Edited By rajesh kumar,Updated: 31 Jul, 2020 11:16 AM
भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) ने कहा कि उसने मई में विभिन्न मीडिया मंचों पर कोविड-19 से संबंधित दावों से जुड़े 52 विज्ञापनों में आयुष मंत्रालय के दिशानिर्देशों का उल्लंघन पाया। विज्ञापन उद्योग के लिये बने इस स्व:नियमन निकाय ने कहा कि इसके...
मुंबई: भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) ने कहा कि उसने मई में विभिन्न मीडिया मंचों पर कोविड-19 से संबंधित दावों से जुड़े 52 विज्ञापनों में आयुष मंत्रालय के दिशानिर्देशों का उल्लंघन पाया। विज्ञापन उद्योग के लिये बने इस स्व:नियमन निकाय ने कहा कि इसके अलावा उसे अन्य ब्रांडों को लेकर आम लोगों से तीन शिकायतें मिली। परिषद ने कहा कि इन सभी 55 विज्ञापनों को लेकर आगे की कार्रवाई के लिये पूरी सूचना आयुष मंत्रालय को दे दी गयी है।
तीन विज्ञापनों को लेकर मिली शिकायत
इससे पहले, अप्रैल में परिषद ने आयुर्वेद और होम्योपैथिक औषधि बनाने वालों से नोवेल कोरोना वायरस संक्रमण को ठीक करने से संबद्ध 50 विज्ञापनों के बारे में सूचना दी थी। एएससीआई ने एक बयान में कहा कि तीन विज्ञापनों को लेकर आम लोगों से शिकायतें मिली थी। इन्हें निर्धारित मानकों के खिलाफ पाया गया। ये विज्ञापन कुका कफ सिरप, एलकेम फाइटोस्युटिकल्स और प्रशांति आयुर्वेदिक सेंटर के थे।
52 विज्ञापनों गलत
इसके अलावा परिषद ने स्वयं से नजर रखकर 52 विज्ञापनों को गलत पाया है और उसके बारे में रिपोर्ट मंत्रालय को दी है। इनमें आयुर्वेद और होम्योपैथी तरीके से उपचार करने वाले डॉक्टरों के कोविड-19 संक्रमण के उपचार को लेकर संदिग्ध दावे शामिल हैं। इस बीच, क्रिकेटर एम एस धोनी को ‘मैटरीमोनी डॉट कॉम’ के विज्ञापन को लेकर परिषद की आलोचना का सामना करना पड़ा है। इसमें किये गये दावे पूरी तरह से सही नहीं पाये गये। विज्ञापनदाता ने कोई साक्ष्य नहीं दिया जिससे पता चले कि धोनी ने इस विज्ञापन को करने से पहले इसकी जांच-पड़ताल की थी।