Edited By Supreet Kaur,Updated: 06 Apr, 2018 02:36 PM
ड्राइविंग करते समय मोबाइल फोन इस्तेमाल करने के दुष्परिणामों के भरपूर प्रचार के बावजूद करीब 60 फीसदी भारतीय ऐसा करते हैं और अपने साथ-साथ दूसरों की जिंदगी से भी खिलवाड़ करते हैं। इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि मात्र 25 फीसदी लोग ऐसे हैं,...
नई दिल्लीः ड्राइविंग करते समय मोबाइल फोन इस्तेमाल करने के दुष्परिणामों के भरपूर प्रचार के बावजूद करीब 60 फीसदी भारतीय ऐसा करते हैं और अपने साथ-साथ दूसरों की जिंदगी से भी खिलवाड़ करते हैं। इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि मात्र 25 फीसदी लोग ऐसे हैं, जिन्हें ट्रैफिक पुलिस ने ड्राइविंग के समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हुए पकड़ा है।
उत्तरी भारतीय सबसे आगे
निसान इंडिया और कनटार आइएमआरबी के 20 राज्यों में किए गए संयुक्त सर्वेक्षण से यह खुलासा हुआ है कि सर्वेक्षण में शामिल हर पांच में से तीन लोगों ने यह स्वीकार किया है कि वे ड्राइविंग के समय फोन का इस्तेमाल करते हैं। इस मामले में उत्तरी भारतीय सबसे आगे हैं। दक्षिण भारत में 52 फीसदी लोग ऐसा करते हैं जबकि उत्तर भारत के 62 फीसदी। इस मामले में ट्रैफिक पुलिस का रवैया भी लचर है। खुलेआम कानून तोड़ने वाले प्रत्येक चार में से मात्र एक व्यक्ति ने माना है कि वे ऐसा करते वक्त पुलिस द्वारा पकड़े गए।
64 फीसदी महिलाएं को पति की ड्राइविंग पर भरोसा
भारतीय वाहन चालकों की लापरवाही और बढ़ जाती है जब वे ओवर स्पीडिंग करते हैं। केरल में 60 फीसदी, दिल्ली में 51 फीसदी और पंजाब में 28 फीसदी वाहन चालकों ने ओवर स्पीडिंग की बात स्वीकार की है। सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक करीब 68 फीसदी भारतीयों ने नयी जगह जाते समय रास्ता भटकने की बात की है। सर्वेक्षण से यह पता चला है कि करीब 64 फीसदी महिलाएं अपने पति की ड्राइविंग पर भरोसा करती हैं लेकिन ऐसे मात्र 37 फीसदी पुरुष ऐसे हैं, जो अपनी पत्नी की ड्राइविंग पर भरोसा करते हैं। ऐसे मात्र 30 फीसदी माता-पिता हैं, जो अपने अपने बच्चों की ड्राइविंग पर भरोसा करते हैं।