नोटबंदी: संदिग्ध रकम जमा करवाने वाले 18 मामले IT विभाग की राडार पर

Edited By Punjab Kesari,Updated: 04 Dec, 2017 09:42 AM

18 cases of suspicious money deposited on the it department radar

गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एस.एफ.आई.ओ.) नोटबंदी के दौरान ज्यादा धनराशि वाले कथित संदिग्ध लेन-देनों के कम से कम 18 मामलों की जांच करेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है। अधिकारी ने कहा कि सरकार अवैध धन के प्रवाह पर शिकंजा कसना जारी रखे हुए...

नई दिल्लीः गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एस.एफ.आई.ओ.) नोटबंदी के दौरान ज्यादा धनराशि वाले कथित संदिग्ध लेन-देनों के कम से कम 18 मामलों की जांच करेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है। अधिकारी ने कहा कि सरकार अवैध धन के प्रवाह पर शिकंजा कसना जारी रखे हुए है और सरकार की इन कंपनियों पर पैनी नजर है।

आधिकारिक रिकॉर्ड में लंबे समय से निष्क्रिय पड़ी करीब 2.24 लाख कंपनियों और 3 लाख से ज्यादा निदेशकों को अयोग्य घोषित करने के बाद कार्पोरेट मामलों का मंत्रालय आंकड़ों की जांच-पड़ताल करके जानकारी एकत्र करने में जुटा है। जांच के दौरान अधिकारियों को संदिग्ध लेन-देन के बारे में पता चला है। इसमें कुछ पंजीकृत कंपनियों के ज्यादा मात्रा में किए गए धन के लेन-देन भी शामिल हैं। अधिकारी ने कहा कि नोटबंदी के दौरान कथित संदिग्ध लेन-देन में लिप्त रही कम से कम 18 कंपनियों की एस.एफ.आई.ओ. जांच करेगा।

अवैध धन प्रवाह और भ्रष्टाचार पर शिकंजा कसने की कोशिश के हिस्से के रूप में सरकार ने पिछले साल नवम्बर में 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों को बंद करने की घोषणा की थी। कार्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री पी.पी. चौधरी ने 23 नवम्बर को कहा था कि बैंकों से जुटाई गई जानकारी के मुताबिक करीब 50,000 अपंजीकृत कंपनियों ने नोटबंदी के दौरान करीब 17,000 करोड़ का लेन-देन किया है। कार्पोरेट मामले के मंत्रालय ने बताया कि 56 बैंकों से मिली जानकारी के आधार पर यह बात सामने आई है कि 35,000 कंपनियों के 58,000 बैंक खातों से नोटबंदी के बाद 17,000 करोड़ रुपए का लेन-देन किया गया। 

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