Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Dec, 2018 06:21 PM
22 से 37 साल तक की कामकाजी महिलाएं ऑफिस में ज्यादा घंटे काम कर रही हैं और वह ज्यादा कमा भी रही हैं। घर की ज्यादातर जिम्मेदारियां उन्हीं के कंधों पर हैं। ऐसी महिलाएं चाहती हैं कि घरेलू काम
नई दिल्लीः 22 से 37 साल तक की कामकाजी महिलाएं ऑफिस में ज्यादा घंटे काम कर रही हैं और वह ज्यादा कमा भी रही हैं। घर की ज्यादातर जिम्मेदारियां उन्हीं के कंधों पर हैं। ऐसी महिलाएं चाहती हैं कि घरेलू काम और आमदनी में उनकी पुरुषों के बराबर हिस्सेदारी हो लेकिन समाज में व्याप्त मान्यताएं उनकी इस ख्वाहिश पर भारी पड़ती हैं। एक ताजा शोध में यह जानकारी सामने आई है।
महिलाओं के काम के हफ्तों में 7 साल में 72% बढ़ोतरी
अमेरिकी ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिसक्स के आंकड़ों के मुताबिक औसतन 19 फीसदी पुरुष रोज घर पर कपड़े धोने, साफ-सफाई और अन्य काम करते हैं। जबकि इनके मुकाबले 49 फीसदी महिलाएं यह काम करती हैं। वे रोजमर्रा के इन कामों में ज्यादा समय खर्च करती हैं।
प्यू रिसर्च सेंटर के सीनियर रिसर्चर रिचर्ड फ्रे के मुताबिक साल 2017 में 78 फीसदी युवा महिलाओं ने 50 हफ्ते काम किया। यह वर्ष 2000 में युवा महिलाएं जितना काम करती थीं, उससे 72 फीसदी अधिक है। उन्हें वेतन भी अधिक मिल रहा है और वे परिवार की कमाई में ज्यादा योगदान कर रही हैं।
22 से 37 साल की युवा महिलाएं अब औसतन 39,000 डॉलर (करीब 27 लाख रुपए) कमा रही हैं। वर्ष 2000 में होने वाली 37,100 डॉलर करीब 26 लाख रुपए) की कमाई से अधिक है। इसके अलावा उनकी अतिरिक्त कमाने की काबिलियत पारिवारिक आय में अधिक योगदान कर रही है।
यूनिवर्सिटी ऑफ टोरेंटो के समाज शास्त्र की प्रोफेसर मेलिसा मिल्की कहती हैं कि महिलाएं भले पारिवारिक आय में अधिक योगदान कर रही हों। लेकिन इनमें से ज्यादातर महिलाएं घरेलू काम भी करती हैं जिसमें उन्हें कोई कमाई नहीं होती है।
जब हम महिला-पुरुष के वेतन में खाई की बात करते हैं तो अक्सर इस बात को नरजअंदाज कर देते हैं हैं कि वे घर पर क्या काम करती हैं। जबकि लोगों के कामकाजी और घरेलू जीवन में संतुलन बिठाने के लिए इस पर गौर करने की जरूरत है।