Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Oct, 2021 11:14 AM
उच्चतम न्यायालय को सोमवार को बताया गया कि आम्रपाली समूह के संकट में फंसने के बाद से उसकी एक अटकी पड़ी परियोजना में एनबीसीसी द्वारा तैयार किए गए करीब 150 फ्लैट रियल एस्टेट कंपनी के घर खरीदारों को
बिजनेस डेस्कः उच्चतम न्यायालय को सोमवार को बताया गया कि आम्रपाली समूह के संकट में फंसने के बाद से उसकी एक अटकी पड़ी परियोजना में एनबीसीसी द्वारा तैयार किए गए करीब 150 फ्लैट रियल एस्टेट कंपनी के घर खरीदारों को दिवाली पर दिया जाएगा। शीर्ष न्यायालय को बताया गया कि ग्रेटर नोएडा की एक परियोजना में 150 घर खरीदारों को 4 नवंबर को प्रस्तावित एक समारोह में मकान के स्वामित्व का पत्र सौंपा जाएगा।
न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी ने इन कोशिशों की सराहना की। दरअसल, वरिष्ठ अधिवक्ता आर वेंकटरमानी ने न्यायालय को बताया कि 300 फ्लैट का निर्माण पूरा होने के करीब है और इनमें से 150 फ्लैट को एनबीसीसी ने पूरा किया है तथा इन्हें आगामी त्योहार के दौरान ग्राहकों को सौंपा जाएगा।
बैंक लोन देने को तैयार
वेंकटरमानी ने न्यायालय को बताया कि भारतीय स्टेट बैंक और यूको बैंक 450 करोड़ रुपए देने के लिए राजी हुआ है, जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा अटकी पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए धन उपलब्ध कराने को सहमत हुआ है।
दो हफ्ते में रिपोर्ट दें बैंक
पीठ ने सभी संबद्ध बैंकों को दो सप्ताह के अंदर एक अंतिम प्रस्ताव और एक अनुपालन रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। NBCC के ग्रुप-1 में रखी गई इमारतों में मई से जुलाई 2021 तक पजेशन देने का लक्ष्य रखा गया था। इनमें ग्रेनो वेस्ट की लेजर वैली के 887 विला हैं। अन्य 6 परियोजनाएं नोएडा की हैं। इनमें जोडिएक, सफायर-1, 2, सिलिकॉन-1, प्रिंसले एस्टेट, प्लेटिनम व टाइटेनियम हैं। इनके बायर्स को तीन-तीन माह की चार किश्तों में अपनी बकाया रकम चुकानी है। हर किश्त में बकाया रकम की 25 प्रतिशत राशि होगी।
जनवरी 2021 में मिलेगा पजेशन
ग्रुप-2 में जनवरी से जुलाई 2022 तक कंप्लीशन देंगे। घरों पर कब्जा जनवरी 2021 से ही मिलना शुरू हो जाएगा। इन्हें तीन-तीन माह की दस किश्तों में अपनी बकाया रकम चुकानी है। हर किश्त में बकाया रकम का दस प्रतिशत राशि होगी। इसमें ड्रीम वैली के 379 विला, सिलिकॉन फेज-2 नोएडा के 871 फ्लैट, सेंचुरियन पार्क के 600 लो राइज फ्लैट और ओ-2 वैली के 800 फ्लैट पर कब्जा मिल जाएगा।