बैंकिंग धोखाधड़ी से 21 सरकारी बैंकों को लगा 25,775 करोड़ का चूनाः RTI

Edited By Supreet Kaur,Updated: 27 May, 2018 11:38 AM

21 government banks to get rs 25 775 crores from banking fraud

देश के बैंकिंग क्षेत्र में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े के कारण वित्त वर्ष 2017-18 सरकारी क्षेत्र के 21 बैंकों पर बेहद मुश्किल गुजरा। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्त जानकारी से खुलासा हुआ है कि बीते वित्त वर्ष में बैंकिंग धोखाधड़ी के अलग-अलग...

इंदौरः देश के बैंकिंग क्षेत्र में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े के कारण वित्त वर्ष 2017-18 सरकारी क्षेत्र के 21 बैंकों पर बेहद मुश्किल गुजरा। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्त जानकारी से खुलासा हुआ है कि बीते वित्त वर्ष में बैंकिंग धोखाधड़ी के अलग-अलग मामलों के कारण बैंकों को कुल मिलाकर लगभग 25,775 करोड़ रुपए का नुकसान झेलना पड़ा।

PNB को सबसे बड़ा घाटा
मध्यप्रदेश के नीमच निवासी सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने आज बताया कि उनकी आरटीआई अर्जी पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक अ​धिकारी ने उन्हें यह जानकारी दी है। आरटीआई के तहत गौड़ को 15 मई को भेजे गए जवाब से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2017-18 में धोखाधड़ी के अलग-अलग मामलों से पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को सबसे ज्यादा 6461.13 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इस उत्तर में बैंकिंग धोखाधड़ी के किसी भी मामले का विशिष्ट ब्योरा नहीं दिया गया है। बहरहाल, पीएनबी सार्वजनिक क्षेत्र में देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक है और इन दिनों 13,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी के मामले से जूझ रहा है। 31 मार्च को समाप्त वित्तीय वर्ष में बैंकों को हुआ इतना घाटाः

बैंकों का नाम घाटा (रुपए)
स्टेट बैंक ऑफ इन्डिया 2390.75 करोड़ रुपए 
बैंक ऑफ इंडिया 2224.86 करोड़ रुपए
बैंक ऑफ बड़ौदा 1928.25 करोड़ रुपए
इलाहाबाद बैंक 1520.37 करोड़ रुपए
आंध्रा बैंक 1303.30 करोड़ रुपए
यूको बैंक 1224.64 करोड़ रुपए
आईडीबीआई बैंक 1116.53 करोड़ रुपए
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 1095.84 करोड़ रुपए
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 1084.50 करोड़ रुपए
बैंक ऑफ महाराष्ट्र 1029.23 करोड़ रुपए
इंडियन ओवरसीज बैंक 1015.79 करोड़ रुपए


आरबीआई से नहीं मिला जवाब
आरबीआई द्वारा आरटीआई के तहत दिए गए जवाब में यह नहीं बताया गया है कि बीते वित्त वर्ष में संबंधित बैंकों में धोखाधड़ी के कुल कितने सामने आए और इनकी प्रकृति किस तरह की थी। जवाब में यह भी साफ नहीं है कि इन मामलों में कर्ज संबंधी फर्जीवाड़ों के प्रकरण शामिल हैं या नहीं। आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक वित्त वर्ष 2017-18 में बैंकिग धोखाधड़ी के विभिन्न प्रकरणों के चलते कॉर्पोरेशन बैंक को 970.89 करोड़ रुपये, युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को 880.53 करोड़ रुपये, ओरिएण्टल बैंक ऑफ कॉमर्स को 650.28 करोड़ रुपये, सिंडिकेट बैंक को 455.05 करोड़ रुपये, कैनरा बैंक को 190.77 करोड़ रुपये, पंजाब एंड सिंध बैंक को 90.01 करोड़ रुपये, देना बैंक को 89.25 करोड़ रुपये, विजया बैंक को 28.58 करोड़ रुपये और इंडियन बैंक को 24.23 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। 

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