यू.पी. के विकास हेतु अपने पिता की नसीहत पर चिंतन करें योगी आदित्यनाथ

Edited By ,Updated: 25 Mar, 2017 11:08 PM

up think of yogi adityanath on the advice of his father for the development of

आनंद सिंह बिष्ट बहुत समझदार व्यक्ति हैं। उत्तर प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ...

आनंद सिंह बिष्ट बहुत समझदार व्यक्ति हैं। उत्तर प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 85 वर्षीय पिता ने उस नसीहत का खुलासा किया है जो उन्होंने अपने बेटे को दी। योगी अब जिस पथ पर आगे बढ़ रहे हैं उस पर अपनी नई भूमिका को अंजाम देते हुए उन्हें अपने पिता जी के शब्द याद रखने चाहिएं।

श्री बिष्ट का कहना है: ‘‘मैं आदित्यनाथ को यह बताने से नहीं चूकता कि अपने भाषणों पर उन्हें कुछ अंकुश लगाना चाहिए लेकिन वह अपनी धुन का पक्का है और जो इरादा कर लेता है उसी पर चलता है। मैं उम्मीद करता हूं कि वह भाजपा के ‘सबका साथ सबका विकास’ एजैंडे का अनुसरण करेगा। मेरी तो उन्हें यही नसीहत है कि वह भाजपा के एजैंडे का ही अनुसरण करे क्योंकि इसमें हिन्दू-मुस्लिम, सिख-ईसाई, गरीब व अमीर सभी का समावेश है। 

योगी की भौजाई ने बाप-बेटे के रिश्ते पर कुछ अधिक प्रकाश डालते हुए कहा: ‘‘जब कभी भी महंत जी घर आते हैं तो पिता जी उनके साथ बैठते हैं तथा उन्हें शांत रहने की नसीहत देते हैं। पिता जी उन्हें कहते हैं कि कुछ बातें अपने दिल में ही रखनी चाहिएं और जो कुछ वह महसूस करते हैं हर उस बात के बारे में बहुत अधिक मुखर नहीं होना चाहिए।’’यह नसीहत केवल नेक इरादों सी भरी हुई नहीं बल्कि अनिवार्य भी है। आखिर योगी ने आक्रामक एवं भड़काऊ बातें करके ही अपना राजनीतिक करियर आगे बढ़ाया है। अब तो निश्चय ही बदलाव का समय आ गया है जैसा कि उनके पिता जी कहते हैं : ‘‘अब जिम्मेदारी बड़ी हो गई है।’’ 

योगी को नि:संदेह बहुत अधिक नसीहतें मिल रही हैं। फिर भी दो विशेष क्षेत्र ऐसे हैं जहां पार्टी मैनीफैस्टो के वादों को पूरा करने से पूर्व उनका फूंक-फूंक कर कदम रखना जरूरी है। मैं महसूस करता हूं कि इस धमाकेदार जनादेश के बाद उन्हें अवश्य ही यह महसूस हो जाना चाहिए कि भाजपा के मैनीफैस्टो को व्यापक रूप में स्वीकृति हासिल हुई है और इसी कारण इसे अक्षरश: लागू करना अनिवार्य है लेकिन दो क्षेत्र ऐसे हैं जहां उन्हें अपने प्रशासन वाले राज्य में नए सिरे से ङ्क्षचतन करना चाहिए। 

उत्तर प्रदेश का वित्तीय घाटा 5.85 प्रतिशत है और 2013-14 के बाद यह दोगुणा हो गया। बेशक यू.पी. देश का सबसे बड़ा राज्य है तो भी इसकी वृद्धि दर न्यूनतम दरों में से एक है। इसकी प्रति व्यक्ति आय भी राष्ट्रीय औसत से आधी है और गरीबी की दर 30 प्रतिशत है जोकि सबसे बुरी दरों में से एक है। देश की जी.डी.पी. में यू.पी. की हिस्सेदारी केवल 7 प्रतिशत है जबकि देश की 17 प्रतिशत जनसंख्या इस राज्य में रहती है। इस पृष्ठभूमि के मध्य किसानों के ऋण माफ करने और उन्हें ब्याज मुक्त नए ऋण सुनिश्चित करने के लिए भाजपा के चुनावी मैनीफैस्टो को तत्काल और पूरी तरह लागू करना क्या समझदारी का काम  होगा? 

स्टेट बैंक ने अनुमान लगाया है कि कर्ज माफी पर 27,420 करोड़ रुपए लागत आएगी जोकि उत्तर प्रदेश के कुल राजस्व का 8 प्रतिशत होगी। इतनी भारी-भरकम ऋण माफी से प्रदेश के खजाने पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा। योगी को एक ओर तो अपनी विश्वसनीयता बनाए रखनी होगी और दूसरी ओर अवश्य ही कोई ऐसा तरीका ढूंढना होगा कि अंधाधुंध तरीके से वायदे पूरे न किए जाएं। 

जिस दूसरे वायदे पर नए सिरे से चिंतन-मनन करने की जरूरत है वह है मशीनीकृत एवं अवैध ढंग से चल रहे दोनों ही तरह के बूचडख़ानों को बंद करने की प्रतिबद्धता। इस वायदे पर तो कभी भी अच्छी तरह चिंतन- मनन नहीं हुआ क्योंकि यू.पी. में अवैध ढंग से चल रहे मशीनीकृत बूचडख़ानों की बहुत बड़ी संख्या है जहां हजारों लोगों को रोजगार मिला हुआ है और इन्हीं के कारण भारत भैंसे के मांस का सबसे बड़ा निर्यातक है। इसका देश के कुल निर्यात में 1.56 प्रतिशत का हिस्सा है और यह वाॢषक 30 प्रतिशत की दर से वृद्धि कर रहा है। 

इस मुद्दे पर नए सिरे से विचार करने के तर्कसंगत कारण मौजूद हैं। अवैध बूचडख़ाने तो कभी खुलने ही नहीं चाहिए थे और उन्हें अवश्य ही बंद किया जाना चाहिए लेकिन मशीनीकृत बूचडख़ाने जो सरकार से मंजूरी लेकर चल रहे हैं उन्हें हर हालत में काम जारी रखने की अनुमति होनी चाहिए। यह तो सुनिश्चित किया जा सकता है कि वे अपने लाइसैंस का दुरुपयोग न करें। उन्हें बंद करना तो सीधे-सीधे गलत होगा। 

यदि योगी ‘सबका साथ सबका विकास’ के लिए प्रतिबद्ध हैं और प्रदेश का विकास करना उनका वास्तविक एजैंडा है तो जो नसीहत उनके पिता जी ने उन्हें प्रस्तुत की है उस पर बहुत सावधानी से विचार किया जाना चाहिए। यदि वह इसे रद्द करते हैं तो उन्हें इस तथ्य के प्रति चौकस रहना होगा कि इसकी बहुत बड़ी कीमत अदा करनी पड़ सकती है। यदि वह सफल होना चाहते हैं तो कुछ वायदों को अधूरे छोड़ देना बहुत बड़ी कीमत नहीं होगी।
 

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!