Edited By ,Updated: 29 Feb, 2016 03:58 PM
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने पूर्ण दूसरे बजट को समाज के कमजोर तबके और मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देने वाला बताते हुए इसे ‘रॉबिनहुड बजट’ मानने से इनकार कर दिया
नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने पूर्ण दूसरे बजट को समाज के कमजोर तबके और मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देने वाला बताते हुए इसे ‘रॉबिनहुड बजट’ मानने से इनकार कर दिया और कहा कि अमीरों से बहुत ज्यादा नहीं लिया गया है। जेटली ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए संसद में बजट पेश करने के बाद लोकसभा टेलीविजन चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि कृषि क्षेत्र इस समय दबाव में है और इसे सबसे ज्यादा पैसा इसी क्षेत्र को दिया गया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या इसे ‘रॉबिनहुड बजट’ की संज्ञा दी जा सकती है, जिसमें अमीरों से पैसा लेकर गरीबों को दिया गया है, जेटली ने कहा ‘‘मुझे लगाता है कि बहुत लिया नहीं है। यदि हमने सुपररिच (एक करोड़ से ज्यादा कमाने वाले) से लेकर गरीबों को दिया, यदि उन पर 12 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर किया तो मुझे लगता है कि 0.6 प्रतिशत असर पड़ेगा। रॉबिनहुड तो बहुत ज्यादा ले जाता था।’’
वित्त मंत्री ने कहा कि इस बजट में सबसे महत्वपूर्ण निर्णय आधार से संबंधित कानून के बार में लिया गया है। उन्होंने कहा कि एक से दो दिन के भीतर इस कानून के बारे में घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि आधार में गोपनीयता का जो मसला अदालत में लंबित है वह अलग है। इस कानून का उस मसले को कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकारी खजाने से यदि लाभ चाहिए तो इसके लिए आधार जरूरी होगा। जेटली ने कहा कि इससे सब्सिडी का दुरुपयोग रुकेगा तथा इस पैसे को सामाजिक सुरक्षा तथा इंफ्रा क्षेत्र पर खर्च किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि सब्सिडी सिर्फ पात्र और गरीबों को मिलनी चाहिए।
सरकार जल्द ही उर्वरकों पर सब्सिडी को सीधे बैंक खातों में डालने (डीबीटी) के लिए एक पायलट परियोजना ला रही है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह नहीं कि जो किसान डीबीटी से नहीं जुड़े हैं उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि देखते हैं पायलट परियोजना कितनी सफल रहती है। वित्त मंत्री के अनुसार पेट्रोल और डीजल पर सब्सिडी समाप्त होने के बाद अब एक लाख 40 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी खाद्य पदार्थों पर दी जा रही है जो सबसे ज्यादा है। इसके बाद उर्वरक और मिट्टी के तेल पर सब्सिडी पर ज्यादा पैसा जा रहा है।