कैबिनेट मंत्रियों के इस्तीफे ने बढ़ाईं ट्रूडो की मुश्किलें

Edited By ,Updated: 13 Mar, 2019 03:38 AM

the difficulties of the extension of cabinet ministers

टोरंटो में 4 मार्च को प्रचार के स्टाइल में आयोजित एक रैली में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भाषण में गर्मजोशी का अभाव था। यद्यपि रैली का मकसद उनकी लिबरल सरकार की जलवायु परिवर्तन नीतियों का गुणगान करना था लेकिन ट्रूडो को अपना भाषण इस स्वीकारोक्ति के...

टोरंटो में 4 मार्च को प्रचार के स्टाइल में आयोजित एक रैली में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भाषण में गर्मजोशी का अभाव था। यद्यपि रैली का मकसद उनकी लिबरल सरकार की जलवायु परिवर्तन नीतियों का गुणगान करना था लेकिन ट्रूडो को अपना भाषण इस स्वीकारोक्ति के साथ शुरू करना पड़ा कि उन्होंने अपने एक सबसे सम्मानीय मंत्री को खो दिया है।

उनके मंच पर आने से कुछ घंटे पहले जेन फिलपॉट ने ट्रेजरी बोर्ड (जो सरकार के खर्चों की निगरानी करता है) के मुखिया के पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका त्यागपत्र ट्रूडो द्वारा उनकी सरकार को गिराने के षड्यंत्र से निपटने के उनके तरीके के प्रति निराशा की अभिव्यक्ति था। अब तक उनकी कैबिनेट के दो मंत्री तथा उनके एक निकटतम सहयोगी त्यागपत्र दे चुके हैं। टोरंटो में उनके प्रशंसकों की तालियां इस बात को नहीं छिपा सकीं कि सरकार संकट में है। इससे अक्तूबर में ट्रूडो के दोबारा चुने जाने की सम्भावना धूमिल हुई है।

यह विवाद 7 फरवरी से शुरू हुआ जब कुछ समाचारपत्रों ने यह रिपोर्ट प्रकाशित की कि ट्रूडो और उनके साथियों ने न्याय मंत्री और अटार्नी जनरल, जॉडी विल्सन-रेबोल्ड पर अनुचित दबाव डाला। रिपोर्ट में कहा गया था कि ट्रूडो और उनकी टीम चाहती थी कि सुश्री विल्सन-रेबोल्ड क्यूबेक की निर्माण फर्म सिंक लैवलिन के खिलाफ मुकद्दमा न चलाएं। इस फर्म पर लीबिया में मुअम्मर गद्दाफी के शासनकाल में अधिकारियों को रिश्वत देने का आरोप था। उन्होंने उस पर इस बात के लिए दबाव डाला कि वह मुकद्दमा चलाने की बजाय फर्म पर जुर्माना डाल कर मामले को खत्म कर दे। समाचारपत्र का दावा है कि जब उन्होंने इस बात को मानने से इंकार कर दिया तो ट्रूडो ने इस मंत्री का विभाग बदल कर उन्हें डिमोट कर दिया।

सुश्री विल्सन-रेबोल्ड ने 12 फरवरी को कैबिनेट से त्यागपत्र दे दिया। हाऊस ऑफ कॉमन्स में उनके द्वारा दिया गया वक्तव्य अखबार के दावों की पुष्टि करता है। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि ट्रूडो और उनके अधिकारियों ने उनसे अभियोग रोकने का अनुरोध किया था। गेराल्ड बट्स, सहयोगी जिसने त्यागपत्र दिया, ने इस्तीफा देने वाली मंत्री के दावों को नकारा और कहा कि उन्होंने केवल 9000 सिंकलेवियन वर्कर्स के हितों का ध्यान रखने को कहा था।

इस मामले में ट्रूडो के बचाव में दिए गए तर्क कमजोर रहे हैं। ट्रूडो स्वीकार करते हैं कि उन्होंने महिला मंत्री से बात की थी लेकिन उनका यह भी कहना है कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है और उन्होंने मंत्री को अपना निर्णय बदलने के लिए नहीं कहा था। अभियोग की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है। हालांकि सुश्री फिलपॉट का इस्तीफा इन तर्कों को खारिज करता है। उन्होंने अपने त्यागपत्र में लिखा कि हमारे न्यायिक तंत्र की स्वतंत्रता और निष्पक्षता खतरे में है।

इन सब तथ्यों के बावजूद ट्रूडो के करियर पर कोई बड़ा संकट नहीं है। कनाडा के लोगों में ट्रूडो की विश्वसनीयता आज भी विपक्षी नेताओं के मुकाबले कहीं अधिक है। इस समय देश में बेरोजगारी दर 5.8 प्रतिशत है, जो पिछले 40 वर्षों में सबसे कम है। ट्रूडो के लिए सबसे खास बात यह है कि उनके बाकी कैबिनेट मंत्रियों ने उनके साथ एकजुटता का वायदा किया है। किसी अन्य बड़े व्यक्ति का इस्तीफा घातक साबित हो सकता है।

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