Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Feb, 2019 03:08 PM
देश के रबर क्षेत्र में कौशल विकास की दिशा में कार्यरत रबर कौशल विकास परिषद (आरएसडीसी) ने क्षेत्र से जुड़े लाखों लोगों को कुशल बनाने के लिए ‘समर्थ’ नाम से अभियान शुरू किया है जिसका लक्ष्य कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा
नई दिल्लीः देश के रबर क्षेत्र में कौशल विकास की दिशा में कार्यरत रबर कौशल विकास परिषद (आरएसडीसी) ने क्षेत्र से जुड़े लाखों लोगों को कुशल बनाने के लिए ‘समर्थ’ नाम से अभियान शुरू किया है जिसका लक्ष्य कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय द्वारा निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप रबर से जुड़े क्षेत्रों के लिए 10 लाख लोगों को कुशल बनाना और उनकी कुशलता को निखारना है। इस अभियान की औपचारिक शुरुआत करते हुए मोबाइल टायर सर्विस स्किल वैन लॉन्च की गई है। यह स्किल वैन विभिन्न राज्यों के राजमार्गों, गांवों और कस्बों में जाकर टायर सर्विस और मैटेनेंस के क्षेत्र में कौशल विकास की जरूरत को लेकर जागरूकता पैदा करते हुए लोगों को सड़क सुरक्षा के लिए प्रोत्साहित कर रही है। जरूरी उपकरणों और कुशल कर्मियों से लैस स्किल वैन टायर फिटर्स को प्रशिक्षित कर रही और उन्हें कुशल बनाकर प्रमाणपत्र भी दे रही है।
आरएसडीसी के अध्यक्ष विनोद सिमोन ने कहा है कि भारतीय राजमार्गों पर हर जगह कार्यरत टायर फिटर्स सड़क परिवहन को सुरक्षित एवं सुगम बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। टायरों की फिटिंग करना, विशेषरूप से बड़े वाणिज्यिक वाहनों के टायरों की फिटिंग एक कुशल रोजगार है, जिसके लिए पर्याप्त प्रशिक्षण की जरूरत होती है। दुर्भाग्य से टायर फिटर्स का बड़ा वर्ग औपचारिक रूप से प्रशिक्षित नहीं है। इसलिए टायर फिटर्स के कौशल विकास के लक्ष्य के साथ समर्थ अभियान की शुरुआत की गयी है। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) की रिकॉग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल) स्कीम के तहत दिया जा रहा है।
सिमोन ने कहा कि छह साल में आरएसडीसी ने सेक्टर में प्लांटेशन से लेकर मैन्यूफैक्चरिंग तक हर क्षेत्र के लिए नेशनल ऑक्यूपेशन स्टैंडर्ड (एनओएस) तैयार किया है और अब तक एक लाख लोगों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। कौशल के अंतर को लेकर 20 राज्यों में सर्वेक्षण किया गया है। आरएसडीसी ने 13 राज्य मिशन और 11 विश्वविद्यालयों से गठजोड़ किया है। आरएसडीसी ने रबड़ टेक्नोलॉजी में स्नातक डिग्री की भी शुरूआत की है। आरएसडीसी के साथ 550 प्रमाणित प्रशिक्षक, 350 एसेसर और करीब 150 ट्रेनिंग पार्टनर जुड़े हैं।
आरपीएल के तहत आरएसडीसी के काम को देखते हुए कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने इस योजना के तहत 10 लाख लोगों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। ऑटोमोटिव टायर मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (एटीएमए) के महानिदेशक राजीव बुधराजा का कहना है कि एक टायर फिटर केवल टायर की मरम्मत ही नहीं करता है, बल्कि ट्रांसपोर्टर/ट्रक चालक को टायर की स्थिति, टायर के सही रखरखाव, टायर की उम्र बढ़ाने के लिए जरूरी कदमों आदि के बारे में भी सुझाव देता है। तकनीकी विशेषज्ञों और टायर फिटर्स के बीच की दूरी को कम करने की आरएसडीसी की इस पहल को हर तरफ से समर्थन मिलना चाहिए।