सरकार की रडार पर 1500 मुखौटा कंपनियां, दिए जांच के निर्देश

Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Nov, 2017 12:52 PM

1500 mask companies on government radar

सरकार ने मुखौटा कंपनियों को दबोचने की दिशा में प्रयास और तेज कर दिए हैं। इससे पहले सरकार 2 लाख से अधिक ऐसी कंपनियों की मान्यता पहले ही रद्द कर चुकी है। अब सरकार ने करीब 1,505 और ऐसी कंपनियों की शिनाख्त की हैं, जिनके कारोबार का तौर-तरीका मुखौटा...

नई दिल्लीः सरकार ने मुखौटा कंपनियों को दबोचने की दिशा में प्रयास और तेज कर दिए हैं। इससे पहले सरकार 2 लाख से अधिक ऐसी कंपनियों की मान्यता पहले ही रद्द कर चुकी है। अब सरकार ने करीब 1,505 और ऐसी कंपनियों की शिनाख्त की हैं, जिनके कारोबार का तौर-तरीका मुखौटा कंपनियों से मिलता जुलता है। कंपनी मामलों के मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि विभिन्न कंपनी पंजीयकों (रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज) को कंपनी कानून के प्रावधान 206 के तहत इन कंपनियों के खिलाफ जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। इस प्रावधान के तहत कंपनी पंजीयक मंत्रालय द्वारा चिह्नित कंपनियों के खातों की पड़ताल करेंगे।

कंपनियों के पास नहीं है पैन कार्ड
पंजीयकों की तरफ से रिपोर्ट आने के बाद इन कंपनियों के खिलाफ  कदम उठाए जाएंगे। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब मंत्रालय मुखौटा कंपनियों की पहचान के लिए एक शुरुआती चेतावनी प्रणाली लाने पर विचार कर रहा है। मंत्रालय 2.24 लाख मुखौटा कंपनियों पर भी नजर रख रहा है और इनकी अचल संपत्तियों की बिक्री रोक दी है। मंत्रालय ने एक जांच में पाया है कि जिन 2.24 लाख कंपनियों ने नाम काटे गए हैं, उनमें 1.30 लाख कंपनियों के स्थायी खाता संख्या (पैन) भी नहीं थे जबकि ये करोड़ों रुपए के कारोबार में लिप्त थीं। महज 94,000 कंपनियों के पास ही पैन कार्ड थे।

बढ़ सकती है अयोग्य घोषित निदेशकों की संख्या
मुखौटा कंपनियों की पहली सूची में 500 से अधिक सूचीबद्ध कंपनियां और निदेशक प्रभावित हुए हैं। इन निदेशकों की जांच के लिए गंभीर धोखाधड़ी जांच संगठन (एस.एफ.आई.ओ.) को काम पर लगाया गया है। मान्यता गंवाने वाली कंपनियों से जुड़े 3 लाख निदेशकों को अयोग्य घोषित किया जा चुका है और अब इनकी संख्या और बढ़ सकती है क्योंकि कार्रवाई अब भी जारी है। अयोग्य घोषित हुए करीब 100 निदेशकों ने सरकार के निर्णय को विभिन्न उच्च न्यायालयों में चुनौती दी है। इसके साथ ही मान्यता गंवाने वाली 70 कंपनियों ने भी सरकार के कदम के खिलाफ अपील की हैं। सरकार ने सभी निदेशकों को उनके डायरेक्टर आइडेंटीफिकेशन नंबर (डीआईएन) पैन के साथ और सभी कंपनियों को कॉर्पोरेट आइडेंटीफिकेशन नंबर (सीआईएन) पैन के साथ जोड़ने के निर्देश दिए हैं।

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