बैंक ऑफ इंडिया में 2654 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी, दो पूर्व अफसर गिरफ्तार

Edited By Supreet Kaur,Updated: 07 Jul, 2018 10:29 AM

2654 crores fraud two ex officers arrested in bank of india

केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने वडोदरा के डायमंड पावर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (डीपीआईएल) द्वारा 2,654 करोड़ रुपए के कथित कर्ज धोखाधड़ी मामले में बैंक ऑफ इंडिया के दो सेवानिवृत्त अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। पूर्व जीएम वीवी अग्निहोत्री और पूर्व...

बिजनेस डेस्कः केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने वडोदरा के डायमंड पावर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (डीपीआईएल) द्वारा 2,654 करोड़ रुपए के कथित कर्ज धोखाधड़ी मामले में बैंक ऑफ इंडिया के दो सेवानिवृत्त अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। पूर्व जीएम वीवी अग्निहोत्री और पूर्व डीजीएम पीके श्रीवास्तव पर कंपनी को गलत तरीके से क्रेडिट लिमिट देने का आरोप है।

लगा यह आरोप
शुक्रवार को जांच एजेंसी ने कहा कि दोनों ही पूर्व अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हें शनिवार को अहमदाबाद में स्पेशल कोर्ट के सामने पेश कर दिया जाएगा। ईडी ने इसी साल अप्रैल में पीएमएलए के तहत डायमंड पावर इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रमोटरों की लगभग 1,122 करोड़ रुपए की संपत्तियों को जब्त किया है। सीबीआई ने 18 अप्रैल को राजस्थान के उदयपुर से तीनों प्रमोटर्स को गिरफ्तार किया।

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बढ़ती गई कर्ज की रकम
एजेंसी ने प्राथमिकी में कहा था कि बिजली के तार और उपकरण बनाने वाली डीपीआईएल के प्रवर्तक सुरेश नारायण भटनागर और उनके दो बेटे अमित और सुमित हैं जो कि कंपनी के निदेशक भी हैं। कर्ज को 2016-17 में गैर निष्पादित संपत्ति घोषित कर दी गई। एजेंसी ने कहा था कि डीपीआईएल ने अपने प्रबंधन के जरिए 2008 से 11 बैंकों (सार्वजनिक और निजी दोनों) के समूह से कर्ज सुविधा हासिल की और 29 जून 2016 को 2654.40 करोड़ रुपए का कर्ज हो गया। 2007-08 के दौरान अग्निहोत्री वडोदरा स्थित बैंक ऑफ इंडिया के जोनल ऑफिस में एजीएम थे और श्रीवास्तव डीजीएम थे।

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