Edited By ,Updated: 21 Feb, 2017 10:22 AM
आयकर विभाग नोटबंदी के दौरान बैंक खातों में अघोषित नकदी जमा कराने की पड़ताल के अपने अभियान.....
नई दिल्लीः आयकर विभाग नोटबंदी के दौरान बैंक खातों में अघोषित नकदी जमा कराने की पड़ताल के अपने अभियान ‘आपरेशन क्लीन मनी’ का दूसरा चरण अगले महीने शुरू कर सकता है। हालांकि, दूसरे चरण में भी 5 लाख रुपए से कम की एकबारगी जमाआें को फिलहाल एक तरफ ही रखे जाने की उम्मीद है। अधिकारियों ने बताया कि आयकर विभाग पिछले साल 8 नवंबर के बाद व इससे पहले की जमाआें के विश्लेषण के लिए दो डेटा विश्लेषक फर्माें की नियुक्ति अगले दस दिन में करेगा। सरकार ने आठ नवंबर 2016 को 500, 1000 रुपए के नोट अमान्य कर दिए थे इस फैसले से 86 प्रतिशत मुद्रा चलन से बाहर हो गई।
2 आंकड़ा विश्लेषक फर्माें की नियुक्ति की जाएगी
अधिकारी ने कहा, ‘अगले दस दिन में सरकार को नोटबंदी से पहले व नोटबंदी के बाद करवाई गई जमाआें के आंकड़े बैंकों से मिल जाएंगे। यह डेटा स्टेटमेंट ऑफ फाइनेंसियल ट्रांजेक्शंस (एसएफटी) के तहत दिया जाना है।’ अधिकारी ने कहा कि विभाग इन आंकड़ों के विश्लेषण के लिए दो आंकड़ा विश्लेषक फर्माें की नियुक्ति करेगा। अधिकारियों के अनुसार इस कवायद का उद्देश्य उस व्यक्ति के अनेक बैंक खातों या पैन नंबरों को आपस में जोडऩा है जिसने बड़ी संख्या में नकदी जमा करवाई। आयकर विभाग ने समान पते, पैन संख्या, टेलीफोन नंबर, ईमेल पते या नाम जैसी समानता के आधार पर विभिन्न जमाआें में तार जोडऩे की कोशिश शुरू की है। अधिकारी ने कहा, ‘कम राशि वाली एकल जमाएं जांच दायरे में नहीं आएंगी।’
18 लाख लोगों को भेजे गए ईमेल
उल्लेखनीय है कि नोटबंदी के दौरान बैंक खातों में भारी जमाआें के मद्देनजर संभावित कर चोरों को पकड़ने के लिए विभाग ने ‘आपरेशन क्लीन मनी’ शुरू किया। इसके तहत पांच लाख रुपए से अधिक की संदिग्ध जमा करवाने वाले 18 लाख लोगों को एसएमएस, ईमेल भेजे गए। सात लाख से अधिक लोगों ने ई-फाइलिंग पोर्टल के जरिए अपने जवाब दिए और जमा करवाना स्वीकार किया।