फर्जी क्लेम को लेकर 2500 कारोबारियों पर शिकंजा, 40,000 करोड़ का GST रिफंड रोका

Edited By vasudha,Updated: 29 Jan, 2020 09:57 AM

40 000 crore gst refund stopped by government

सरकार ने फर्जी गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जी.एस.टी.) क्लेम करने वाले कारोबारियों पर बड़ी कार्रवाई की है। 2500 कारोबारियों पर शिकंजा कसते हुए सरकार ने 40,000 करोड़ रुपए का जी.एस.टी. रिफंड रोक कर दिया है। जी.एस.टी. रिफंड पर इस एक्शन की वजह जी.एस.टी....

बिजनेस डेस्क: सरकार ने फर्जी गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जी.एस.टी.) क्लेम करने वाले कारोबारियों पर बड़ी कार्रवाई की है। 2500 कारोबारियों पर शिकंजा कसते हुए सरकार ने 40,000 करोड़ रुपए का जी.एस.टी. रिफंड रोक कर दिया है। जी.एस.टी. रिफंड पर इस एक्शन की वजह जी.एस.टी. इन-वॉयस में मिलान न होना है। कारोबारियों के रिटर्न न दाखिल करने पर कार्रवाई हुई है। कई मामलों में सप्लायर की तरफ से इन-वॉयस अपलोड नहीं हुआ है। बायर्स का फर्जी इन-वॉयस अपलोड कर क्रैडिट क्लेम किया गया है। बता दें कि 20 प्रतिशत तक मिसमैच मामलों में क्रैडिट जारी होता था। अब सख्ती बढ़ाकर मिसमैच को 10 प्रतिशत किया गया है यानी 10 प्रतिशत से ज्यादा इन-वॉयस मिसमैच पर क्रैडिट रुकेगा।

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केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सी.बी.आई.सी.) ने निर्यातकों का यह रिफंड रोका है। सी.बी.आई.सी. ने अपने फील्ड दफ्तरों को निर्देश दिया है कि इन निर्यातकों का निर्धारित समय के भीतर वैरीफिकेशन किया जाए ताकि ईमानदार निर्यातकों को किसी तरह की समस्या न हो। 23 जनवरी को जारी एक सर्कुलर में सी.बी.आई.सी.के जी.एस.टी. पॉलिसी विंग ने अपने सभी आयुक्तों से कहा है कि वे उन सभी निर्यातकों को इसकी जानकारी दे दें जिनके मामले की वैरीफिकेशन की जानी है ताकि उनके वैरीफिकेशन की औपचारिकता पूरी करने के बाद फंड जारी करने की प्रक्रिया पूरी हो सके। सर्कुलर में कहा गया है कि पिछले कुछ महीनों में फर्जी तरीके से क्रैडिट हासिल कर धन हासिल करने या निर्यात वस्तुओं पर आई.जी.एस.टी. के रिफंड द्वारा अवैध तरीके से क्रैडिट हासिल करने के मामले सामने आए हैं। वैरीफिकेशन करने पर कई निर्यातक का अस्तित्व ही नहीं मिला। इन सभी मामलों में यह पाया गया कि निर्यातकों ने फर्जी बिल के आधार पर इनपुट टैक्स क्रैडिट हासिल किए और इन आई.टी.सी. का इस्तेमाल कर निर्यात पर आई.जी.एस.टी. रिफंड लिए।

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जी.एस.टी.कलैक्शन : सरकार के खजाने में आएंगे 1.13 लाख करोड़ रुपए! 
इस साल जनवरी में लगातार तीसरे महीने गुड्स एंड सॢवस टैक्स (जी.एस.टी.) कलैक्शन 1.08 लाख करोड़ रुपए से लेकर 1.13 लाख करोड़ रुपए तक हो सकता है। यानी सरकार के खजाने में इतनी राशि आने की उम्मीद है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक नवम्बर, 2019 में जी.एस.टी. कलैक्शन 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हुआ। दिसम्बर, 2019 में जी.एस.टी. कलैक्शन 1,03,184 करोड़ रुपए तक था। दिसम्बर, 2018 के मुकाबले इसमें 9 प्रतिशत का उछाल आया। दिसम्बर, 2018 में टोटल जी.एस.टी. कलैक्शन 97,276 करोड़ रुपए था। दिसम्बर, 2019 के कुल 1.03 लाख करोड़ रुपए जी.एस.टी. कलैक्शन में से सी.जी.एस.टी. (केन्द्र सरकार का जी.एस.टी. कलैक्शन) 19,962 करोड़ और राज्य सरकार का जी.एस.टी. कलैक्शन यानी एस.जी.एस.टी. 26,792 करोड़ रुपए था। इसके अलावा आई.जी.एस.टी. यानी एकीकृत वस्तु एवं सेवाकर 48,099 करोड़ रुपए और सैस 8331 करोड़ रुपए था। इस 8331 करोड़ रुपए में से 847 करोड़ रुपए इम्पोर्ट टैक्स कलैक्शन से हासिल हुए हैं।
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किस राज्य में हुआ सबसे ज्यादा कलैक्शन
सबसे ज्यादा कलैक्शन महाराष्ट्र से हुआ था। उसके बाद दूसरे नंबर पर कर्नाटक है। वैसे तो पिछले 3 महीनों में जी.एस.टी. कलैक्शन 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा रहा है। इसके बावजूद ज्यादातर राज्य अपना कलैक्शन टार्गेट हासिल नहीं कर पाए हैं। सरकार ने फिस्कल ईयर 2019-20 के लिए 6,63,343 लाख करोड़ रुपए का टार्गेट रखा है। वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में बताया था कि अक्तूबर, 2019 तक सरकार सिर्फ इसका आधा हासिल कर पाई थी।


 

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