सालभर में 50 जाने माने रेस्ट्रॉन्ट्स और बर्गर जॉइंट्स पर लगा ताला

Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 May, 2018 12:54 PM

50 restaurants and burgers joints throughout the year

रेस्ट्रॉन्ट्स इंडस्ट्री के लिए पिछला एक साल मुसीबत वाला रहा है। इसी वजह से कंज्यूमर सेंटीमेंट में सुधार और लो बेस से कंजम्पशन में बढ़ोतरी के बावजूद पिछले 12 महीनों में देश में 50 मझोले जाने-माने कैजुअल डाइनिंग रेस्ट्रॉन्ट

नई दिल्लीः रेस्ट्रॉन्ट्स इंडस्ट्री के लिए पिछला एक साल मुसीबत वाला रहा है। इसी वजह से कंज्यूमर सेंटीमेंट में सुधार और लो बेस से कंजम्पशन में बढ़ोतरी के बावजूद पिछले 12 महीनों में देश में 50 मझोले जाने-माने कैजुअल डाइनिंग रेस्ट्रॉन्ट और हैमबर्गर जॉइंट्स बंद हो चुके हैं। इनपुट टैक्स क्रेडिट खत्म होने, लागत में बढ़ोतरी, सस्ती दरों पर फूड आइटम्स की बिक्री करने वाले हाइपर-लोकल डिलीवरी स्टोर्स की संख्या बढ़ने और रेंटल में बढ़ोतरी से इंडस्ट्री को चोट पहुंची है।

अमेरिका की डोमिनोज और डंकिन डोनट्स के भारत में स्टोर्स चलाने वाली जुबिलेंट फूडवर्क्स ने सालभर में घाटे में चल रहे 26 आउटलेट्स बंद किए हैं। टीजीआई फ्राइडेज ने पिछले महीने तीन स्टोर बंद किए, जबकि दो और अमेरिकी चेन वेंडीज और क्रिस्पी क्रीम को भी स्टोर्स बंद करने पड़े। जेएसएम हॉस्पिटैलिटी की कैलिफोर्निया पिज्जा किचेन और दिल्ली की कैफे आउट ऑफ द बॉक्स को भी कुछ स्टोर्स पर ताला लगाना पड़ा। 

फूड इंडस्ट्री के लिए ऑनलाइन प्लैटफॉर्म टैगटेस्ट की स्थापना करने वाले और प्राइवेट इक्विटी और फूड इंडस्ट्री के दिग्गज जसपाल सभरवाल ने बताया, 'महंगाई दर बढ़ने, जीएसटी सिस्टम में इनपुट क्रेडिट वापस लिए जाने और कॉम्पिटीशन बढ़ने जैसी कई वजहों से इंडस्ट्री की चुनौतियां बढ़ी हैं।' उन्होंने बताया कि नोटबंदी से पहले 2015 में इंडस्ट्री की जितनी सेल्स रही थी, इस साल बिक्री उससे कम रहेगी। उन्होंने बताया, 'कैजुअल डाइनिंग और क्यूएसआर सेगमेंट में स्टोर ट्रैफिक 14 पर्सेंट कम रह सकता है। वहीं, एवरेज बिल 2015 की तुलना में इस साल 7 पर्सेंट कम चल रही है।' सभरवाल ने बताया कि इस बीच लागत में 2015 की तुलना में 11 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई है।

इंडस्ट्री की समझ रखने वालों का कहना है कि भारत में हल्दीराम जैसे लोकल स्नैक्स ज्वाइंट की बिक्री मैकडॉनल्ड्स से अधिक है। इसलिए यहां हैमबर्गर जॉइंट्स के लिए बहुत कम स्कोप है। स्मोक हाउस डेली और सोशल जैसे फाइन डाइनिंग रेस्ट्रॉन्ट ब्रैंड्स की मालिक इंप्रेसारियो के सीईओ रियाज अमलानी ने बताया, 'भारत में पांच हैमबर्गर जॉइंट्स का टिके रहना मुश्किल है और यह स्पेस पहले ही मैकडॉनल्ड्स और केएफसी जैसी कंपनियां हथिया चुकी हैं।' 

उन्होंने बताया कि पिछले तीन-चार साल में जो विदेशी बर्गर चेन भारत आई हैं, वे अब अपने बिजनस में बदलाव कर रही हैं और सही मॉडल तलाशने की कोशिश में हैं। इसकी एक मिसाल अमेरिकी चेन फैटबर्गर है, जिसने गुड़गांव में अपना इकलौता स्टोर बंद कर दिया है। दुनिया की बड़ी बर्गर चेन्स में से एक वेंडीज ने कहा है कि वह भारत में 2019 तक 40-50 स्टोर्स खोलना चाहती है, लेकिन अभी वह देश में सिर्फ दो स्टोर ऑपरेट कर रही है। वह पहले ही तीन आउटलेट्स बंद कर चुकी है। इसी तरह, कार्ल्स जूनियर और जॉनी रॉकेट्स या तो अपने स्टोर साइज में कटौती कर रही हैं या मेन्यू में बदलाव। 

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