Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Sep, 2018 11:12 AM
महाराष्ट्र को फॉरेस्ट्री या हरियाली के लिए 10,000 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन मिल गई है। मुंबई उच्च न्यायालय ने गुरुवार को 176 याचिकाओं को खारिज करके इसका रास्ता साफ कर दिया। इन याचिकाओं में सरकार के उस आदेश को चुनौती दी गई थी
मुंबई: महाराष्ट्र को फॉरेस्ट्री या हरियाली के लिए 10,000 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन मिल गई है। मुंबई उच्च न्यायालय ने गुरुवार को 176 याचिकाओं को खारिज करके इसका रास्ता साफ कर दिया। इन याचिकाओं में सरकार के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें इन भूखंडों को वनों के लिए आरक्षित करने के बाद इन्हें अपने कब्जे में ले लिया था।
न्यायाधीश एस.सी. धर्माधिकारी और न्यायाधीश पी.डी. नाईक ने ये सभी याचिकाएं खारिज कर दीं। इनमें मांग की गई थी कि सरकार ने महाराष्ट्र प्राइवेट फॉरेस्ट (ऐक्विजिशन) ऐक्ट, 1975 में जिन याचिकाकर्ताओें के नाम राजस्व खातों में से इन भूखंडों के मालिकों की हैसियत से निकाले थे, उन्हें पुन: दर्ज किया जाए।
दोनों न्यायाधीशों ने कहा कि इस अदालत की चिंता यह है कि राज्य में वन क्षेत्र को बनाया रखने की है। याचिकाकर्ता और पर्यावरणविद देवी गोयनका ने एनबीटी को बताया कि इन जमीनों का उपयोग हरियाली के रूप में हो सकेगा।