नवंबर में सोने का आयात रहा 100 टन

Edited By ,Updated: 10 Dec, 2016 12:34 PM

100 tonnes of gold was imported in november

सराफा डीलरों और स्टॉकिस्टों की तगड़ी मांग से देश में सोने का आयात नवंबर में चालू वर्ष के सभी महीनों में सबसे ज्यादा रहा है।

नई दिल्लीः सराफा डीलरों और स्टॉकिस्टों की तगड़ी मांग से देश में सोने का आयात नवंबर में चालू वर्ष के सभी महीनों में सबसे ज्यादा रहा है। कारोबारी सूत्रों का अनुमान है कि भारत में सोने का आयात नवंबर में 100 टन रहा, जो पिछले साल के इसी महीने में 98 टन था। हालांकि इस साल अक्टूबर में भारत का सोने का अनुमानित आयात 84 टन रहा। 8 नवंबर को बड़े नोट बंद होने की घोषणा से पहले सराफा डीलर और स्टॉकिस्ट इस बार वैवाहिक सीजन में आभूषणों की मांग में भारी बढ़ौतरी की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन नोटबंदी के बाद सोने के आभूषणों की मांग पूरी तरह थम गई है, जिससे आभूषण विनिर्माताओं के गहनों की बिक्री पर भी बुरा असर पड़ा है।

पुराने नोट लेकर बेचे जा रहे हैं आभूषण
मुंबई के जवेरी बाजार में सराफा डीलर रिद्धि-सिद्धि बुलियन के प्रबंध निदेशक पृथ्वीराज कोठारी ने कहा, 'भारत में सोने का आयात दीवाली के बाद बढ़ता है क्योंकि सराफ आने वाले वैवाहिक सीजन की खातिर आभूषण बनाने के लिए सोना बुक करते हैं। हालांकि इस बार उपभोक्ता मांग घटने से अनुमानित 100 टन के आयात में करीब 70 फीसदी तिजोरी में ही जमा रह सकता है।' 8 नवंबर को 500 और 1,000 रुपए के नोट बंद किए जाने के बाद आयकर विभाग देशभर में सराफों पर छापेमारी और जब्ती की कार्रवाई कर रहा है। कहा जा रहा है कि सराफ पुराने नोट लेकर आभूषण बेच रहे हैं। आयकर विभाग ने ग्राहकों को डिलिवर किए जाने वाले आभूषण बड़ी मात्रा में जब्त किए हैं।

सोने पर आयात शुल्क घटाया जाए
बहुत से सराफों के नकद कारोबार में भारी कमी आई है। पुराने आभूषणों की खरीद में भी बड़ी दिक्कतें आ रही हैं क्योंकि सराफों के पास विक्रेताओं को देने के लिए नकदी नहीं है। लोग अपनी नकदी की जरूरत के लिए गहने बेचते हैं, इसलिए पुराने गहने बेचने के लिए आने वाले लोगों की तादाद भी कम हो गई है। कोठारी ने कहा, 'मुश्किल वक्त के मददगार के रूप में लोगों का सोने में भरोसा बढ़ेगा। पुराने समय से सोने को एक संपत्ति के रूप में जमा करके रखा जा रहा है और कोई भी सरकार अपने आदेश से इसे बंद या मूल्य में कमी नहीं कर सकती है। लोग मुश्किल समय के लिए सोने में निवेश करना चाहेंगे। हालांकि अगर ब्याज दरें घटीं तो भारत में सोने की बिक्री कम होगी। लोग ज्यादातर पैसा व्हाइट गुड्स, कार, घर और घूमने-फिरने पर खर्च करेंगे। इससे कम आय वाले उन लोगों को फायदा होगा, जो सोने पर ऋण लेने के लिए निर्भर हैं। ऐसे लोगों को कम ब्याज दर पर ऋण मिल पाएगा।' इस बीच सराफों ने सरकार से आग्रह किया है कि सोने पर आयात शुल्क 10 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी किया जाए। 
 
 

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