450cr की कंपनी के बॉस हैं दृष्टिहीन श्रीकांत, नैशनल लेवल पर खेला क्रिकेट और शतरंज

Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Aug, 2018 06:39 PM

450cr company bosses are visually impaired srikkanth

श्रीकांत बोला के लिए दुनिया बहुत ही कठोर थी। बचपन में उन्हें ऐसे क्रूर तानों को सुनना पड़ा जो किसी नस्तर की भांति उन्हें चीर रहे थे। स्कूल में उन्हें आखिरी बेंच पर बैठने दिया जाता था, यहां तक कि उनके शिक्षकों को उन्हें पढ़ाना मुश्किल लगता था।

नई दिल्लीः श्रीकांत बोला के लिए दुनिया बहुत ही कठोर थी। बचपन में उन्हें ऐसे क्रूर तानों को सुनना पड़ा जो किसी नस्तर की भांति उन्हें चीर रहे थे। स्कूल में उन्हें आखिरी बेंच पर बैठने दिया जाता था, यहां तक कि उनके शिक्षकों को उन्हें पढ़ाना मुश्किल लगता था। पीटी के दौरान उन्हें बाहर बैठाया जाता था, उनके सहपाठी उनसे किनारा कर लेते थे। विज्ञान और गणित में कमजोर नहीं थे लेकिन फिर भी उन्हें आर्ट्स लेने के लिए मजबूर करने की कोशिश की गई। आईआईटी ने कहा कि उन्हें दाखिला नहीं मिल सकता। इन सबकी सिर्फ एक वजह थी कि वह दृष्टिहीन हैं।

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नैशनल लेवल पर खेला क्रिकेट और शतरंज 
श्रीकांत आज 27 साल के हैं। जगह-जगह ठुकराए जाने और क्रूर ताने भी उनका मनोबल नहीं तोड़ सके क्योंकि वह एक फाइटर हैं। जब आध्र प्रदेश एजुकेशन बोर्ड ने इंटरमीडिएट में उन्हें मैथ्स, फीजिक्स और केमिस्ट्री लेने की इजाजत नहीं दी तो उन्होंने कानूनी जंग लड़ी और जीत हासिल की। जब आईआईटी ने उनके दृष्टिहीन होने की वजह से उनसे भेदभाव किया तो उन्होंने देश के इस सर्वश्रेष्ठ इंजिनियरिंग इंस्टिट्यूट को अपने ही अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने विश्वप्रसिद्ध MIT से ग्रैजुएशन किया। जिन्हें पीटी क्लासेज में किनारे किया गया, उन्होंने नैशनल लेवल पर क्रिकेट और शतरंज खेला। 

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2012 में की बौलैंट की स्थापना 
2012 में MIT से ग्रैजुएशन के बाद श्रीकांत बोला भारत लौट आए और बोलेंट की स्थापना की। बोलेंट इंडस्ट्रीज के 7 मैन्यूफैक्टरिंग यूनिट्स हैं। कंपनी की आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक स्थित यूनिटों में पत्तियों और इस्तेमाल किए गए कागज से ईको-फ्रेंडली पैकेजिंग बनाई जाती है। 2012 से ही बोलैंट इंडस्ट्रीज 20 प्रतिशत मासिक की दर से विकास कर रही है। आज कंपनी की 7 फैक्ट्रियों से 10 करोड़ रुपए महीने की बिक्री होती है। कंपनी के स्टोर्स की एक मजबूत रिटेल चेन है। सितंबर 2017 में कंपनी की वैल्यू 413 करोड़ रुपए आंकी गई थी और श्रीकांत का लक्ष्य इसे 1,200 करोड़ रुपए पहुंचाने की है। उन्हें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2019 में कंपनी का टर्नओवर 150 करोड़ पहुंच जाएगा। उनकी कंपनी में 600 कर्मचारी हैं जिनमें से 40-50 प्रतिशत कर्मचारी डिफरेंटली एबल्ड हैं। 

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कंपनी में इन दिग्गजों ने किया निवेश 
उनकी कंपनी में रतन टाटा, सतीश रेड्डी, एस. पी. रेड्डी (रेड्डी लैबरेटरीज), श्रीनि राजू, चलामला सेट्टी और रवि मांथ जैसे दिग्गजों ने निवेश किया है। श्रीकांत बोला ने दृष्टिहीनता को कभी कमजोरी नहीं बनने दी। आज वह सफलता की मिसाल हैं। बोलैंट इंडस्ट्रीज के सीईओ और फाउंडर श्रीकांत हंसते हुए कहते हैं, 'किसी अन्य के लिए काम करना मेरे डीएनए में नहीं है। विकलांगता मन से होती है, शरीर से नहीं।' 

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