जून में 12.40 लाख करोड़ रुपए के 4.27 करोड़ ई-वे बिल निकाले गए

Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Jul, 2020 05:01 PM

4 27 crore e way bills generated in june

जून में औसतन प्रतिदिन 14 लाख से अधिक ई-वे बिल निकाले गए। 50,000 रुपए से अधिक के माल के परिवहन के लिए ई-वे बिल जरूरी होता है। माल एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) ने रविवार

नई दिल्लीः जून में औसतन प्रतिदिन 14 लाख से अधिक ई-वे बिल निकाले गए। 50,000 रुपए से अधिक के माल के परिवहन के लिए ई-वे बिल जरूरी होता है। माल एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) ने रविवार को कहा कि जून में प्रतिदिन 14.26 लाख ई-वे बिल निकाले गए जो कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन से पहले के स्तर का करीब 77 प्रतिशत है।

जीएसटीएन ने बयान में कहा कि कंपनियों तथा ट्रांसपोर्टरों ने जून में 12.40 लाख करोड़ रुपए के माल के लिए 4.27 करोड़ ई-वे बिल निकाले। यह मार्च में निकाले गए 11.43 लाख करोड़ रुपए के मूल्य वाले चार करोड़ बिल से अधिक है। बयान में कहा गया है कि लॉकडाउन में ढील के बाद यह आर्थिक गतिविधियों में सुधार का संकेतक है। अप्रैल में 3.90 लाख करोड़ रुपए के 84.53 लाख और मई में 8.98 लाख करोड़ रुपए के बिल निकाले गए थे। इसकी तुलना में सरकार के पोर्टल से फरवरी में 15.39 लाख करोड़ रुपए के 5.63 करोड़ और जनवरी में 15.71 लाख करोड़ रुपए के 5.61 करोड़ बिल निकाले गए थे। 

आंकड़ों के अनुसार 25 जनवरी से 24 मार्च, 2020 के दौरान प्रतिदिन औसतन 18.49 लाख ई-वे बिल निकाले गए। लॉकडाउन के पहले चरण 25 मार्च से 14 अप्रैल के दौरान यह आंकड़ा बड़ी गिरावट के साथ 1.72 लाख बिल प्रतिदिन पर आ गया। लॉकडाउन 2.0 के दौरान 15 अप्रैल से तीन मई तक औसतन प्रतिदिन 3.51 लाख ई-वे बिल निकाले गए। लॉकडाउन के तीसरे चरण यानी चार मई से 14 मई के दौरान प्रतिदिन 6.75 लाख बिल निकाले गए। 

लॉकडाउन के चरण चार में 15 मई से 31 मई तक प्रतिदनि 9.84 लाख ई-वे बिल निकाले गए। जून में अनलॉक 1.0 के दौरान यह आंकड़ा बढ़कर 14.26 लाख बिल प्रतिदिन पर पहुंच गया। कोरोना वायरस पर काबू के लिए देश में 25 मार्च को लॉकडाउन लागू किया गया था। 

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