पिता का सम्मान करोगे आदि। मेरे ब्रह्मांड में सिर्फ एक आज्ञा है जो सभी को माननी चाहिए : तुम दर्द का कारण नहीं बनोगे। संक्षेप में : ध्यानपूर्वक जीवन जीना। इसका ध्यान रखें कि आप क्या खाते हैं, कहां चलते हैं, क्या उपयोग करते हैं, आप क्या कहते हैं और आप क्या चाहते हैं। यदि आप ऐसा कर पाएंगे, तो आप सबसे शानदार रोमांचक जीवन जीएंगे और ब्रह्मांड आपके चरणों में खुद को बिछाएगा। चमड़ा, मांस, अंडे, दूध : ये पूर्ण रूप से निषिद्ध हैं लेकिन कुछ बेतुकी चीजें हैं जो आप करते हैं और जिन्हें आप बिना करे रह सकते हैं : 

बोन्साई पेड़ों को खरीदना, रखना या स्वीकार करना बंद करें। ये विशाल पेड़ होते हैं जिनकी जड़ों को काटकर और उन्हें बढऩे नहीं देकर लगातार कमजोर और छोटा किया जाता है। तीन इंच गहरे कंटेनर में एक पीपल के पेड़ की कल्पना करें और खुद को वहां रख कर देखें। चीनी लोग पैदा होते ही महिलाओं के पैर बांध दिया करते थे और एक वयस्क महिला के पैर दो इंच से कम लंबे होते थे। उसने अपनी पूरी जिंदगी दर्द में बिताई। ऐसा ही पेड़ को महसूस होता है। यह प्रक्रिया आततायी, क्रूर और अनैतिक है। तोड़- कुचल कर, तार के साथ बांध कर सजावटी वस्तु बनाते हुए और कई वर्षों तक लम्बे समय तक यातना देकर उन्हें अमीर लोगों को बेचा जाता है जो अपने घरों में कुछ ‘असामान्य’ को प्रदॢशत करके यह साबित करना चाहते हैं कि वे कितने महान संग्रहकत्र्ता हैं। 

जो लोग उन्हें बनाते हैं वे प्रकृति पर आधिपत्य के लिए इतने शातिर और भूखे होते हैं ‘एक ट्रे में विशाल पेड़’ उगा लेते हैं-जिसका उससे कोई संबंध नहीं होता। उनके तर्क यह होते हैं कि : हम उन्हें मुफ्त भोजन और पानी देते हैं, हम उन्हें कीड़ों से बचाते हैं, हम उनके घावों पर दवाइयां लगाते हैं, हम उनके मौसम को नियंत्रित करते हैं, उनके लिए एक आसान जीवन मुहैया करवाते हैं।’’ जेल में लोगों या प्रायोगिक प्रयोगशालाओं में पशुओं के साथ भी ऐसा ही होता है। शादियों के लिए घोड़ों का उपयोग न करें। ये मादा होती हैं, विशेष रूप से सफेद नस्ल की और उन्हें आसानी से सन बर्न हो जाता है। घोड़ों के कान और मुंह बहुत संवेदनशील होते हैं। यहां उन्हें आयोजन स्थल पर जाने के लिए हर रात को मीलों पैदल चलाया जाता है, वे घंटों तक खड़े रहते हैं, जब तक बारात तैयार नहीं हो जाती और फिर बैंड, पटाखों के फूटने और लोगों के घंटों उनके आसपास चिल्लाने के बीच वे असहनीय उच्च ध्वनि स्तरों के संपर्क में रहते हैं ताकि वे काटें नहीं और नियंत्रण में रहें, उनके मुंह में नुकीले टुकड़े घुसेड़े जाते हैं, जिससे घाव, रक्तस्राव और दर्द होता है और उनके दांतों को स्थायी चोट लगती है। ‘प्रशिक्षण’ सत्र के दौरान उनके संचालकों द्वारा उन्हें दब्बू बनने के लिए नियमित रूप से पीटा जाता है। क्या आप खुशी के एक अवसर पर किसी को पीड़ा पहुंचाना चाहेंगे? क्या आपको इस जानवर को शादी के लिए बिना किसी कारण के यातना देने में खुशी होती है? 

पक्षी के लिए एक पिंजरा, मछली के लिए एक टैंक और कुत्ते के लिए एक पट्टा? कुत्ता एक ऐसा प्राणी है जो पता लगाने के लिए भागता है, सूंघता है। फिर भी बहुत सारे ‘प्यारे’ पालतू जानवर हैं जिन्हें कभी भी अपने मालिकों के साथ खुले में आने पर जंजीर से आजाद नहीं किया गया। वे अपने मालिक की इच्छा के अनुसार चलते हैं, अपना कार्य एक नियंत्रित लाइन में करते हैं और फिर अपने फ्लैटों में वापस जाते हैं। क्या आपके लिए पार्क में कुत्ते के घूमने हेतु ऐसा समय चुनना संभव नहीं है जब आसपास कम लोग हों और भले ही यह आपके लिए असुविधाजनक हो लेकिन इसका मतलब है कि कुत्ते के लिए खुशियों का एक संसार। मल को उठाना न भूलें, अन्यथा कुछ समय बाद लोगों को आपत्ति हो सकती है। 

घर या कार्यालय में टैंक या एक्वेरियम बेहूदे और अनावश्यक हैं। वे बस यह बताते हैं कि उनका मालिक उतना ही क्रूर है जितना कि वह व्यक्ति जो अपने मनोरंजन के लिए बंदी पक्षियों को एक पिंजरे में रखता है। एक मछली टैंक मछली के लिए एक कूप है जिसमें उनके प्राकृतिक आवास से बाहर ले जाकर उन्हें रखा गया है जहां वे समूहों में मील की यात्रा करते हैं। अब वे अन्य प्रजातियों की मछलियों के साथ एक छोटे से भीड़-भाड़ वाले इलाके में सिमट कर रहते हुए अपने अस्तित्व के लिए लड़ती और छिपती हैं, जिन्हें कुछ हफ्तों में मरने तक अन्य मछलियों के सूखे शवों को ‘मछली के भोजन’ के रूप में खिलाया जाता है। इसका क्या तुक है? हमारे अधिकांश जल विशेष रूप से कोरल रीफ को इन मछलियों से वंचित किया जा रहा है, जिन्हें पानी में साइनाइड फैंक कर पकड़ा जाता है। मछलियों को रखने के बारे में किसी भी व्यक्ति को कुछ भी नहीं पता है, उन्हें नौकरों द्वारा अनियमित रूप से खिलाया जाता है-विशेष रूप से कार्यालयों में रखी जाने वाली, जब कार्यालय खुला होता है तो उनकी लाइटें चालू रहती हैं और फिर घंटों बंद रहती हैं। उन्हें इन टैंकों में रखे जाने में निहित स्वार्थ है। 

जंगली जानवरों के साथ प्यारे चित्र न लें। पट्टा में बंधे हुए चीता या मंदिर में आपके आगे झुकते हुए हाथी या हाथ में सांप को पकड़े हुए देखे जाने से आप अधिक शक्तिशाली या आकर्षक नहीं दिखते हैं। जानवर को आपके फोटो ङ्क्षखचवाने के बाद पीटा जाता है, नशा दिया जाता है और वह अक्सर मर जाता है (विशेषकर सांप क्योंकि उनकी त्वचा बहुत संवेदनशील है)। अपने बचे हुए भोजन, फलों के छिलके आदि को प्लास्टिक की थैलियों में न फैंकें। ऐसा करना आपको बहुत स्वास्थ्यकर लग सकता है, लेकिन वास्तव में प्लास्टिक के थैले सड़क के कोनों पर खुले कचरा क्षेत्रों में चले जाते हैं। भोजन की गंध प्लास्टिक के माध्यम से आती है। जहां कुत्ते प्लास्टिक (काली को छोड़ कर) को फाडऩे में सक्षम हो सकते हैं लेकिन गायों को इतनी भूख लगी होती है कि वे प्लास्टिक के साथ भोजन करती हैं। एक लाख से अधिक गायों की एक माह में मृत्यु हो जाती है, उनकी आंतें आपके घरों से आने वाले कई किलो प्लास्टिक से घुट जाती हैं। भोजन को अलग करना और उसे ऐसी जगह फैंकना बेहतर है जहां इसे सड़क के जानवरों और पक्षियों द्वारा खाया जा सकता हो। चाल्र्स लैंब द्वारा थॉटलैस क्रुएल्टी नामक एक सुंदर कविता है जो हर स्कूल की किताब में होनी चाहिए।-मेनका गांधी
 

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