Edited By Supreet Kaur,Updated: 19 Sep, 2018 02:56 PM
मोदी सरकार के सबसे बड़े प्रोजेक्ट्स में से एक बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का विरोध शुरु हो गया है। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन से प्रभावित करीब एक हजार किसानों ने गुजरात उच्च न्यायालय में मंगलवार को हलफनामा दायर कर परियोजना का विरोध किया है।
अहमदाबादः मोदी सरकार के सबसे बड़े प्रोजेक्ट्स में से एक बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का विरोध शुरु हो गया है। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन से प्रभावित करीब एक हजार किसानों ने गुजरात उच्च न्यायालय में मंगलवार को हलफनामा दायर कर परियोजना का विरोध किया है।
किसानों ने दायर किया हलफनामा
मुख्य न्यायाधीश आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति वी एम पांचोली की एक खंडपीठ हाई स्पीड रेल परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण को चुनौती देने वाली पांच याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इन याचिकाकर्ताओं के अलावा 1000 किसानों ने उच्च न्यायालय में अलग से हलफनामा देकर कहा कि केंद्र की इस महत्वाकांक्षी 1.10 लाख करोड़ रुपए की परियोजना से काफी कृषक प्रभावित हुए हैं और वे इसका विरोध करते हैं। बुलेट ट्रेन के प्रस्तावित मार्ग से जुड़े गुजरात के विभिन्न जिलों के प्रभावित किसानों ने हलफनामे में कहा कि वे नहीं चाहते कि परियोजना के लिए उनकी जमीन का अधिग्रहण किया जाए।
किसानों से नहीं ली गई सहमति
उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा भू अधिग्रहण प्रक्रिया इस परियोजना के लिए भारत सरकार को सस्ती दर पर कर्ज मुहैया कराने वाली जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) के दिशानिर्देशों के भी विपरीत है। किसानों ने आरोप लगाया कि गुजरात सरकर ने बुलेट ट्रेन के लिए सितंबर 2015 में भारत और जापान के बीच समझौते के बाद भू अधिग्रहण अधिनियम 2013 के प्रावधानों को हलका किया और प्रदेश सरकार द्वारा किया गया संशोधन अपने आप में जेआईसीए के दिशानिर्देशों का उल्लंघन है। उन्होंने अदालत को बताया कि न तो उनकी सहमति ली गई न ही भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई करते हुए उनसे कोई परामर्श किया गया।