Edited By rajesh kumar,Updated: 09 Aug, 2020 06:13 PM
अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने खुद को एक नई ऊर्जा कंपनी में तब्दील करने के लिए 15 साल की योजना बनाई है, जिसका मकसद कार्बन डाई ऑक्साड को पुनर्चक्रित करना और प्लास्टिक कचरे का मूल्यवर्धन करना और स्वच्छ तथा...
नई दिल्ली: अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने खुद को एक नई ऊर्जा कंपनी में तब्दील करने के लिए 15 साल की योजना बनाई है, जिसका मकसद कार्बन डाई ऑक्साड को पुनर्चक्रित करना और प्लास्टिक कचरे का मूल्यवर्धन करना और स्वच्छ तथा वाजिब कीमत वाले ऊर्जा साधनों को बढ़ावा देना है।
बोफा सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट के मुताबिक तेल से रसायन कारोबार करने वाली बड़ी कंपनियां हाल के दिनों में उपभोक्ता कारोबार पर खास ध्यान दे रही हैं, लेकिन रिलायंस का तेल से रसायन (ओटूसी) कारोबार लगातार मुक्त नकदी प्रवाह पैदा करने में सफल रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है जब तक मांग सामान्य नहीं हो जाती, आरआईएल कच्चे माल के प्रसंस्करण का प्रवाह अधिकतम करने की कोशिश कर रही है, पेट्रोरसायन एकीकरण का लाभ उठाते हुए लागत पर ध्यान दे रही है और घरेलू ईंधन विपणन पर खास जोर दे रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक ओटूसी का भविष्य नई ऊर्जा कंपनी और साझेदारी है। बोफा ने कहा कि आरआईएल के पास खुद को दुनिया की अग्रणी नई ऊर्जा कंपनी बनाने के लिए 15 साल की योजना है और कंपनी का इरादा 2035 तक कार्बन शून्य कंपनी बनने का है। रिपोर्ट के मुताबिक इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए रिलायंस वैश्विक वित्तीय निवेशकों, प्रतिष्ठित तकनीकी साझेदारों और स्टार्ट-अप के साथ काम करने के लिए तैयार है।