किसान आंदोलन ने सरकार का ‘तेज’ खत्म कर दिया

Edited By ,Updated: 10 Jun, 2021 04:52 AM

the farmers  movement ended the  tej  of the government

सरकार इकबाल पर चलती है। आप शब्दकोश में देखेंगे तो इकबाल का अर्थ ‘प्रताप’ या ‘तेज’ बताया जाएगा। लेकिन इकबाल का मतलब केवल सरकार की प्रतिष्ठा या नैतिक आभा नहीं है। केवल ताकत

सरकार इकबाल पर चलती है। आप शब्दकोश में देखेंगे तो इकबाल का अर्थ ‘प्रताप’ या ‘तेज’ बताया जाएगा। लेकिन इकबाल का मतलब केवल सरकार की प्रतिष्ठा या नैतिक आभा नहीं है। केवल ताकत या डर के सहारे भी सरकार इकबाल हासिल नहीं कर सकती है। ताकत और वैधता दोनों के योग से इकबाल कायम होता है। जब जनता सरकार के बल प्रयोग को उचित मानती है, उसकी ताकत का मान करती है, सत्ता की वैधता को स्वीकार करती है, तभी हम कह सकते हैं कि सरकार का इकबाल बुलंद है। 

पिछले सप्ताह हरियाणा के टोहाना कस्बे में हुए घटनाक्रम ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि कम से कम हरियाणा में तो किसान आंदोलन ने सरकार का इकबाल खत्म कर दिया है। पहली नजर में घटना मामूली लग सकती है, मानो चाय के प्याले में तूफान आया और अपने आप ठंडा पड़ गया। सत्तारूढ़ दल के एक विधायक ने किसानों के विरुद्ध अपशब्द का इस्तेमाल किया, किसानों ने विरोध किया, 3 किसान नेता गिरफ्तार हुए। 

हफ्ते भर के भीतर विधायक ने खेद प्रकट कर दिया, किसान नेता रिहा हो गए और उनके खिलाफ दर्ज किए केस वापस ले लिए गए। लेकिन इस घटनाक्रम को नजदीक से देखें तो पता लगता है कि सरकार ने इस घटना के माध्यम से चालें चलीं लेकिन हर चाल उल्टी पड़ी। किसान आंदोलन को टंगड़ी लगाते लगाते हरियाणा सरकार खुद औंधे मुंह गिरी। 

पहली चाल यह थी कि किसान आंदोलन का मान और मनोबल हटाया जाए। टोहाना के जे.जे.पी. विधायक देवेंद्र बबली ने अनायास ही या संयोगवश सरकारी फंक्शन के लिए अस्पताल जाने का फैसला नहीं किया, मीडिया की खबर है कि स्थानीय प्रशासन और विधायक के शुभचिंतकों ने भरसक कोशिश की कि वे किसानों के विरोध के चलते इस आयोजन में न जाएं लेकिन किसी राजनीतिक इशारे के चलते देवेंद्र बबली उस आयोजन में पहुंचे जिससे सारा मामला बिगड़ा। किसानों के विरुद्ध अपशब्द बोलना भी अनायास नहीं था, सत्ता के घमंड का ही परिणाम था। जो भी हो परिणाम सबके सामने आ गया। विधायक को अपने अपशब्दों के बारे में सार्वजनिक तौर पर खेद व्यक्त करना पड़ा। किसान आंदोलन का मान घटने की बजाय बढ़ा। 

दूसरी चाल यह थी कि आंदोलनकारी किसानों को डरा दिया जाए। हर विरोध प्रदर्शन के समय बड़ी सं या में पुलिस तैनात की गई। इस घटनाक्रम के बाद हुई सफा में रैपिड एक्शन फोर्स को बुलाया गया। प्रदर्शनकारी किसानों के घर रात में छापे मारे गए। विधायक के घर के सामने प्रदर्शन कर रहे किसानों को हिरासत में लिया गया और उनके दो नेताओं को चोरी छुपे गिर तार कर जेल में भेज दिया गया। लेकिन डर कर घर में दुबकने की बजाय किसान सड़कों पर आ गए। पुलिस थाने के अंदर सैंकड़ों किसान धरना लगाकर बैठ गए। अंतत: जीत किसानों की हुई। रविवार के दिन कचहरी खुली। आधी रात को जेल के दरवाजे खुले। सभी किसान नेता बाइज्जत रिहा हुए। सभी मुकद्दमे सरकार को वापस लेने पड़े। नतीजा यह हुआ कि सरकार का रहा सहा डर भी खत्म हो गया। 

सरकार की तीसरी चाल यह थी कि इस घटनाक्रम के बहाने किसान आंदोलन में फूट डलवाई जाए। विधायक के विरुद्ध हुई पंचायत के बाद दो अलग-अलग राय पता लगने के बाद सरकार ने एक पक्ष से स ती और दूसरे से नरमी बरत कर आंदोलन में दरार डालने की कोशिश की। लेकिन जैसे ही निर्दोष किसान नेताओं को गिर तार करने की खबर आई तो छोटे-मोटे मतभेद भूलकर सभी किसान नेता और संगठन एकजुट हो गए।

संयुक्त किसान मोर्चा का राष्ट्रीय नेतृत्व टोहाना पहुंचा। आस-पड़ोस के जिलों और पंजाब से भी किसान टोहाना धरने पर पहुंचने लगे। कुल नतीजा यह निकला कि आंदोलन टूटने की बजाय उसकी एकता और भी मजबूत हो गई। टोहाना का घटनाक्रम कोई अपवाद नहीं है। पिछले कुछ महीने में हरियाणा के विधायकों, मंत्रियों और यहां तक कि मु यमंत्री ने बार-बार किसानों से पंगा लिया है और बार-बार फजीहत करवाई है। सरकार जग हंसाई का पात्र बन चुकी है। 

इस दौरान किसान आंदोलन मर्यादा के नए मापदंड स्थापित कर रहा है। पिछले ह ते ही संयुक्त किसान मोर्चा ने यह निर्णय लिया कि भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दलों के नेताओं तथा जनप्रतिनिधियों के विरोध का जो सिलसिला चल रहा है उसमें दो नियमों का पालन किया जाएगा। एक तो यह विरोध केवल सरकारी और राजनीतिक आयोजनों में होगा, निजी आयोजन में नहीं। इन नेताओं का सामाजिक बहिष्कार किया जा सकता है, लेकिन किसी प्राइवेट फंक्शन में इनका  सार्वजनिक विरोध नहीं होगा। दूसरा, यह विरोध शांतिपूर्वक होगा, काले झंडे दिखाना, नारे लगाना आदि तक सीमित रहेगा।-योगेंद्र यादव

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!