चीफ प्रोटोकॉल को नजरअंदाज करने का परिणाम

Edited By Pardeep,Updated: 26 Nov, 2018 05:09 AM

the result of ignoring chief protocol

अगले साल गणतंत्र दिवस परेड में मुख्यातिथि बनने के लिए अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने भेजे गए भारत के आधिकारिक निमंत्रण को अपने अंदाज में नामंजूर कर दिया और मीडिया ने भी उसको खास नहीं उछाला लेकिन सूत्रों का कहना है कि विदेश मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारी...

अगले साल गणतंत्र दिवस परेड में मुख्यातिथि बनने के लिए अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने भेजे गए भारत के आधिकारिक निमंत्रण को अपने अंदाज में नामंजूर कर दिया और मीडिया ने भी उसको खास नहीं उछाला लेकिन सूत्रों का कहना है कि विदेश मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारी अभी भी इस तरह से निमंत्रण को अस्वीकृत किए जाने से परेशान हैं। 

एक बार फिर यह कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने निमंत्रण दिया था और इसे ठीक  से संभाला नहीं गया। लेकिन ऐसी उच्चस्तरीय आधिकारिक यात्राओं से निपटने में अनुभव रखने वाले राजनयिकों का कहना है कि इस मायूसी से बचा जा सकता था अगर विदेश मंत्रालय में तैनात चीफ ऑफ प्रोटोकॉल को इस पूरी प्रक्रिया में शामिल कर लिया जाता। 

यह भी कहा जा रहा है कि इस तरह के मामलों में आखिरी फैसला प्रधानमंत्री का ही होता है और चीफ ऑफ प्रोटोकॉल जो आम तौर पर संयुक्त सचिव स्तर का बाबू होता है ऐसे मामलों में पूरी प्रक्रिया को आगे बढ़ाता है। डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा गणतंत्र दिवस समारोहों का हिस्सा बनने से इंकार करने की पूरी प्रक्रिया को पर्दे के पीछे से ही संभाला जा सकता था, अगर मोदी सरकार ने ‘उचित प्रोटोकॉल’ का पालन किया होता। इसका मतलब है कि आधिकारिक तौर पर निमंत्रण भेजने से पहले ही आमंत्रित किए जाने वाले व्यक्ति से औपचारिक सहमति ले ली जाती है, इससे बाद में इस तरह से सार्वजनिक तौर पर किए जाने वाले इंकार से पैदा हुई परिस्थिति से बचा जा सकता था। 

रेल बाबुओं के बीच छिड़ी जंग, आमने-सामने की टक्कर
रेल भवन परिसर के भीतर, भारतीय रेलवे की विभिन्न कैडर सेवाओं के बीच एक झगड़ा शुरू हो गया है। लंबे समय तक चलने वाला विवाद मैकेनिकल इंजीनियरों (आई.आर.एस.एम.ई.) सेवा और यातायात (आई.आर.टी.एस.) और इलैक्ट्रिक इंजीनियरों (आई.आर.एस.ई.ई.) सेवाओं के बीच शुरू हुआ है। इलैक्ट्रिक इंजीनियर्स ने आरोप लगाया है कि मैकेनिकल इंजीनियरों ने रेलवे में सभी महत्वपूर्ण पदों पर अपना कब्जा जमा रखा है फिर भले ही उनके पास आवश्यक योग्यताएं हों या न हों। सूत्रों का कहना है कि हाल ही में आई.आर.टी.एस. अधिकारियों ने मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय (पी.एम.ओ.) को भी पत्र लिखकर अपने समूह को नजरअंदाज किए जाने के बारे में लिखा है। संयोग से, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी आई.आर.एस.एम.ई से संबंधित हैं। 

हालांकि, सूत्रों का कहना है कि, आई.आर.एस.एम.ई. हमेशा दूसरों के ऊपर बढ़त रखता है क्योंकि उन्हें कक्षा 12 के बाद संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित विशेष श्रेणी रेलवे प्रशिक्षु परीक्षा के माध्यम से भर्ती किया गया था, जिसने उन्हें दूसरों पर उम्र का लाभ दिया है। मंत्रालय ने पहले विभिन्न सेवाओं में विलय करने का प्रस्ताव रखा था लेकिन चर्चा के लिए प्रस्ताव को उठाया नहीं गया। 

केन्द्रीय सूचना आयोग में 11 में से 3 ही सूचना आयुक्त रह जाएंगे 
दिल्ली में यह धारणा बढ़ती जा रही है कि केंद्र प्रशासन में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक नहीं है। केन्द्रीय सूचना आयोग (सी.आई.सी.) में मुख्य सूचना आयुक्त, आर.के.माथुर सहित चार सूचना आयुक्त, अपना सेवाकाल पूरा होने के बाद जल्द सेवामुक्त होने जा रहे हैं। सी.आई.सी. और आई.सी.एस. पांच साल की अवधि के लिए या 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक कार्यालय में बने रहते हैं। 

सेवानिवृत्त आई.पी.एस. अधिकारी यशवद्र्धन आजाद और एम. श्रीधर आचार्युलु 21 नवम्बर को अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। सी.आई.सी. आर.के. माथुर भी 24 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं जबकि अमिताव भट्टाचार्य (सेवानिवृत्त आई.ए.एस) 1 दिसम्बर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इससे सी.आई.सी. पैनल में स्वीकृत 11 पदों की अपेक्षा में आयोग में सिर्फ तीन सूचना आयुक्त, सुधीर भार्गव, बिमल जुल्का और दिव्य प्रकाश सिन्हा ही बाकी बचे रह जाएंगे। वर्ष के मध्य में रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई लेकिन नियुक्तियां अभी तक की जा चुकी हैं। 2016 से केंद्र ने सी.आई.सी. में कोई खाली पद नहीं भरा है। 

देश के बाकी हिस्सों में भी सूचना आयोगों में यही हालात हैं। देश भर में मुख्य सूचना आयुक्तों और सूचना आयुक्तों के 30 प्रतिशत से अधिक पद खाली हैं। आंध्र प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और नागालैंड के लिए राज्य मुख्य सूचना आयुक्त (10 अक्तूबर, 2018 तक) की नियुक्ति नहीं हुई है। मध्यप्रदेश, बिहार, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम और त्रिपुरा में सूचना आयोगों में पद खाली पड़े हुए हैं।-दिलीप चेरियन

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!