बढ़ता कर्ज, घटता राजस्व चुनावी वायदे कब और कैसे पूरे करेगी कैप्टन सरकार

Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Jun, 2017 10:28 PM

the captain government will fulfill when and how the election promises

16 मार्च को पंजाब के मुख्यमंत्री का पद संभालने वाले कैप्टन अमरेन्द्र सिंह .....

16 मार्च को पंजाब के मुख्यमंत्री का पद संभालने वाले कैप्टन अमरेन्द्र सिंह अभी तक कोई खास उपलब्धि नहीं दिखा पाए हैं। विधानसभा चुनावों से पहले तो उनकी पार्टी ने वायदों का तांता लगा दिया था लेकिन इन्हें पूरा करना अब उन्हें  बहुत मुश्किल दिखाई दे रहा है। इसका मुख्य कारण तो प्रदेश का लगातार बढ़ता राजस्व घाटा तथा ऋण का भारी बोझ ही है। ऊपर से वायदे भी ऐसे किए गए हैं जिन्हें पूरा करना असंभव है। 

उदाहरण के तौर पर अमरेन्द्र का सबसे कुंजीवत वायदा यह था कि वह सत्ता संभालने के 4 सप्ताह में ही नशीले पदार्थों की लानत समाप्त कर देंगे। बेशक सत्तासीन होने के जल्दी ही बाद उनके द्वारा गठित विशेष कार्य बल (एस.टी.एफ.) ने प्रदेश भर में 1400 लोग गिरफ्तार किए हैं, फिर भी अभी तक कोई बड़ी मछली उनके जाल में नहीं फंसी। सबसे बुरी बात तो यह है कि कार्य बल के कुछ अधिकारियों पर आरोप लगे हैं कि वे तस्करों के साथ मिलकर नशीले पदार्थों का व्यापार करने वाले गिरोह चला रहे हैं। इसके बावजूद मुख्यमंत्री के कार्यालय द्वारा यह दावा किया जा रहा है कि नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले माफिया के विरुद्ध उनके जोरदार अभियान के सार्थक नतीजे मिल रहे हैं। 

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक ई-मेल बयान के माध्यम से बताया है: ‘‘सरकार की बड़ी उपलब्धि यह है कि यह नशीले पदार्थों के तस्करों और इसके परचून विक्रेताओं की कमर तोडऩे में सफल हुई है और ये लोग अमरेन्द्र सरकार के सत्तासीन होने के समय से मारे-मारे फिर रहे हैं। नशीले पदार्थों के लगातार बढ़ते मूल्य इस बात का स्पष्ट संकेत हैं कि एस.टी.एफ. द्वारा बड़े स्तर पर गिरफ्तारियां करने और भारी मात्रा में नशीले पदार्थ पकड़े जाने के कारण इनकी किल्लत आ गई है।’’ बेशक केवल 8 सप्ताह की कारगुजारी के आधार पर अमरेन्द्र सिंह के बारे में कोई फतवा देना अन्यायपूर्ण होगा लेकिन मुख्यमंत्री के रूप में उनकी कारगुजारी अपने समकक्ष यू.पी. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना में बहुत कमजोर है जबकि दोनों ने शपथ लगभग एक ही समय पर ली थी। 

योगी की सरकार ने सत्तारूढ़ होने के जल्दी ही बाद 2 करोड़ 15 लाख छोटे तथा सीमांत किसानों के एक लाख तक के फसली ऋण माफ कर दिए थे। इस ऋण माफी की कुल राशि 36,359 करोड़ रुपए बनी है। अमरेन्द्र सिंह ने भी पंजाब के छोटे और सीमांत किसानों के ऋण माफ करने का ऐसा ही वायदा किया था लेकिन सुनने में आ रहा है कि उनकी सरकार नरेन्द्र मोदी नीत केन्द्रीय भाजपा सरकार से वित्तीय सहायता का इंतजार कर रही है। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने हाल ही में एक स्थानीय समाचार पत्र को साक्षात्कार में बताया: ‘‘हमें ऋण माफी का काम दो पड़ावों में करना पड़ेगा। हमारे सामने अभी 5 साल का समय पड़ा है। हमने यह कभी नहीं कहा कि सत्तासीन होते ही हम सब समस्याएं समाप्त कर देंगे।’’ 

हाल ही में एक अन्य साक्षात्कार में कैप्टन ने कहा कि पंजाब का कुल कृषि ऋण लगभग 80,000 करोड़ रुपए है जिसमें से 12,500 करोड़ राज्य सरकार के अंतर्गत चलने वाले सहकारी बैंकों द्वारा दिया गया है। राज्य सरकार की समस्या यह है कि किसानों के ऋण माफ करने के लिए इसके पास वित्तीय संसाधन नहीं हैं। उनकी पूर्ववर्ती अकाली-भाजपा सरकार उन्हें विरासत में  1.24  लाख करोड़ रुपए का ऋण देकर गई है। 2016-17 के बजटीय आकलन दिखाते हैं कि पंजाब सरकार को 7983 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा दरपेश है जोकि 2014-15 में केवल 6500 करोड़ रुपए था। 

मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार प्रदेश की अर्थव्यवस्था की मरणासन्न स्थिति भी सरकार को दरपेश सबसे बड़ी चुनौती है और यह उनकी पूर्व गणनाओं से कहीं अधिक बदतर है। कोष की भारी कमी ही अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर लाने में सबसे बड़ी रुकावट है। इसी के चलते चुनावी वायदों को सम्पूर्ण रूपेण लागू करने में विलम्ब हो रहा है। ऐसी विकट स्थिति में राज्य सरकार के लिए कृषि ऋण माफ करना बहुत मुश्किल है। अपनी ओर से राज्य सरकार ने कर्ज अदा न कर पाने वाले किसानों व खेत मजदूरों की सम्पत्ति की कुर्की फिलहाल रोक दी है। वैसे कैप्टन का कहना है कि ऋण माफी के मुद्दे पर भी विशेषज्ञों का समूह काम कर रहा है और जल्दी ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर देगा। 

वर्तमान में सरकार अपने खर्चों को घटाकर और नीलामियों के माध्यम से पैसा जुटाकर अपनी वित्तीय जरूरतों का जुगाड़ कर रही है। रेत की खदानों की नीलामी से मिले 1000 करोड़ रुपए इसके लिए किसी वित्तीय वरदान से कम नहीं। उल्लेखनीय है कि अकाली-भाजपा सरकार ऐसी ही नीलामी से केवल 45 करोड़ रुपए ही जुटा सकी थी। उद्योगपतियों के साथ मीटिंगें करके पंजाब के मुख्यमंत्री नया निवेश आकर्षित करने के प्रयास कर रहे हैं। राज्य सरकार का मानना है कि उद्योग की बहाली से इसका प्रत्येक परिवार के एक व्यक्ति को रोजगार देने का वायदा पूरा करने में सहायता मिलेगी। 

कैप्टन ने कहा कि उनकी सरकार इस वर्ष 1 लाख उबेर टैक्सियां शुरू करेगी और इससे 2 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा सरकार युवकों को मिनी बसों तथा  रैगुलर  बसों  के लिए परमिट जारी करेगी जिन्हें वे सामूहिक आधार पर प्रचारित करेंगे। कैप्टन ने यह भी कहा है: ‘‘हमारे पास लोगों को पेश करने के लिए कोई सरकारी रोजगार उपलब्ध नहीं है। रोजगार सृजन करने के लिए हमें उद्योगों से सहायता की उम्मीद है।’’  वी.आई.पी. संस्कृति समाप्त करने के वायदे के संबंध में अमरेन्द्र सिंह ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अपने मंत्रियों और विधायकों को अपने वाहनों से लाल बत्तियां हटाने तथा व्यक्तिगत सिक्योरिटी सरकार को लौटाने को कहा है। वैसे अभी तक उन्होंने किसी पूर्व मंत्री और अधिकारी पर भ्रष्टाचार तथा भाई-भतीजावाद के मामले में कार्रवाई शुरू नहीं की।     

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