सब-सिटी परियोजना कम करेगी आबादी का बोझ, दिल्ली में बनेंगे 10 लाख नए फ्लैट

Edited By Supreet Kaur,Updated: 05 Oct, 2018 12:34 PM

10 lakh new flat to be built in delhi

लैंड पूलिंग पॉलिसी पर भले ही मुहर लग गई है, लेकिन सब-सिटी योजना अब भी केंद्रीय आवास एवं शहरी मामला मंत्रालय की मंजूरी के इंतजार में है। बताया जाता है कि इस योजना पर जल्द ही मुहर लगने के साथ दिल्ली में तीन नई सब-सिटी बनाने की कवायद शुरू होगी और करीब...

नई दिल्लीः लैंड पूलिंग पॉलिसी पर भले ही मुहर लग गई है, लेकिन सब-सिटी योजना अब भी केंद्रीय आवास एवं शहरी मामला मंत्रालय की मंजूरी के इंतजार में है। बताया जाता है कि इस योजना पर जल्द ही मुहर लगने के साथ दिल्ली में तीन नई सब-सिटी बनाने की कवायद शुरू होगी और करीब दस लाख से अधिक मकान भी बनकर तैयार होंगे।

मजेदार बात यह है कि यह सभी मकान लैंड पूलिंग पॉलिसी में तैयार होने वाले लगभग 22 लाख मकानों के अलावा रहेंगे। फिलहाल डीडीए ने इस योजना को परवान चढ़ाने के लिए रोहिणी, द्वारका एक्सटेंशन व नरेला में भूमि भी चिन्हित कर ली है। डीडीए के अनुसार मिश्रित भू-उपयोग वाली इस योजना में कुछ स्थान पर भूमि उपयोग भी परिवर्तित किया गया है ताकि योजना को अमली जामा पहनाने में किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े। बताया जाता है कि डीडीए ने इसके लिए कई विधियों पर विचार भी किया है। फिलहाल अंतिम रूप देने से पूर्व मंत्रालय की मंजूरी का इंतजार है।

डीडीए के अधिकारी के अनुसार सब-सिटी योजना में तैयार होने वाले मकान लैंड पूलिंग पॉलिसी से अलग होंगे। इसमें तीन इलाकों को चिन्हित किया है। जहां सब-सिटी विकसित की जानी है। इसमें द्वारका को विस्तार देते हुए द्वारका एक्सटेंशन, नरेला व रोहिणी शामिल रहेगी।

नरेला में करीब 218 हेक्टेयर भूमि को मिश्रित भू-उपयोग के लिए परिवर्तित भी किया है। नरेला के अलावा रोहिणी में भी इसी प्रकार सब-सिटी को बसाने की योजना पर काम किया जा रहा है। माना जा रहा है कि तीनों सब-सिटी के जरिए आने वाले दिनों में करीब 10 लाख से अधिक लोगों को रहने के लिए आवास मिल सकेगा। इस कार्य को अंजाम देने के लिए प्राइवेट डेवलपर अथवा पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर कार्य कराने पर भी विचार हो रहा है। इसके अलावा बीओटी (बिल्ट ऑपरेट एंड ट्रांसफर) सहित कई अन्य विधियों को भी देखा जा सकता है।

सब-सिटी में कहां और कितने फ्लैट संभावित

  • लद्वारका में एक्सटेंशन के रूप में विकसित होने वाली सब-सिटी में 154 हेक्टेयर भूमि का उपयोग किया जाना है। यहां तकरीबन 2 लाख 66 हजार फ्लैट बनाए जा सकते हैं।
  • लनरेला में टीओडी विधि के तहत सब-सिटी को विकसित किया जाएगा। यहां करीब 218 हेक्टेयर भूमि को मिश्रित भू-उपयोग में परिवर्तित किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इससे आने वाले दिनों में यहां लगभग 3 लाख 76 हजार 600 फ्लैट तैयार हो सकेंगे।
  • लरोहिणी में कुछ नए इलाकों में जमीन को चिन्हित किया है। यहां सब-सिटी को विकसित किया जाएगा। यह पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे से सटी हुई जमीन होगी और यहां भी टीओडी के तहत निर्माण की योजना है। इसके लिए करीब 259 हेक्टेयर भूमि का उपयोग किया जाएगा। इससे लगभग 4 लाख 48 हजार फ्लैट तैयार किए जाने की संभावना है।


 

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