Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Mar, 2018 09:35 AM
रैवेन्यू डिपार्टमैंट की इंटैलीजैंस यूनिट ने कुछ बैंकों और ए.टी.एम. सर्विस देने वाली कंपनियों की कथित सांठ-गांठ की जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि यह सांठ-गांठ वैल्यू एडिड टैक्स यानी वैट चुकाने से बचने के लिए की गई थी। डायरैक्टोरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड...
नई दिल्लीः रैवेन्यू डिपार्टमैंट की इंटैलीजैंस यूनिट ने कुछ बैंकों और ए.टी.एम. सर्विस देने वाली कंपनियों की कथित सांठ-गांठ की जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि यह सांठ-गांठ वैल्यू एडिड टैक्स यानी वैट चुकाने से बचने के लिए की गई थी। डायरैक्टोरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटैलीजैंस (डी.जी.जी.एस.टी.आई.) ने एस.बी.आई., पी.एन.बी., केनरा बैंक, सिंडीकेट बैंक और उनके कुछ ए.टी.एम. सर्विस प्रोवाइडर्स को इस मसले पर इसी महीने नोटिस भेजे हैं। एन.सी.आर., ए.जी.एस. ट्रांजैक्ट, टाटा पेमैंट्स सॉल्यूशंस, हिताची सहित कई ए.टी.एम. सर्विस प्रोवाइडर्स को भी नोटिस भेजे गए हैं।
टैक्स अधिकारी यह जांच कर रहे हैं कि बैंकों और ए.टी.एम. सर्विस प्रोवाइडर्स के बीच कांट्रैक्ट्स पर वैट लागू हो सकता है या नहीं। घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक शख्स ने बताया कि अधिकतर मामलों में केवल सर्विस टैक्स चुकाया गया है और बैंकों ने उस पर क्रैडिट ले लिया है। कुछ मामलों में सर्विस टैक्स लागू नहीं था और केवल वैट चुकाना था। पहले की व्यवस्था में बैंक केवल सर्विस टैक्स का क्रैडिट ले सकते थे, वैट का नहीं।
डिपार्टमैंट ने मांगी 3 तरह की जानकारी
डिपार्टमैंट ने 3 तरह की जानकारी मांगी है। बैंकों को दी गई विभिन्न तरह की सेवाओं के अलावा इनवाइसेज और हर सर्विस पर चुकाए गए सर्विस टैक्स की जानकारी के साथ ही एग्रीमैंट/कांट्रैक्ट/वर्क ऑर्डर या ए.टी.एम. की आऊटसोर्सिंग की टम्र्स एंड कंडीशंस से जुड़ा कोई भी अन्य दस्तावेज और 2013-14 से लेकर 2016-17 के बीच की एनुअल रिपोर्टस की डिटेल्स मांगी गई हैं।