जल्द ही ‘नीला अम्बर’ तथा नीला अम्बर दिखाई देगा

Edited By ,Updated: 26 Jul, 2020 02:48 AM

soon  blue amber  and blue amber will appear

आखिरकार हमें एक सुखद समाचार सुनने को मिल रहा है जोकि दिल्ली से आ रहा है। 6 सप्ताह पहले आपको यह मानने में मुश्किल हो रही होगी। आज आंकड़े अपने लिए ही बोल रहे हैं और यह सुझा रहे हैं कि काले बादल छंट

आखिरकार हमें एक सुखद समाचार सुनने को मिल रहा है जोकि दिल्ली से आ रहा है। 6 सप्ताह पहले आपको यह मानने में मुश्किल हो रही होगी। आज आंकड़े अपने लिए ही बोल रहे हैं और यह सुझा रहे हैं कि काले बादल छंट रहे हैं और हमें जल्द ही नीला अम्बर तथा चमकता हुआ सूर्य दिखाई देगा। 

क्या आपको 9 जून का दिन याद है जब दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने कहा था कि दिल्ली में कोविड-19 के 5 लाख 50 हजार मामले जुलाई के अंत तक होंगे। उस समय दिल्ली में 31309 मामले थे। एक दिन बाद दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र्र्र जैन ने विचलित करने वाला अपना मत दिया। 50 प्रतिशत से अधिक मामलों में प्रशासन संक्रमण के स्रोत को खोजने में असमर्थ था। जैन ने यह माना कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन व्याप्त है। अन्य शब्दों में वायरस के फैलाव पर कोई सही जांच नहीं की गई। यह तो शहर की जनसंख्या के माध्यम से बढ़ रहा था। इसमें कोई शंका वाली बात नहीं कि 23 जून को दिल्ली में एक ही दिन में 3947 मामले दर्ज किए गए। 

सोशल मीडिया पर यह विकट तथ्य पाए गए। यहां पर अस्पताल वार्डों के डरावने वीडियो देखे गए जहां पर मरीजों के साथ डैड बॉडीज पड़ी हुई थीं। लोग उपचार के बिना मर रहे थे। महामारी ने अपना खेल शुरू कर दिया था। आज हालात बिल्कुल भिन्न हैं। मंगलवार को दिल्ली में 1,25,096 मामले थे जिनमें से 106,118 लोग रिकवर हो गए। सोमवार को यह आंकड़ा 954 मामलों का हो गया जोकि 23 जून की एक तिमाही से कम था। मंगलवार को ये 1349 मामले थे। यह बेहद महत्वपूर्ण है। पिछले 8 दिनों में रोजाना बढ़ौतरी 2000 के नीचे की है। 

जमीनी स्तर पर दिखाई देने वाले चित्र का यह सही हिस्सा नहीं है। आधारभूत चित्र समांतर तौर पर आश्वासनपूर्ण है। 1 जुलाई को दिल्ली में 27007 एक्टिव मामले थे। मंगलवार को यह कम होकर 15288 हो गए। कोविड-19 अस्पतालों में 5892 बैड पूरी तरह से भरे हुए थे। मंगलवार को यह आंकड़ा 3517 पर जाकर खड़ा हो गया। घर पर आइसोलेट हुए मरीजों के साथ भी यही सत्य है। 1 जुलाई को इनकी गिनती 16703 थी और 21 को यह 8126 रह गई। 

सीरम वैज्ञानिकों के सर्वे जोकि जून के अंत में किया गया, के नतीजों ने इस अच्छे समाचार की पुष्टि कर दी।  शहर की जनसंख्या का 23 प्रतिशत से ज्यादा कोरोना वायरस से संक्रमित था। एंटी बायोटिक्स जो लोगों ने ली उसने कोरोना के फैलाव को धीमा  कर दिया। हमें यह नहीं पता कि उनकी इम्युनिटी कब तक कार्य करेगी और इन लोगों की झुंड इम्युनिटी 50 से 60 प्रतिशत के स्तर से भी कम की है मगर फिर भी यह एक अच्छा समाचार है कि शहर का एक चौथाई हिस्सा वायरस की पकड़ में आया। दिल्ली में वायरस पूरी तेजी पर था और अब यह कम हो रहा है। एम्स के डायरैक्टर रणदीप गुलेरिया का जवाब भी हां में है। उन्होंने एक समाचार पत्र को कहा कि यदि आप दिल्ली के आंकड़ों को देखें तो यह सुझाते हैं कि हमने मोड को चपटा कर दिया है और हमें नीचे की ओर जाने वाला ट्रैंड दिखाई दे रहा है। 

हालांकि अभी भी सचेत रहने की जरूरत है। यह ट्रैंड जुलाई के अंत तक ऐसे ही रह सकता है। शंका करने के लिए एक अन्य कारण भी है। दिल्ली में टैसिं्टग गोल्ड स्टैंड्र्ड आर.टी.-पी.सी.आर. से ज्यादा बड़े पैमाने पर हो रही है। सोमवार को 63 प्रतिशत पहली किस्म के थे। मुश्किल यह है कि नतीजों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। चाहे दिल्ली निरतंर तौर पर प्रतिदिन 20,000 के ऊपर टेस्टिंग करवा रही है और यह प्रति मिलियन 43708 हो चुकी है। यह भ्रामक करने वाली बात है? ऐसी शंकाओं को दूर नहीं किया जा सकता न ही आप तथ्यों को नकार सकते हैं। यदि काले बादल फिर से घिर आए तो वह मानसून से भी ज्यादा बारिश ला देंगे।-करण थापर

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!