ऐसा केवल ‘भारत’ में ही होता है

Edited By ,Updated: 13 Jul, 2020 02:46 AM

this happens only in india

संयुक्त राष्ट्र ने कानून के नियम को प्रशासन का सिद्धांत के तौर पर इसका व्याख्यान किया है जिसमें सभी लोग, संस्थान, सार्वजनिक तथा निजी संस्थाएं यहां तक कि सरकार आप भी कानून के प्रति जवाबदेह है। यह सार्वजनिक तौर पर परिवर्तित है। इन्हें समान तौर पर लागू...

संयुक्त राष्ट्र ने कानून के नियम को प्रशासन का सिद्धांत के तौर पर इसका व्याख्यान किया है जिसमें सभी लोग, संस्थान, सार्वजनिक तथा निजी संस्थाएं यहां तक कि सरकार आप भी कानून के प्रति जवाबदेह है। यह सार्वजनिक तौर पर परिवर्तित है। इन्हें समान तौर पर लागू तथा स्वतंत्र तौर पर इस पर निर्णय किए जाते हैं। यह अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार के नियम तथा मानकों के साथ तर्कयुक्त है। भारत एक कानूनी सरकार का नियम है तथा हमारे संविधान का आर्टीकल-21 कहता है कि किसी भी व्यक्ति को कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया को छोड़ उसके जीवन या निजी स्वतंत्रता से वंचित नहीं करना चाहिए। सरकार इसका अनुसरण करने के लिए बाध्य है। इस नियम को तोडऩे का मतलब कानून तोडऩा है तथा एक अपराध को अंजाम देना है। 

जो कुछ भारत में घट रहा है वह कानून का नियम नहीं है। हम तो कानून रहित राष्ट्र हैं और मैं इसे आक्रोश या फिर भड़ास नहीं कहूंगा। मैं तो केवल यह कहूंगा कि यह एक उद्देश्य भरा बयान है जो हमारे इर्द-गिर्द हो रहा है। एक व्यक्ति जिसने अपने पूरे प्रभाव के साथ बुरे अपराध किए हों, आत्मसमर्पण कर देता है और उसे हिरासत में मार दिया जाता है। इससे पहले कि वह अपने भेद उजागर करे। वह संविधान के हिसाब से कानूनी प्रक्रिया नहीं झेलता मगर इस प्रक्रिया के बिना ही उसे निपटा दिया जाता है। 

यह वह आधार नहीं जिन पर मैं यह कह रहा हूं कि हमारा देश एक कानून रहित देश है। भारत में या फिर उत्तर प्रदेश में यह कोई पहला एनकाऊंटर नहीं। योगी आदित्यनाथ द्वारा यू.पी. की सत्ता संभालने के दिन से ही ऐसे 119 एनकाऊंटर हो चुके हैं और यहां पर ऐसे हजारों अन्य भी हैं जोकि आगे भी होंगे। एक पिता तथा उसके पुत्र को पुलिस द्वारा उत्पीड़ित किया जाता है तथा उसके बाद उनकी हत्या कर दी जाती है क्योंकि उन दोनों ने अपनी दुकान खोल रखी थी। यह सिर्फ भारत में ही होता आया। यह अन्यकानून रहित राज्यों में भी होता है और यही वास्तविकता है। जिनके पास शक्ति होती है वह इसका इस्तेमाल उनके खिलाफ करते हैं जहां पर कानून रहित राज्य होते हैं। 

कानून रहित भारत जैसे देशों में यहां तक कि सरकार भी कानून को नहीं मानती। मवेशियों के बाजार में गायों तथा भैंसों के वध के लिए की जाने वाली सेल पर प्रतिबंध लगाने के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार ने एक कानून पास किया है। मोदी को गायों से प्यार है। मगर वह यह नहीं जानते कि उनको ऐसा करने की अथॉरिटी नहीं है क्योंकि यह विषय संविधान की राज्य सूची में है और केंद्र सूची में नहीं है। इस कानून को लिखने से पहले केंद्र सरकार इसके बारे में नहीं जानती थी। 

जब सुप्रीमकोर्ट ने इसके बारे में पूछा तो कानून को वापस ले लिया गया। यह ऐसा है जो कानून रहित देशों में ही होता है। यदि सरकारें कानून को नहीं जानतीं तो वह कैसे इसका अनुसरण कर सकती हैं? राज्य सरकार भी यह नहीं जानती और यहां तक कि कई बार सुप्रीमकोर्ट भी इसे नहीं जानती। 1967 में ओडिशा सरकार ने धर्म परिवर्तन पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कानून पास किया है जोकि आर्टीकल-25 का स्पष्ट तौर पर उल्लंघन है। धर्म परिवर्तन के विशेष अर्थ के साथ प्रचार के अधिकार को आर्टीकल-25 में गारंटी दी गई है जैसा कि संवैधानिक एसैंबली द्वारा बहस दर्शाती है। 

ओडिशा हाईकोर्ट ने इस कानून को उखाड़ फैंका मगर सुप्रीमकोर्ट ने दोषपूर्ण, विसंगत, अस्वस्थ तथा मुश्किल से शिक्षित विचार के साथ हाईकोर्ट के निर्णय को खारिज कर दिया। नतीजा यह हुआ कि 10 राज्यों ने अब धर्म परिवर्तन विरोधी कानून को बना डाला। अब यू.पी. 11वां राज्य बन चुका है। योगी आदित्यनाथ को यह सुनकर आश्चर्य होगा कि जो कुछ उन्होंने अपनी पुलिस को ऐसा अपराध करने के लिए आदेश दिया है वह अपराध है जिसके लिए संवैधानिक तौर पर उन्हें सजा मिलनी चाहिए। गाय पर कानून के साथ मोदी की तरह योगी को भी मानना पड़ेगा कि वह एक उचित चीज कर रहे हैं क्योंकि यही भारतीय संस्कृति है। 

ऐसी सब चीजें कानून रहित राज्य में ही तो घटती हैं। अदालतें बेकार हैं और जज कानून के प्रति अशिक्षित हैं। निचली अदालतें देशद्रोह जैसे मामलों पर सुप्रीमकोर्ट के विरुद्ध व्यवस्था देती हैं। विधायक मिलते नहीं, चुने हुए प्रतिनिधि कानून की पालना नहीं करते तथा पुलिस अपनी हिरासत में किसी की भी हत्या कर देती है क्योंकि यह सब भारत में ही तो होता है।-आकार पटेल 

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!