आतंकी गतिविधियां : ‘जिम्मेदारी’ से काम लें धार्मिक तथा राजनीतिक पार्टियां

Edited By ,Updated: 05 Jul, 2020 04:55 AM

terrorist activities political parties should act with responsibility

‘सिख्स फॉर जस्टिस’ के गुरपतवंत पन्नू तथा बब्बर खालसा इंटरनैशनल के वधावा सिंह बब्बर सहित 9 लोगों को  केंद्र सरकार द्वारा खालिस्तानी आतंकवादी  घोषित करने के उपरांत पंजाब सरकार की ओर से पन्नू तथा

‘सिख्स फॉर जस्टिस’ के गुरपतवंत पन्नू तथा बब्बर खालसा इंटरनैशनल के वधावा सिंह बब्बर सहित 9 लोगों को  केंद्र सरकार द्वारा खालिस्तानी आतंकवादी  घोषित करने के उपरांत पंजाब सरकार की ओर से पन्नू तथा जोगिन्द्र सिंह गुज्जर के खिलाफ देशद्रोह का मुकद्दमा दर्ज किया जाना, पंजाब की भविष्य की सुरक्षा के मद्देनजर कोई छोटी बात नहीं है। निरंतर खालिस्तानी समर्थित अलगाववादी संगठनों के आतंकियों द्वारा पंजाब में लगातार गैर-कानूनी कार्रवाइयां और गिरफ्तारियां हमें फिर से सोचने के संकेत  दे रही हैं और इसके तहत भविष्य की तस्वीर भी कोई अच्छी नजर नहीं आ रही। 

इस मामले में चाहे केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार की सतर्कता से इंकार नहीं किया जा सकता, परन्तु कुछ धार्मिक नेताओं तथा पंजाब की कुछ सियासी पार्टियों की जो पहुंच है उससे कुछ सवालिया निशान जरूर लग जाते हैं कि आखिर इन गतिविधियों में सरगर्म पार्टियों के बारे में हम नर्म रवैया क्यों अपनाते हैं।

पंजाब की कमर तो सामाजिक, आर्थिक तथाराजनीतिक तौर पर टूटी पड़ी है और इसका हाथ पकडऩे वाला कोई नजर नहीं आ रहा। इस समय ढीला पडऩे की कोई भी गुंजाइश नहीं। ऐसे सरगर्म मामलों पर थोड़ी-सी भी कोताही हमें कितनी पीछे ले जाएगी। अब जो 9 अलगाववादी नेता आतंकवादी सूची में डाले गए हैं, यदि उनकी गतिविधियों पर नजर दौड़ाएं तो यह मामला बेहद जटिल है। हम आखिर कितने देशों की सरकारों से केवल यही बात करते रहें कि उनके देश के भीतर हमारे पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों को शह कैसे मिल रही है? 

वधावा सिंह बब्बर, बब्बर खालसा इंटरनैशनल का नेता है। लखबीर सिंह इंटरनैशनल सिख यूथ फैडरेशन का प्रमुख है। रंजीत सिंह खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स का प्रमुख है। परमजीत सिंह खालिस्तान कमांडो फोर्स का प्रमुख है। ये सभी पाकिस्तानी आतंकी संगठन हैं। यदि हम इनकी गंभीरता तथा पड़ोसी मुल्क की नीयत के बारे में अंदाजा लगाएं तो इस मामले की विकरालता गहरी नजर आती है। इसी तरह भूपिन्द्र सिंह ङ्क्षभदा, गुरमीत सिंह बग्गा, जर्मनी के आतंकवादी संगठन खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के प्रमुख सदस्य हैं। 

गुरपतवंत सिंह पन्नू जो लम्बे समय से ‘रिफ्रैंडम 2020’ के नाम पर खालिस्तानी गतिविधियों में शामिल है, अमरीका की गैर-कानूनी संस्था ‘सिख्स फॉर जस्ट्सि’ का प्रमुख है। हरदीप सिंह निज्जर कनाडा में ‘खालिस्तान टाइगर फोर्स’ का प्रमुख है। परमजीत सिंह ब्रिटेन में ‘बब्बर खालसा इंटरनैशनल’ का प्रमुख है। हम साधारण तौर पर यह अंदाजा लगा सकते हैं कि पंजाब को चारों ओर से खतरा है। इनकी गतिविधियां इतनी तीखी, ध्यान आकॢषत करने वाली और सरकार का ध्यान भटकाने वाली हैं कि गुरपतवंत पन्नू ने ‘रिफ्रैंडम 2020’ के संदेश को चीन के रास्ते से पंजाब के नौजवानों तथा सेना तक पहुंचाया है। पंजाब के लिए यह परीक्षा की घड़ी है। 

पंजाब के अन्य मुद्दे भी ध्यान आकर्षित करने की मांग करते हैं
इन आतंकवादी/अलगाववादी गतिविधियों तथा ‘रिफ्रैंडम 2020’ वाले नारों के बीच में आकर श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने बयान दिया है। एक बयान में वह खालिस्तान की मांग दोहराते नजर आए तथा दूसरे बयान में उन्होंने कहा कि ऐसी सरगर्मियों में हो रही गिरफ्तारियों को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी इन पर विचार करे तथा इन पर निगाह रखे कि कहीं कोई मासूम व्यक्ति सरकार के निशाने पर न आ जाए। उनका बयान निश्चित तौर पर सही नहीं है। इसके राजनीतिक तथा धार्मिक मायने भी हैं। इसके साथ-साथ धार्मिक अल्पसंख्यक के सवाल भी विचार करने वाले हैं। जिन गतिविधियों के लिए पंजाब की धरती का इस्तेमाल किया जा रहा है उसे देखते हुए भी यह बात विचार करने योग्य है क्योंकि पंजाब पहले से ही आतंकवाद की मार झेल चुका है और यह फिर से ऐसी मार को झेलने को बर्दाश्त नहीं कर सकता। 

फिर यदि बड़ा नेतृत्व करने वाले लोग या हमारे धार्मिक नेता ऐसी बयानबाजी करेंगे तो आम लोगों में न केवल अविश्वास पैदा होगा बल्कि हम उनको दोहरे रास्तों पर ले जाएंगे, जहां से वह अपना सही मार्ग चुनने के योग्य नहीं होंगे। जैसे-जैसे बरगाड़ी कांड वाला केस भी रंग पकड़ता जा रहा है तथा विधानसभा चुनाव भी समीप आ रहे हैं इन सब बातों को देखते हुए पाॢटयों की धड़कनें भी बढ़ रही हैं। कुछ राजनीतिक विशेषज्ञ यह भी सोच रहे हैं कि आगामी चुनाव कहीं उन संवेदनशील मसलों को लेकर न लड़े जाएं जिन्होंने पंजाब का नुक्सान ही करना है। एक ताजा घटनाक्रम में खालिस्तान के नाम पर रात के अंधेरे में पोस्टर लगवाए गए। उनके बारे में क्या कहा जा सकता है? 

सरकार तथा पुलिस सतर्क है। यह सब इसलिए क्योंकि हमारी पुलिस के प्रमुख तथा मुख्य अधिकारियों ने वह काला दौर देख रखा है इसलिए वह पंजाब की नब्ज पहचानते हैं तथा लोगों की रग भी पहचानते हैं। चाहे जत्थेदार हरप्रीत के बयान का जवाब देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने पंजाबी नौजवानों द्वारा देशहित में दी गई कुर्बानियों का इतिहास भी याद करवाया तथा चंद लोगों द्वारा पंजाब की आभा को धूमिल करने के लिए की जा रही कोशिशों की भी आलोचना की। 

उल्लेखनीय है कि पंजाब इस समय सामाजिक, आॢथक तथा राजनीतिक मामलों में बहुत ही नाजुक मोड़ पर खड़ा है। हमारे राजनीतिक, धार्मिक तथा सामाजिक नेताओं को बहुत सोच-समझ कर कदम रखने की जरूरत है। हमने कभी भी धार्मिक एकजुटता को चोट नहीं पहुंचाने दी तथा आगे भी उम्मीद करते हैं कि पंजाबियों में यह भावना बरकरार रहेगी।-हरफ हकीकी/देसराज काली

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