5जी का जमाना : इंटरनैट के पसरते पांव

Edited By ,Updated: 07 Aug, 2022 06:29 AM

the age of 5g spreading feet of the internet

इंटरनैट का सामान्य अर्थ सूचना भंडारों को सर्वसुलभ बनाने वाली तकनीक के रूप में लिया जा सकता है। इंटरनैट आधुनिक और उच्च तकनीकी विज्ञान का एक महत्वपूर्ण आविष्कार है। यह किसी

इंटरनैट का सामान्य अर्थ सूचना भंडारों को सर्वसुलभ बनाने वाली तकनीक के रूप में लिया जा सकता है। इंटरनैट आधुनिक और उच्च तकनीकी विज्ञान का एक महत्वपूर्ण आविष्कार है। यह किसी भी व्यक्ति को दुनिया के किसी भी कोने में बैठे हुए महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करने की अद्भुत सुविधा प्रदान करता है। इसके माध्यम से हम लोग आसानी से किसी एक जगह रखे कम्प्यूटर को किसी भी एक या एक से अधिक कम्प्यूटर से जोड़कर जानकारी का आदान-प्रदान कर सकते हैं। 

इंटरनैट के द्वारा हम कुछ सैकंडों में ही बड़े या छोटे संदेशों, अथवा किसी प्रकार की जानकारी एक कम्प्यूटर या डिजिटल डिवाइस (यंत्र) जैसे टैबलेट, मोबाइल, पीसी से दूसरे डिवाइस में काफी आसानी से भेज सकते हैं। आज इंटरनैट दूरसंचार का अत्यंत महत्वपूर्ण और आवश्यक अंग बन चुका है। हम ऐसा भी कह सकते हैं कि कम्प्यूटर तथा इंटरनैट का चोली दामन का साथ है। आज कम्प्यूटर और सैलफोन के द्वारा सूचना और मनोरंजन का एक सुंदर साधन बन गया है, जिसे इंटरनैट कहते हैं। 

जबसे दुनिया डिजिटल संसाधनों पर निर्भर होती गई है, इंटरनैट तरंगों की गति तेज करने पर जोर बढ़ता गया है। आज स्थिति यह है कि लगभग सारे कामकाज इंटरनैट आधारित होते गए हैं। न केवल सूचना और मनोरंजन के क्षेत्र में इस पर निर्भरता तेजी से बढ़ी है बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और दूसरे आम जिंदगी के कामकाज इंटरनैट के माध्यम से जुड़ते गए हैं। भारत सरकार ने इसी के मद्देनजर डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत हर घर तक इंटरनैट की पहुंच सुनिश्चित कराने का संकल्प लिया था। वह संकल्प काफी हद तक पूरा होता दिख रहा है। इंटरनैट के प्रति युवाओं में विशेष आकर्षण है और इससे दूरी की बाधा समाप्त हो गई है। 

आमतौर पर इंटरनैट का आरंभ 1960 के दशक में माना जाता है। शीत युद्ध के समय अमरीका ऐसी तकनीक कंट्रोल करना चाहता था, जिस पर परमाणु आक्रमण का असर न पड़े, इसलिए उसने ऐसी विकेन्द्रित सत्ता वाले नैटवर्क का आविष्कार किया, जिनमें सभी कम्प्यूटरों को समान रूप से जोड़ा गया। तकनीकी सुधारों के कारण कई काम आसान हो गए। यहां तक कि खरीददारी, पढ़ाई से लेकर दफ्तरी काम तक अब घर बैठे हो रहे हैं। लेकिन जैसी तेजी इंटरनैट की सहूलियतों के कारण तमाम कामकाज में दिखाई पड़ी है, वैसी तेजी खुद इंटरनैट के दायरे में नहीं हुई। बातचीत करना, तस्वीरें, फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड करना, फिल्में देखना और तेजी से ऑनलाइन चैट करना-ये सारी सुविधाएं लोगों को वैब 2.0 के दौर में मिलीं, जिनका सिलसिला आज भी अपने रूप में जारी है। 

अब तो वीडियो, ऑडियो, गेम्स, डैस्कटॉप, वॉलपेपर, फोटोग्राफ, ई-बुक्स आदि अनेक बातों की जानकारी इंटरनैट से हो जाती है। इंटरनैट के ब्राऊजर को ओपन करते ही पंजीकृत वैब के द्वारा मनचाही जानकारी घर बैठे मिल जाती है। इस कारण आज इंटरनैट का असीमित प्रसार हो गया है और सूचना एवं संचार के क्षेत्र में महाक्रांति आ गई है। 

अब बात चल रही है ‘सुपर फास्ट इंटरनैट’ की तथा 5 जी डाटा की जो तेजी से अपने पांव पसार रहा है। पांचवीं पीढ़ी के इंटरनैट की गति वर्तमान गति से करीब दस गुना अधिक होगी। इस तरह सूचनाओं के प्रसार में भी तेजी आएगी। अब घरों में स्मार्ट टी.वी. का चलन बढ़ रहा है, जो केबल या डिश नैटवर्क के बजाय इंटरनैट से चलते हैं। इस माध्यम से टी.वी. पर अधिक विकल्प मौजूद होते हैं। अब लोग सिनेमाघरों में फिल्में देखने जाने के बजाय घर बैठे देखना अधिक पसंद करने लगे हैं। 

इंटरनैट ने हर किसी के जीवन में बहुत सारी सहूलियतें पेश की हैं। अब घर में ही बाजार उपलब्ध है, पढ़ाई-लिखाई के तमाम साधन मौजूद हैं, बिलों के भुगतान, टिकट खरीदने आदि के लिए कतार में लगने की जरूरत नहीं रह गई। तमाम प्रतियोगी परीक्षाएं अब इसी माध्यम से संचालित होने लगी हैं। नए वाहनों का संचालन भी इंटरनैट से जुड़ गया है। ऐसे में इंटरनैट की तरंगें ज्यादा महत्वपूर्ण है।-प्रि. डा. मोहन लाल शर्मा

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!