5जी स्पैक्ट्रम नीलामी: सरकार को लग सकता है झटका, 30 हजार करोड़ ही कमाई करने की उम्मीद

Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Jul, 2019 10:53 AM

5g spectrum auction government may feel shock hope to earn 30 000 crore

केन्द्र सरकार को स्पैक्ट्रम नीलामी से होने वाली मोटी कमाई की उम्मीद अब कम होती दिखाई दे रही है। इस स्पैक्ट्रम नीलामी में 5जी की भी नीलामी होनी है जिसे इस साल के अंत में पूरी करने की कोशिश होगी। एक अनुमान के मुताबिक

नई दिल्लीः केन्द्र सरकार को स्पैक्ट्रम नीलामी से होने वाली मोटी कमाई की उम्मीद अब कम होती दिखाई दे रही है। इस स्पैक्ट्रम नीलामी में 5जी की भी नीलामी होनी है जिसे इस साल के अंत में पूरी करने की कोशिश होगी। एक अनुमान के मुताबिक यह नीलामी करीब 30,000 करोड़ रुपए तक जा सकती है जिसमें सरकार को केवल 10,000 करोड़ रुपए ही मिल सकेंगे। साल 2016 में स्पैक्ट्रम नीलामी कुल 65,789 करोड़ रुपए की रही थी, जिसमें सरकार को 32,434 करोड़ रुपए मिले। वहीं साल 2015 में नीलामी की कुल कीमत 1.09 लाख करोड़ रुपए रही। इस दौरान सरकार की झोली में 28,872 करोड़ रुपए आए थे।

इसके पहले टैलीकॉम रैग्यूलेटरी अथॉरिटी ऑफ  इंडिया ने 8,664 मैगाहर्ट्ज स्पैक्ट्रम की नीलामी के लिए करीब 4.9 लाख करोड़ रुपए का अनुमान लगाया था। स्पैक्ट्रम की नीलामी में इतनी भारी गिरावट के पीछे सबसे प्रमुख कारण यह है कि ट्राई ने टैलीकॉम ऑप्रेटर्स की वित्तीय हालत को देखते हुए उच्च रिजर्व प्राइस की बात कही है। एक और बड़ा कारण यह है कि साल 2016 की तुलना में इस समय में ऑप्रेटर्स की संख्या में भी गिरावट आई है। इस साल केवल 3 ही ऑप्रेटर्स हैं जो इस नीलामी में भाग ले सकते हैं।

सरकार भी इस बात से सहमत है कि टैलीकॉम ऑप्रेटर्स वित्तीय परेशानियों से जूझ रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए टैलीकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद ने टैलीकॉम सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का भी गठन किया है। रविशंकर द्वारा गठित यह कमेटी टैलीकॉम सैक्टर पर विभिन्न तरह के पडऩे वाले बोझ जैसे लाइसैंस फीस, स्पैक्ट्रम उपयोग चार्ज आदि का रिव्यू करेगी।

ऑप्टिकल फाइबर पर कस्टम ड्यूटी बढऩे से टैलीकॉम कम्पनियों पर पड़ेगी मार
ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओ.एफ.सी.) पर कस्टम ड्यूटी 10 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने के बजट प्रपोजल से टैलीकॉम कम्पनियों की वित्तीय स्थिति और खराब हो सकती है। यानी उन पर मार पड़ सकती है। टैलीकॉम इंडस्ट्री के सूत्रों का कहना है कि इससे देश में 2020 तक 5जी के लांच की तैयारी में भी रुकावट आ सकती है। हालांकि भारतीय ऑप्टिकल फाइबर मैन्युफैक्चरर्स को उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस प्रपोजल से टैलीकॉम कम्पनियों को फाइबर देश में ही खरीदने का प्रोत्साहन मिलेगा और इससे डोमैस्टिक प्रोडक्शन में तेजी आएगी। देश में 5जी लांच करने में बड़ी रुकावट फाइबर कनैक्टिविटी की कमी है। टैलीकॉम टावर्स के 25 प्रतिशत से भी कम फाइबर से ङ्क्षलक्ड हैं। 
 

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