Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Jul, 2018 12:52 PM
सरकारी बैंकों द्वारा संचालित एक चौथाई ए.टी.एम. धोखाधड़ी के नजरिए से कमजोर साबित हो सकते हैं। सरकार ने इशारा किया है कि आउटडेटेड सॉफ्टवेयर के चलते ये ए.टी.एम. सुरक्षित नहीं हैं
नई दिल्लीः सरकारी बैंकों द्वारा संचालित एक चौथाई ए.टी.एम. धोखाधड़ी के नजरिए से कमजोर साबित हो सकते हैं। सरकार ने इशारा किया है कि आउटडेटेड सॉफ्टवेयर के चलते ये ए.टी.एम. सुरक्षित नहीं हैं। यह बात संसद में पूछे गए सरकारी बैंकों से संबंधित एक सवाल के जवाब में सामने आई है। सरकार की तरफ से कहा गया कि सिक्यॉरिटी फीचर की कमी की वजह से ए.टी.एम. फ्रॉड की संभावना रहती है। हालांकि सरकार ने प्राइवेट बैंकों द्वारा संचालित ए.टी.एम. के बारे में कुछ नहीं कहा।
ज्यादातर ए.टी.एम. देश में सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा संचालित हैं। सरकार ने संसद में बताया कि लगभग 89 फीसदी ऐसे ए.टी.एम. हैं। निजी बैंकों के बढ़ते दखल के बावजूद वर्तमान में 70 फीसदी लेनदेन सरकारी बैंकों से होता है। हाल के कुछ महीनों में ग्राहकों ने ए.टी.एम. फ्रॉड के बारे में शिकायत की है। इसके बाद आर.बी.आई. ने अडवाइजरी जारी करते हुए बैंकों से निश्चित समय के भीतर सॉफ्टवेयर अपडेट करने के लिए कहा है।
हालांकि बैंकों का कहना है कि इस समय सीमा के भीतर इतने ए.टी.एम. के सॉफ्टवेयर अपडेट करना मुश्किल होगा। सरकार ने संसद में कहा कि जुलाई 2017 से जून 2018 के बीच डेबिट और क्रेडिट कार्ड्स से जुड़ी 25,000 शिकायतें मिली हैं लेकिन कुल लेनदेन की संख्या 861 करोड़ रही जिसके मुकाबले शिकायतें काफी कम हैं।