Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Apr, 2020 04:39 PM
कोरोना महामारी की वजह से एक्सपोर्ट सेक्टर में काम करने वाले 1.5 लागों की नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) का कहना है कि कोरोना वायरस के
बिजनेस डेस्कः कोरोना महामारी की वजह से एक्सपोर्ट सेक्टर में काम करने वाले 1.5 लागों की नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (FIEO) का कहना है कि कोरोना वायरस के कारण भारत के एक्सपोर्ट में करीब डेढ़ करोड़ लोगों की नौकरियां जा सकती हैं। FIEO के अध्यक्ष शरद कुमार सर्राफ का कहना है कि आधे से अधिक ऑर्डर्स कैंसिल हो जाने और ग्लोबल व्यापार के खराब आउटलुक के चलते इन नौकरियों के जाने की आशंका है।
निर्यातकों के लिए राहत पैकेज की मांग
उन्होंने निर्यातकों के लिए राहत पैकेज की मांग करते हुए कहा कि अभी जीवन और जीवनयापन के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है। इनमें से किसी को ही चुनना देश के लिए त्रासद हो सकता है। सर्राफ ने कहा कि निर्यातकों के पास बेहद कम ऑर्डर बचे हैं। यदि कारखानों को न्यूनतम कामगारों के साथ चलाने की छूट नहीं दी गयी तो ऐसी क्षति होगी जिसकी भरपाई नामुमकिन है।
50 फीसदी तक ऑर्डर कैंसिल
छूट नहीं मिलने से ये कारखाने बंद होने के लिए बाध्य हो जाएंगे और जो नुकसान होगा, उन्हें ही झेलना होगा। उन्होंने कहा, '50 प्रतिशत से अधिक ऑर्डर रद्द हो जाने तथा आने वाले समय के लिए खराब परिदृश्य से निर्यात इकाइयों में डेढ़ करोड़ लोगों के बेरोजगार हो जाने तथा एनपीए बढ़ने की आशंका है। आखिरकार इनका असर अर्थव्यवस्था पर होगा।'
कपड़ा, चमड़ा उद्योग बुरी तरह प्रभावित
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, चमड़ा, हथकरघा, इंजिनियरिंगऔर कपड़ा उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। सर्राफ ने कहा, 'चीन हमारा बाजार हथिया रहा है। उन्होंने कारखाने शुरू कर दिये हैं इससे अब ऑर्डर उन्हें मिल रहे हैं। यदि हमने अभी कारखाने शुरू नहीं किये तो बहुत देरी हो जाएगी। बांग्लादेश और श्रीलंका जैसी छोटी अर्थव्यवस्थाओं ने भी राहत पैकेज की घोषणा की है।'