Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Feb, 2018 03:40 PM
1 फरवरी को पेश हुए आम बजट मे मिडिल क्लास को निराश कर दिया। जेटली द्वारा प्रस्तुत किए बजट में मिडिल क्लास को कोई लाभ नहीं मिला जिसके चर्चे चारों तरफ है वहीं बजट के बाद जेतली से इस संबंध पूछा गया तो
नई दिल्लीः 1 फरवरी को पेश हुए आम बजट मे मिडिल क्लास को निराश कर दिया। जेटली द्वारा प्रस्तुत किए बजट में मिडिल क्लास को कोई लाभ नहीं मिला जिसके चर्चे चारों तरफ है वहीं बजट के बाद जेतली से इस संबंध पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मिडिल क्लास को वो पहले ही राहत दे चुके है इस कारण बजट में उन्हें कोई विशेष हक नहीं दिया गया।बजट में सरकार ने सबसे ज्यादा गांव, गरीब और किसान पर रखा। अगर बजट में इन चीजों पर फोकस किया जाता तो शायद अच्छे दिन आ सकते थे।
-लंबे समय से टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख बनी हुई है। ऐसे में आम लोग सबसे ज्यादा इसी बात का इंतजार कर रहे थे। हालांकि इसमें लोगों को किसी तरह की रियायत नहीं मिली। सरकार ने सिर्फ सीनीयर सिटिजन को छूट देकर काम चला लिया। अगर जेटली छूट देते तो करोड़ों नौकरीपेशा लोगों को फायदा होता।
-सरकार ने बजट में ऐसी स्कीम का ऐलान तो किया, लेकिन इसका लाभ सीमित दायरे में सिर्फ 10 करोड़ बीपीएल परिवारों को मिलेगा। बाकी की आबादी अब भी अछूती है। जबकि भारत में हेल्थ मिडिल क्लास की बड़ी चिंता है। जहां गंभीर बीमारी एक परिवार के सालों की जमा पूंजी चट कर जाती है। मोदी अगर सबसे के लिए यह स्कीम लॉन्च करते तो सबसे ज्यादा फायदा मिडिल क्लास को होता।
-बजट में सरकार ने रोजगार बढ़ाने की बात तो दोहरायी, लेकिन कोई ठोस प्लान नहीं पेश किया। सरकार ने 70 लाख जॉब पैदा होने के दावा तो किया, लेकिन वह भी प्राइवेट रिसर्च एजेंसी के आधार पर। देश की 65 करोड़ आबादी 35 साल से नीचे के लोगों की है। एक सरकार जॉब के लिए बड़ा प्लान लेकर आती तो देश के हर परिवार को यह बजट टच करता।
-सरकार ने कैपिटल गेट टैक्स की छूट को इस साल बरकरार नहीं रखा। दरसअल 1 साल से अधिक की अवधि में शेयर या स्टॉक मार्केट से हुए मुनाफे सरकार टैक्स लेगी। सरकार के इस कदम से स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट देखी जा रही है। इसके चलते सिर्फ 2 दिन में ही मिडिल क्साल में आने वाले रीटेल इन्वेस्टर्स के हजारों करोड़ डूब चुके हैं।