Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Nov, 2019 04:20 PM
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने पीएमसी बैंक घोटाले में संलिप्त दो ऑडिटरों को सोमवार देर रात गिरफ्तार किया है। इन ऑडिटरों को मंगलवार को कोर्ट में आगे की रिमांड के लिए पेश किया जाएगा। इससे पहले इस घोटाले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
मुंबईः मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने पीएमसी बैंक घोटाले में संलिप्त दो ऑडिटरों को सोमवार देर रात गिरफ्तार किया है। इन ऑडिटरों को मंगलवार को कोर्ट में आगे की रिमांड के लिए पेश किया जाएगा। इससे पहले इस घोटाले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। ईओडब्ल्यू ने बताया कि जयेश धीरजलाल संघानी और केतन प्रवीनचंद लकड़वाला को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। पूछताछ के दौरान इन दोनों के रियल एस्टेट कंपनी एचडीआईएल के संबंधों का खुलासा हुआ लेकिन उसके बाद भी यह पीएमसी बैंक के ऑडिटर होने पर ज्यादा जानकारी नहीं दे पाएं, जिसके चलते उनकों आगे की पूछताछ के लिए गिरफ्तार कर लिया गया है।
सितंबर में आरबीआई ने लगाई थी रोक
सितंबर में भारतीय रिजर्व बैंक ने पीएमसी बैंक पर छह माह के लिए कई तरह की बैंकिंग गतिविधियों पर रोक लगा दी थी। तब बैंक ने खाताधारकों को छह माह में एक हजार रुपए निकालने की अनुमति दी थी। आरबीआई ने बैंक के बोर्ड को भंग करके एक एडमिनिस्ट्रेटर की नियुक्ति कर दी थी।
पीएमसी बैंक देश के 10 प्रमुख शहरी सहकारी बैंकों में शामिल है। दरअसल, फंसे कर्ज की जानकारी होने के बाद आरबीआई ने 23 सितंबर को पीएमसी बैंक पर निकासी सहित कई पाबंदियां लगा दी थीं। वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद (एफएसडीसी) की बैठक के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि बैंक से जुड़े मामले की ऑडिट चल रही है, जल्द ही अनियमितता का खुलासा होने की उम्मीद है।
इससे पहले बैंक में 4,335 करोड़ रुपए की अनियमितता सामने आई थी। कड़े प्रतिबंधों के बाद रिजर्व बैंक ने मंगलवार को बैंक के ग्राहकों को बड़ी राहत देते हुए खाते से 50,000 रुपए निकालने की छूट दे दी है। आरबीआई ने चौथी बार बैंक से धन निकासी सीमा को बढ़ाया है।